आज देखिये शनिवार 24 नवम्बर 2012 को हुए मेरे संपादन में निकली पत्रिका 'सरस्वति-सुमन' और मेरे काव्य संग्रह 'दर्द की 'महक के लोकार्पण की कुछ तसवीरें ......
Tuesday, November 27, 2012
लोकार्पण की कुछ तसवीरें ......
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हरकीरत ' हीर'
at
9:48 PM
आज देखिये शनिवार 24 नवम्बर 2012 को हुए मेरे संपादन में निकली पत्रिका 'सरस्वति-सुमन' और मेरे काव्य संग्रह 'दर्द की 'महक के लोकार्पण की कुछ तसवीरें ......
Monday, November 12, 2012
अय अंधेरों !जरा संभलना आज की रात
Posted by
हरकीरत ' हीर'
at
10:23 PM
अय अंधेरों !जरा संभलना आज की रात
मैंने डाला है दीयों में उसके नाम का तेल
मैंने डाला है दीयों में उसके नाम का तेल
दीपावली की शुभकामनाओं सहित पेश हैं कुछ हाइकू ......
इन्हें आप यहाँ भी देख सकते हैं ......http://hindihaiku.wordpress.com/2012/11/12/%E0%A4%A4%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A5%87-%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%AE-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%A6%E0%A5%80%E0%A4%AF%E0%A4%BE/#comment-3419
तेरे नाम का दीया ........
बाती प्रेम की
डाल,दीप जलाया
अब न जाना ।
2
कैसे जलाऊँ
दीपक, तुझ बिन
सूनी दिवाली ।
3
अन्धकार है
मन के दीपक में
करो उजाला ।
4
जलूँ बाती -सी
हर दिवाली, प्रिय
यादों में तेरी ।
5
जलाऊँ प्रिय
तेरे नाम का दीया
हर दिवाली ।
6
दूर दिखे जो
कोई बुझता दीप
करना याद ।
7
दिखे दीप में
बस तेरा चेहरा
प्रीतम मेरे ।
8
डाला दीप में
तेरे नाम का तेल
जलते जाना। ।
9
दीपक रोया
जले है बाती ही क्यों
प्रेम में मेरे ।
10
लौट के आ जा
बुझ न जाए कहीं
उम्र का दीया !
11
बुझा पड़ा है
मुहब्बत का दीया
जलाऊँ कैसे ?
12
इस बार जो
आओ तो जला जाना
प्रेम का दीप ।
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