पिछली बार आद. राजेन्द्र जी की शिकायत थी कि मैंने झूठे इंद्रजाल में उलझा दिया .....
देखिये उनकी टिपण्णी .....:))
आदरणीय दराल साहब !
आपको हीरजी की पिछली पोस्ट पर मुझसे पूछे गए 'ऐंद्रजालिक' शब्द का अर्थ अब मिल गया न ?
आपको याद ही होगा - हीर जी ने कहा था -
शायद अगली बार कुछ तस्वीरें पेश करूँ .......
आप-हमको बहला दिया , हमें भ्रम में डाल दिया , सम्मोहित कर दिया , हम पर ज़ादू-इंद्रजाल कर दिया ,
… और इनकी नई पोस्ट में आपको तस्वीरें नज़र आईं ?
और इतने सारे - सौभाग्य से दिल ख़ुश करने के बहाने दे दिए कि किसी को पिछली पोस्ट में ख़ुद इनके अपनेआप किए वादे के बारे में पूछना तक याद नहीं रहा … :))
हीर जी ने उलझा दिया न सबको इंद्रजाल में ......!!
तो लीजिये राजेन्द्र जी हमने तोड़ दिया ये इंद्रजाल .....:))
पर इसके लिए हमें काफी मेहनत करनी पड़ी ...दूरदर्शन वालों ने काफी अनुरोध के बाद यह सी डी दी और हमने सी डी से ये कुछ तस्वीरें निकाली ....
सामने मंच पर सभी कवि विराजमान हैं और कुर्सियों पर ऑडियंस ......
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhp3MI2WwFmcfitjqIT5g-iC8Xq5DCL7vKZbfu4C8DUXcWbKW2ghcONjjtPHY6t9KhYGxgjjQOiGGboHLi7HB41u8uNj-lCZ8xWDBolkMcVbDo-LC-uy9nsBM_oDOdnrusNX27_2Uft4e0/s200/2222.jpg)
:))
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjGg8IC7NEX7kvXqB-douQVe_i9t78C0kaVI0rgoni6NfbexcfzDf0vrjVjQSj1AlyMnut_DBcBQ8XdChxw9ovcpDRxPqjwQjQAy2r6le16nmCE7eSo2FLAiHh4q21HqS_2T8Rqlk1-sSA/s200/444.jpg)