होली पर कुछ हाइकू ....
उड़ा गुलाल ...........
१
उड़ा गुलाल
फिर आसमान में
आई रे होली ..!
2
रंग -रंगोली
मन हुआ फागुनी
भांग की गोली
३
रंग प्रेम का
मिल सारे रंग लो
भुला दो बैर ।
४
दगाबाज तू
खेलूँ न तुझ संग
बैरी मैं होरी ..!
( एक अज़ीज़ मित्र के लिए )
५
मन रंग दे
तन रंग दे मोरा
आई रे होली ..!॥
६
अखियाँ ढूंढें
तुझको, तुझ बिन
कैसी ये होली ..?
७
मीत बिना, न
रंग सुहाए,सूनी
सूनी होली रे ..!
८
भीगी अखियाँ
भीगा है तुझबिन
मन होली में ।
९
भीगे - चूनर
गली -गली में खेले
नन्द किशोर
उड़ा गुलाल ...........
१
उड़ा गुलाल
फिर आसमान में
आई रे होली ..!
2
रंग -रंगोली
मन हुआ फागुनी
भांग की गोली
३
रंग प्रेम का
मिल सारे रंग लो
भुला दो बैर ।
४
दगाबाज तू
खेलूँ न तुझ संग
बैरी मैं होरी ..!
( एक अज़ीज़ मित्र के लिए )
५
मन रंग दे
तन रंग दे मोरा
आई रे होली ..!॥
६
अखियाँ ढूंढें
तुझको, तुझ बिन
कैसी ये होली ..?
७
मीत बिना, न
रंग सुहाए,सूनी
सूनी होली रे ..!
८
भीगी अखियाँ
भीगा है तुझबिन
मन होली में ।
९
भीगे - चूनर
गली -गली में खेले
नन्द किशोर