तेरे नाम का दीया ........
1
बाती प्रेम की
डाल,दीप जलाया
अब न जाना ।
2
कैसे जलाऊँ
दीपक, तुझ बिन
सूनी दिवाली ।
3
अन्धकार है
मन के दीपक में
करो उजाला ।
4
जलूँ बाती -सी
हर दिवाली, प्रिय
यादों में तेरी ।
5
जलाऊँ प्रिय
तेरे नाम का दीया
हर दिवाली ।
6
दूर दिखे जो
कोई बुझता दीप
करना याद ।
7
दिखे दीप में
बस तेरा चेहरा
प्रीतम मेरे ।
8
डाला दीप में
तेरे नाम का तेल
जलते जाना। ।
9
दीपक रोया
जले है बाती ही क्यों
प्रेम में मेरे ।
10
लौट के आ जा
बुझ न जाए कहीं
उम्र का दीया !
11
बुझा पड़ा है
मुहब्बत का दीया
जलाऊँ कैसे ?
12
इस बार जो
आओ तो जला जाना
प्रेम का दीप ।