बहुत बधाई जी, दिलिप जी ने यहां बगल में बैठकर यह काम कर डाला और हमको खबर तक नही होने दी? मान गये आखिर उस्ताद जो ठहरे. लाजवाब आवाज और बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं दिलिप जी. बहुत शुभकामनाएं.
खुशी की बात है तो खुश मै भी हूं । आपने जो लिखा है उसे एक आवाज मिला है । वैसे आप जो लिखते है उसे तो वास्तव में एक बजूद मिला है । लेखनी की कदर तो हर कोई करता है । आपको भी मिला है । शुक्रिया
Shukriya aap sab kaa jo aapako yah prayaas aur prayog pasand aayaa.
Dar asal mere man meM jo bhav uthe, unakee abhivyakti shabdo ke saath aavaz me bhee ho sake to shayad us kavita me vyak kiye gaye bhaav , dard, aur tadap adhik mukhar ho uthengee aur dil ko chhoo lenge, jaise mere dil ko chooe.
vaise ye jadugaree to shabdo kee hee hai jinake bina ye abhuvyakti me praan nahee.
aage bhee yu hee chalate chalte aap sabhee uttam kaviyo kee rachanaye dil ko chhune par yahee prayaas karunga.
dhnanyad harakeerat jee kaa bhi jinhone ise blog par prakashit kiya!! Aapka bhi jinhone hausala afazaee kee.
क्या कहूँ अपने बारे में...? ऐसा कुछ बताने लायक है ही नहीं बस -
इक-दर्द था सीने में,जिसे लफ्जों में पिरोती रही
दिल में दहकते अंगारे लिए, मैं जिंदगी की सीढि़याँ चढती रही
कुछ माजियों की कतरने थीं, कुछ रातों की बेकसी
जख्मो के टांके मैं रातों को सीती रही। ('इक-दर्द' से संकलित)
52 comments:
हरकीरत जी,
बधाई हो संगीतबद्ध कविताओं के तोहफे की।
कर्णप्रिय लगता है।
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
ऐसा लगा कि रेडियो बज रहा है और हम खो गये. वाह!!
बहुत सुँदर आवाज़ और आपकी नज्म भी
- लावण्या
नज्म की तासीर सुनने में ही है...बधाई।
दिलीपभाई ने भी खूब किया...मेहनत की..
बहुत बधाई जी, दिलिप जी ने यहां बगल में बैठकर यह काम कर डाला और हमको खबर तक नही होने दी? मान गये आखिर उस्ताद जो ठहरे. लाजवाब आवाज और बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं दिलिप जी. बहुत शुभकामनाएं.
रामराम.
congrats mam....aapki kavita to g utthi.....
बहुत सुन्दर नज़्म. दिलीप जी की आवाज़ में और निखर गई है. प्रस्तुतिकरण लाजवाब है. बधाई.
बधाई
बहुत मधुर गीत जो सीधे दिल को छूती है.....बधाई!!!!!!! मैंने एक नई पोस्ट डाली है आपका स्वागत है..............
प्रस्तुतिकरण लाजवाब है. बधाई.बहुत सुँदर आवाज़ और आपकी नज्म भी
EK TO AAPKI NAZM AUR UPAR SE DILEEP JI KI DILKASH AAWAAZ... BAS UFFFFFF KAH SAKTA HUN....DHERO BADHAAYEE
ARSH
अरे वाह, इसे ही कहते हैं उपर वाला जब भी देता, देता छप्पर फाड के।
बधाई।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
बहुत बधाई हो.
ऐसे तोहफे नायाब होते हैं।
बधाई
दिलीप जी के मोडूलेशन अच्छे हैं
आपको बहुत-बहुत बधाई ऐसे तोहफे के लिये जो आपके लिये प्रेरणा का काम करे, और सदा नया सृजन होता रहे, इसके लिये दिलीप जी का भी आभार्
दिलीप जी की आवाज के हम पहले से ही दीवाने हैं आप की नज्में उनकी आवाज़ में सुन कर मजा आ गया...वाह...सोने पे सुहागा वाली बात हो गयी ये तो.
नीरज
jee ham jaa rahe hain sunane...
सुन्दर पोस्ट,
सुमधुर गीत-संगीत।
सच में एक सुन्दर तोहफा मिला है आपको। सुन्दर शब्दों को एक अच्छी आवाज में सुनकर आनंद आ गया।
बहुत बहुत बधाई दिलीप जी की आवाज़ में वाकई जादू है
बहुत सुंदर..
खुशी की बात है तो खुश मै भी हूं । आपने जो लिखा है उसे एक आवाज मिला है । वैसे आप जो लिखते है उसे तो वास्तव में एक बजूद मिला है । लेखनी की कदर तो हर कोई करता है । आपको भी मिला है । शुक्रिया
बहुत सुंदर.
बहुत आनंद आया.
bahut umda .....mobarak ho aapko dil ki gahrayiyon se...........
सुँदर आवाज़ और आपकी नज्म ........
बधाई हो ......... दिल में utar जाती है seedhe
दिलीप जी की आवाज़ में प्रस्तुतिकरण लाजवाब है. बधाई.
nazm bhi aur gayak bhi dono hi utkrisht...
...badhai is tohfe ke liye !!
Lovely...
हरकीरत जी,
संगीतबद्ध कविताओं के तोहफे की बधाई...
Badhaai ho!!!!!!!!!!!! bahut bahut shubhkaamnayen........ apki kavita ko aawaaz mil gayi........
itni achhi gazal aur upar se etni pyari aawaz...kayamat dha gayi
दिलीप जी की आवाज़ भी आपकी नज़्म जैसी ही गहरी है,,
हकीर साहिबा,,,
बहुत प्यारा तोहफा है हमें,,,
और साथ में ,,
चाँद फिर निकला का कोम्बिनेशन...
कत्ल है...
Shukriya aap sab kaa jo aapako yah prayaas aur prayog pasand aayaa.
Dar asal mere man meM jo bhav uthe, unakee abhivyakti shabdo ke saath aavaz me bhee ho sake to shayad us kavita me vyak kiye gaye bhaav , dard, aur tadap adhik mukhar ho uthengee aur dil ko chhoo lenge, jaise mere dil ko chooe.
vaise ye jadugaree to shabdo kee hee hai jinake bina ye abhuvyakti me praan nahee.
aage bhee yu hee chalate chalte aap sabhee uttam kaviyo kee rachanaye dil ko chhune par yahee prayaas karunga.
dhnanyad harakeerat jee kaa bhi jinhone ise blog par prakashit kiya!! Aapka bhi jinhone hausala afazaee kee.
(I am in Chennai hence in Roman script. Sorry)
hamne abhi suna nahi.... sound sys mein kuch gadbadi hai lakin aapko dhero badhai
bhut pyraaa
Bahut sundar aur prabhavshali dhang se prastut kii gayee aapakee rachanayen.sunkar achchhaa laga.
Poonam
ਇਨੀ ਛੇਤੀ ਕਮੇਨ੍ਟ ਹਟਾ ਕੇ ਬਹੁਤ ਵਧੀਆ ਕੀਤਾ ਤੁਸੀਂ.
ਮੈਂ ਆਪ ਫੋਨ ਕਰਨ ਲਗਾ ਸੀ, ਇਸਨੂੰ ਹਟਵਾਣ ਵਾਸਤੇ
waah waah
anand aa gaya
harkeeratji, badhaai !
शब्दों को सुर मिला.
लिखा - सुन भी लिया.
कर्ण-प्रिय लगा.
सुनवाने का आभार
हार्दिक बधाई शब्दों को सुर मिलने की
चन्द्र मोहन गुप्त
हरकीरत जी,
बहुत ही बढ़िया ढग से पेश की गयी हैं आपकी रचनायें………॥सुनकर अच्छा लगा आपको और दिलीप जी दोनों को बधाई।
हेमन्त कुमार
वाकई बहुत ही खूबसूरत. बधाई आपको इस तोहफे के लिये.
वाह हरकीरत जी!क्या बात है!
दिलीप जी की अदायगी लिए आवाज़ को पा कर यह नज़्म तो जैसे जिंदा हो गयी!
आप को बधाई!
दिलीप जी को धन्यवाद.
bahut bahut badhai.
Wah Nazm ko Dilip ji ki aawaz mein sunna waqayi man shant nisthabdh sunta rahta hai
bahut karn priy aawaz hai
aur us par aapke shabdon ka jadu
bus kamaal hai
sone jaa rahi thi meethi neend soungi
मेरा नेट-कनेक्शन मुझे एकदम सुनने नहीं देता...प्लीज ये आडियो-क्लीप मुझे ई-मेल पर भेजे ...प्लीज!
khoobsurat shabdoN ki anokhi jadugari....aur bahut hi madhur aawaaz ki kashish.....
bs !! Neeraj bhai wali baat hi dohraata hooN...
SONE PR SUHAAGA
badhaaee
---MUFLIS---
वाह बहुत खुबसूरत अंदाज के साथ गला बख्सा गया है ! आपकी लेखनी को सही आयाम तभी मिलते जब कोई इतनी गहराई से अपना ले !!
हकीर के अल्फाज़ और दिलीप की आवाज़, यह तो सोने पे सुहागा हो गया. धन्यवाद!
aaj sun paai dileep ji ke awaaj mein aapki nazm........one word... Behtareen
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