Friday, July 3, 2009

चाँद फ़िर निकला.....

52 comments:

मुकेश कुमार तिवारी said...

हरकीरत जी,

बधाई हो संगीतबद्ध कविताओं के तोहफे की।

कर्णप्रिय लगता है।

सादर,

मुकेश कुमार तिवारी

Udan Tashtari said...

ऐसा लगा कि रेडियो बज रहा है और हम खो गये. वाह!!

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

बहुत सुँदर आवाज़ और आपकी नज्म भी
- लावण्या

अजित वडनेरकर said...

नज्म की तासीर सुनने में ही है...बधाई।
दिलीपभाई ने भी खूब किया...मेहनत की..

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत बधाई जी, दिलिप जी ने यहां बगल में बैठकर यह काम कर डाला और हमको खबर तक नही होने दी? मान गये आखिर उस्ताद जो ठहरे. लाजवाब आवाज और बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं दिलिप जी. बहुत शुभकामनाएं.

रामराम.

डिम्पल मल्होत्रा said...

congrats mam....aapki kavita to g utthi.....

अमिताभ मीत said...

बहुत सुन्दर नज़्म. दिलीप जी की आवाज़ में और निखर गई है. प्रस्तुतिकरण लाजवाब है. बधाई.

राजीव तनेजा said...

बधाई

satish kundan said...

बहुत मधुर गीत जो सीधे दिल को छूती है.....बधाई!!!!!!! मैंने एक नई पोस्ट डाली है आपका स्वागत है..............

पारुल "पुखराज" said...

प्रस्तुतिकरण लाजवाब है. बधाई.बहुत सुँदर आवाज़ और आपकी नज्म भी

"अर्श" said...

EK TO AAPKI NAZM AUR UPAR SE DILEEP JI KI DILKASH AAWAAZ... BAS UFFFFFF KAH SAKTA HUN....DHERO BADHAAYEE


ARSH

admin said...

अरे वाह, इसे ही कहते हैं उपर वाला जब भी देता, देता छप्पर फाड के।
बधाई।

-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

बहुत बधाई हो.

Anonymous said...

ऐसे तोहफे नायाब होते हैं।
बधाई

के सी said...

दिलीप जी के मोडूलेशन अच्छे हैं

सदा said...

आपको बहुत-बहुत बधाई ऐसे तोहफे के लिये जो आपके लिये प्रेरणा का काम करे, और सदा नया सृजन होता रहे, इसके लिये दिलीप जी का भी आभार्

नीरज गोस्वामी said...

दिलीप जी की आवाज के हम पहले से ही दीवाने हैं आप की नज्में उनकी आवाज़ में सुन कर मजा आ गया...वाह...सोने पे सुहागा वाली बात हो गयी ये तो.
नीरज

Vinay said...

jee ham jaa rahe hain sunane...

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

सुन्दर पोस्ट,
सुमधुर गीत-संगीत।

सुशील छौक्कर said...

सच में एक सुन्दर तोहफा मिला है आपको। सुन्दर शब्दों को एक अच्छी आवाज में सुनकर आनंद आ गया।

रंजू भाटिया said...

बहुत बहुत बधाई दिलीप जी की आवाज़ में वाकई जादू है

हर्ष प्रसाद said...

बहुत सुंदर..

kumar Dheeraj said...

खुशी की बात है तो खुश मै भी हूं । आपने जो लिखा है उसे एक आवाज मिला है । वैसे आप जो लिखते है उसे तो वास्तव में एक बजूद मिला है । लेखनी की कदर तो हर कोई करता है । आपको भी मिला है । शुक्रिया

Anonymous said...

बहुत सुंदर.

hem pandey said...

बहुत आनंद आया.

अलीम आज़मी said...

bahut umda .....mobarak ho aapko dil ki gahrayiyon se...........

दिगम्बर नासवा said...

सुँदर आवाज़ और आपकी नज्म ........
बधाई हो ......... दिल में utar जाती है seedhe

समय चक्र said...

दिलीप जी की आवाज़ में प्रस्तुतिकरण लाजवाब है. बधाई.

दर्पण साह said...

nazm bhi aur gayak bhi dono hi utkrisht...

...badhai is tohfe ke liye !!

Sajal Ehsaas said...

Lovely...

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' said...

हरकीरत जी,

संगीतबद्ध कविताओं के तोहफे की बधाई...

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

Badhaai ho!!!!!!!!!!!! bahut bahut shubhkaamnayen........ apki kavita ko aawaaz mil gayi........

Arvind Kumar said...

itni achhi gazal aur upar se etni pyari aawaz...kayamat dha gayi

manu said...

दिलीप जी की आवाज़ भी आपकी नज़्म जैसी ही गहरी है,,
हकीर साहिबा,,,
बहुत प्यारा तोहफा है हमें,,,
और साथ में ,,
चाँद फिर निकला का कोम्बिनेशन...
कत्ल है...

दिलीप कवठेकर said...

Shukriya aap sab kaa jo aapako yah prayaas aur prayog pasand aayaa.

Dar asal mere man meM jo bhav uthe, unakee abhivyakti shabdo ke saath aavaz me bhee ho sake to shayad us kavita me vyak kiye gaye bhaav , dard, aur tadap adhik mukhar ho uthengee aur dil ko chhoo lenge, jaise mere dil ko chooe.

vaise ye jadugaree to shabdo kee hee hai jinake bina ye abhuvyakti me praan nahee.

aage bhee yu hee chalate chalte aap sabhee uttam kaviyo kee rachanaye dil ko chhune par yahee prayaas karunga.

dhnanyad harakeerat jee kaa bhi jinhone ise blog par prakashit kiya!! Aapka bhi jinhone hausala afazaee kee.

(I am in Chennai hence in Roman script. Sorry)

प्रिया said...

hamne abhi suna nahi.... sound sys mein kuch gadbadi hai lakin aapko dhero badhai

Razi Shahab said...

bhut pyraaa

पूनम श्रीवास्तव said...

Bahut sundar aur prabhavshali dhang se prastut kii gayee aapakee rachanayen.sunkar achchhaa laga.
Poonam

Unknown said...
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Anonymous said...

ਇਨੀ ਛੇਤੀ ਕਮੇਨ੍ਟ ਹਟਾ ਕੇ ਬਹੁਤ ਵਧੀਆ ਕੀਤਾ ਤੁਸੀਂ.
ਮੈਂ ਆਪ ਫੋਨ ਕਰਨ ਲਗਾ ਸੀ, ਇਸਨੂੰ ਹਟਵਾਣ ਵਾਸਤੇ

Unknown said...

waah waah

anand aa gaya

harkeeratji, badhaai !

Mumukshh Ki Rachanain said...

शब्दों को सुर मिला.
लिखा - सुन भी लिया.
कर्ण-प्रिय लगा.
सुनवाने का आभार
हार्दिक बधाई शब्दों को सुर मिलने की

चन्द्र मोहन गुप्त

डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumar said...

हरकीरत जी,
बहुत ही बढ़िया ढग से पेश की गयी हैं आपकी रचनायें………॥सुनकर अच्छा लगा आपको और दिलीप जी दोनों को बधाई।
हेमन्त कुमार

संजीव गौतम said...

वाकई बहुत ही खूबसूरत. बधाई आपको इस तोहफे के लिये.

Alpana Verma said...

वाह हरकीरत जी!क्या बात है!

दिलीप जी की अदायगी लिए आवाज़ को पा कर यह नज़्म तो जैसे जिंदा हो गयी!

आप को बधाई!
दिलीप जी को धन्यवाद.

MEDIA GURU said...

bahut bahut badhai.

श्रद्धा जैन said...

Wah Nazm ko Dilip ji ki aawaz mein sunna waqayi man shant nisthabdh sunta rahta hai
bahut karn priy aawaz hai
aur us par aapke shabdon ka jadu

bus kamaal hai
sone jaa rahi thi meethi neend soungi

गौतम राजऋषि said...

मेरा नेट-कनेक्शन मुझे एकदम सुनने नहीं देता...प्लीज ये आडियो-क्लीप मुझे ई-मेल पर भेजे ...प्लीज!

daanish said...

khoobsurat shabdoN ki anokhi jadugari....aur bahut hi madhur aawaaz ki kashish.....
bs !! Neeraj bhai wali baat hi dohraata hooN...
SONE PR SUHAAGA

badhaaee
---MUFLIS---

Murari Pareek said...

वाह बहुत खुबसूरत अंदाज के साथ गला बख्सा गया है ! आपकी लेखनी को सही आयाम तभी मिलते जब कोई इतनी गहराई से अपना ले !!

Smart Indian said...

हकीर के अल्फाज़ और दिलीप की आवाज़, यह तो सोने पे सुहागा हो गया. धन्यवाद!

प्रिया said...

aaj sun paai dileep ji ke awaaj mein aapki nazm........one word... Behtareen