Thursday, August 27, 2015

आज़ राखी के कुछ हाइकु  …सभी भाइयों को राखी की हार्दिक शुभकामनाएँ  ....
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1-
रिश्तों का प्यार
लिए आया है द्वार
राखी त्यौहार।
2-
राखी है भाई
लिए बहना आई
बाँधे कलाई।
3-
छूटे न कभी
तेरा मेरा ये प्यार
भैया हमार
4-
राखी की मौली
लिए आई बहना
अक्षत - रोली।
5-
रक्षा बंधन
इक पाक त्यौहार
जैसे चंदन। 
6-
राखी त्यौहार
देती तुझे बहना
दुआ अपार। 
7-
हिस्सा न पैसा
सुख दुःख में रहें
साथ हो ऐसा ।
8-
है अनमोल
रिश्ता पैसों से भैया
इसे न तोल ।
9-
राखी बंधाने
आसमां से उतरे
चाँद सितारे ।
10-
चली चिरैया
लिए राखी की डोर
भैया की ओर ।

हीर  …

18 comments:

सुशील कुमार जोशी said...

बहुत लम्बे समय के बाद आपकी सुंदर रचना दिखी । सभी बहनों को राखी की हार्दिक शुभकामनाएँ ....

हरकीरत ' हीर' said...

जी सुशिल जी आजकल फेसबुक पर ही अधिक लिखती हूँ .

हरकीरत ' हीर' said...

जी सुशिल जी आजकल फेसबुक पर ही अधिक लिखती हूँ .

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहन हरकरीरत जी।
फेसबुक पर हमें आपकी रचनाएँ पढ़ने के नहीं मिलती हैं!
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आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (29-08-2015) को "आया राखी का त्यौहार" (चर्चा अंक-2082) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
भाई-बहन के पवित्र प्रेम के प्रतीक
रक्षाबन्धन के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

ज्योति-कलश said...

मोहक हाइकु ...मंगलकामनाएँ !

रचना दीक्षित said...

वाह बहुत सुंदर, राखी के हायकू मज़ा आ गया. रक्षाबंधन की बधाइयाँ.

Onkar said...

बहुत सुंदर प्रस्तुति

जसवंत लोधी said...

वाह ।Seetamni. blogspot. in

Asha Joglekar said...

बहुत दिनों बाद आई आपके ब्लॉग पर। राखी के सुंदर हाइकू मिले। फेस बुक तो अच्छा हे पर यहाँ भी आपके कदर-दान हैं।

Unknown said...

Start self publishing with leading digital publishing company and start selling more copies
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Unknown said...

बहुत बढ़िया लेख हैं.. AchhiBaatein.com

Unknown said...

बहुत ही प्यारी रचना.. बधाई..

ब्लॉग पर लौट आया हूँ.. बहतु दिनों के बाद ब्लॉग भ्रमण कर रहा हूँ.. नयी रचना पोस्ट की है.. एक बार जरूर भ्रमण कर मार्गदर्शन करें..!

Goyal said...

very good post and also check out new post on hindi suvichar photosसुविचार

Parul kanani said...

harkeerat ji...aap kahan hai?

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

भाई बहन का प्यार हाइकू में समाया ... बहुत सुन्दर

डॉ टी एस दराल said...

सुन्दर हाइकु के साथ बहुत दिनों बाद ब्लॉग पर आना हुआ। बधाई और पर्व की शुभकामनायें।

Vibha Rashmi said...

चली चिरैया
लिए राखी की डोर
भैया की ओर ।
सभी हाइकु एक से बढ़कर एक ।पर खास दसवाँ सुन्दर । बधाई ।

How do we know said...

बहुत, बहुत सुंदर !