आप सबको मुहब्बत का ये पाक दिन मुबारक
आज के दिन के नाम कुछ 'हाइकु'
मुहब्बत के
दिन छलके हैं क्यूँ ?
आँखों से आँसू
हौले में तुम
छू जाना सबा संग
यादों की तार
देख उगा है
मुहब्बत का चाँद
मुस्कान लिए
आयेगीं याद
तुम्हें भी इस दिन
गुजरी बातें
देह से नहीं
होती है मुहब्बत
पाक रूह से
मुहब्बत है
रब्ब की इबादत
खेल नहीं है
लिखना तुम
सागर की छाती पे
प्रेम का गीत
हीर रांझे की
मुहब्बत वो पाक
सदियों याद
चनाब रोई
सोहणी महिवाल
आया न कोई
हीर …