Tuesday, September 13, 2011

दूरदर्शन पर हुए कवि सम्मलेन की कुछ तस्वीरें .....

आज सिर्फ कुछ तस्वीरें .....
पिछली बार आद. राजेन्द्र जी की शिकायत थी कि मैंने झूठे इंद्रजाल में उलझा दिया .....
देखिये उनकी टिपण्णी .....:))

आदरणीय दराल साहब !

आपको हीरजी की पिछली पोस्ट पर मुझसे पूछे गए 'ऐंद्रजालिक' शब्द का अर्थ अब मिल गया न ?

आपको याद ही होगा - हीर जी ने कहा था -
शायद अगली बार कुछ तस्वीरें पेश करूँ .......

आप-हमको बहला दिया , हमें भ्रम में डाल दिया , सम्मोहित कर दिया , हम पर ज़ादू-इंद्रजाल कर दिया ,

और इनकी नई पोस्ट में आपको तस्वीरें नज़र आईं ?

और इतने सारे - सौभाग्य से दिल ख़ुश करने के बहाने दे दिए कि किसी को पिछली पोस्ट में ख़ुद इनके अपनेआप किए वादे के बारे में पूछना तक याद नहीं रहा … :))

हीर जी ने उलझा दिया सबको इंद्रजाल में ......!!

तो लीजिये राजेन्द्र जी हमने तोड़ दिया ये इंद्रजाल .....:))
पर इसके लिए हमें काफी मेहनत करनी पड़ी ...दूरदर्शन वालों ने काफी अनुरोध के बाद यह सी डी दी और हमने सी डी से ये कुछ तस्वीरें निकाली ....

एंकर कबीर और प्रीति तिवारी
सामने मंच पर सभी कवि विराजमान हैं और कुर्सियों पर ऑडियंस ......
इन्हें तो आप जानते ही होंगे .....:))
कवि सम्मलेन के पहले वंदना गीत पेश करती एक गायिका ......
और इन्हें भी .....??
यहाँ मेरी बगल में हैं कबीर , उनकी बगल में असमिया के युवा गायक भुइयां इन्होने कवि सम्मलेन के अंत में एक हिंदी गीत पेश किया था ,मेरी दूसरी और कवि चन्द्रप्रकाश पोद्दार , केन्द्रीय हिंदी निदेशालय के पूर्वोत्तर के प्रभारी उमाकांत खुबालकर और कवि किशोर जैन .....



:))


ये हैं ज़ीना बरुआ , उमाकांत खुबलकर ,डॉ सुधा श्रीवास्तव ,हरकीरत 'हीर'और चन्द्रप्रकाश पोद्दार
कैसी लगी .....:))