आज ब्लॉग दिवस की सबको शुभकामनाएं देते हुए ... बारिश की बूंदों में भीगी भीगी सी इक नर्म सी नज़्म .....
बारिश की पहली बूंद .....
*******************
खुली हथेलियों पे
जब से गिरी है बारिश की पहली बूँद
बन्द खिड़कियाँ ...
द्वार खटखटाने लगीं है
हवाओं में रह रह गूँजता है इक शब्द
देह ढूँढती है
गुम हुए शब्दों की पदचाप ....
जब से गिरी है बारिश की पहली बूँद
बन्द खिड़कियाँ ...
द्वार खटखटाने लगीं है
हवाओं में रह रह गूँजता है इक शब्द
देह ढूँढती है
गुम हुए शब्दों की पदचाप ....
टप ..टप ...तप
बारिश की बूंदे लिखने लगी हैं
देह पर भीगते शब्दों के गीत
कहीं कोरों में ठहरा हुआ पानी
खुरचने लगा है कोनों में उग आई काई
रात गला खँगार कर मुस्कुराने लगी है
फुनगी पर बैठे दर्द ने हौले से
नज़रें फेर लीं हैं ....
बारिश की बूंदे लिखने लगी हैं
देह पर भीगते शब्दों के गीत
कहीं कोरों में ठहरा हुआ पानी
खुरचने लगा है कोनों में उग आई काई
रात गला खँगार कर मुस्कुराने लगी है
फुनगी पर बैठे दर्द ने हौले से
नज़रें फेर लीं हैं ....
खिड़कियों से कूद आई हैं
गिलहरी सी उछलती कूदती मुस्कुराती लम्बी साँसें
इक शरारती सा शब्द होंठों पर तैर गया है ...
गिलहरी सी उछलती कूदती मुस्कुराती लम्बी साँसें
इक शरारती सा शब्द होंठों पर तैर गया है ...
बारिश की बूंदें नहीं जानती
उनका आना कितने मुर्दा शब्दों का ज़िंदा होना होता है
सूखे पड़े बंजर में कितने बीज अंकुरित होते हैं
आज बहुत सारे झूठे शब्द
पानी पर लिखेंगे
अधूरी कविताओं का प्रेम संदेश ...
उनका आना कितने मुर्दा शब्दों का ज़िंदा होना होता है
सूखे पड़े बंजर में कितने बीज अंकुरित होते हैं
आज बहुत सारे झूठे शब्द
पानी पर लिखेंगे
अधूरी कविताओं का प्रेम संदेश ...
हीर ...
17 comments:
अच्छी रचनाएं.
बारिश की बूंदे शब्दों को लहलहा दें और खूबसूरत नज़्म तैयार हो जाए ... क्या बात है ...
बड़ी भीगती भिगोती रचना है. आनंदित :)
बहुत सुन्दर
खिड़कियों से कूद आई हैं
गिलहरी सी उछलती कूदती मुस्कुराती लम्बी साँसें
इक शरारती सा शब्द होंठों पर तैर गया है ...
आपकी नज्मों का तो एक एक शब्द ही पुरी नज्म लगता है, बहुत शुभकामनाएं.\
#हिंदी_ब्लागिँग में नया जोश भरने के लिये आपका सादर आभार
रामराम
०३०
अन्तर्राष्ट्रीय ब्लोगर्स डे की शुभकामनायें ..... हिन्दी ब्लॉग दिवस का हैशटैग है #हिन्दी_ब्लॉगिंग .... पोस्ट लिखें या टिपण्णी , टैग अवश्य करें ......
बहुत सुन्दर भाव संयोजन
हम तो कहेंगे
ताऊ के डंडे ने कमाल कर दिया
ब्लोगर्स को बुला कमाल कर दिया
#हिंदी_ब्लोगिंग जिंदाबाद
यात्रा कहीं से शुरू हो वापसी घर पर ही होती है :)
सार्थक लेखन.....अंतरराष्ट्रीय हिन्दी ब्लॉग दिवस पर आपका योगदान सराहनीय है. हम आपका अभिनन्दन करते हैं. हिन्दी ब्लॉग जगत आबाद रहे. अनंत शुभकामनायें. नियमित लिखें. साधुवाद.. आज पोस्ट लिख टैग करे ब्लॉग को आबाद करने के लिए
#हिन्दी_ब्लॉगिंग
जय हिंद...जय #हिन्दी_ब्लॉगिंग...
बल्ले बल्ले जी
झमाझम बारिश भी होगी।
बारिश की बूंदों की बहुत जरुरत है इस वक्त।
Heer Ji tvada jawab nai...kamaal di rachna...waah ji waah...
सुन्दर कविता
बहुत लम्बे अर्से के बाद अच्छा लगा । सुन्दर रचना।
2015 के बाद 2017 मुबारक हो।
पंजाबी जादू।
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति :)
ब्लोगर्स डे की शुभकामनायें
Post a Comment