Sunday, May 12, 2013

मातृ दिवस पर कुछ हाइकु .........

मातृ दिवस पर कुछ हाइकु .........

(१)

संग है रोई
हर दर्द मेरे माँ
दूजा  न कोई

(२)

माँ की ममता
त्याग,तप,क्षमा की 
 रब्ब सी मूरत 

(३)

इतनी प्यारी
उसके आँचल में
ज़न्नत सारी
(४)

गीत ग़ज़ल
सबपर लुटाती
प्रेम निश्छल 

(५ )

माँ का कर्ज़
चुकाना है तुझको
निभा के फ़र्ज़

(६)


माँ का दर्ज़ा
भगवान से बड़ा
दुनिया माने 


(७)


तेरी दुआएं 
सदा साथ मेरे
माँ
राह दिखाती 

(८)
 

मोल नहीं माँ
चुका सकता कोई
तेरे दूध का 


(९)


ये रिश्ता जैसे 
 
तपती रेत पर
शीतल छाया 


(१०)


 जन्मी 'हीर' जो 
तुझ जैसी कोख से
धन्य हुई माँ
 

(11)

रोई है बेटी
आज भीगा होगा माँ
तेरा भी मन ?

(12)


कटे हैं पंख
भरूं उडारी कैसे
तुझ तक माँ ?

(13)


कैसा बंधन
टूटे हैं मन धागे
जोडूँ माँ कैसे ?


(14)

बंद द्वारों में
दम घुटता है माँ
पास बुला ले 


(15)


तकदीरों के
उलझे पन्ने
फिर

सुलझा दो माँ 
 
***************

माँ पर लिखी इक पंजाबी कविता का अनुवाद भी ....


माँ .....

माँ बोलती तो कहीं
गुफाओं से
गूंज उठते अक्षर
मंदिर की घंटियों में घुल
लोक गीतों से गुनगुना उठते
माँ के बोल ...

माँ रोती 

तो उतर आते
आसमां पर बादल
कहीं कोई बिजली सी चमकती
झुलस जाती डालें
कुछ दरख्त अडोल से खड़े रह जाते ....

माँ पर्वत नहीं थी
पानी और आग भी नहीं थी
वह तो आंसुओं की नींव पर उगा 
दुआओं का फूल थी 
आज भी जब देखती हूँ
भरी आँखों से माँ की तस्वीर
उसकी आँखों में उग आते हैं
दुआओं के बोल .....
******************************

37 comments:

कालीपद "प्रसाद" said...


बहुत सुन्दर हाइकू !
डैश बोर्ड पर पाता हूँ आपकी रचना, अनुशरण कर ब्लॉग को
अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
latest post हे ! भारत के मातायों
latest postअनुभूति : क्षणिकाएं

Saras said...

हर हाइकू एक सच ...शाश्वत ..सुन्दर !

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत ही ममता मय हाइकू, शुभकामनाएं.

रामराम.

Ramakant Singh said...

मातृ दिवस की शुभकामनाएं
शुभकामना बेहतरीन प्रस्तुति
बहुत सुन्दर हाइकू !

राजेश सिंह said...

हमेशा की तरह छोटी-छोटी पंक्तियों में बहुत कुछ समेटा हुआ

ब्लॉग बुलेटिन said...

ब्लॉग बुलेटिन के माँ दिवस विशेषांक माँ संवेदना है - वन्दे-मातरम् - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

दिगम्बर नासवा said...

इतनी प्यारी
उसके आँचल में
ज़न्नत सारी ..

हर हाइकू माँ को नमन कर रहा है ... साश्वत है ... आज के दिवस को सार्थक करते ...

महेन्द्र श्रीवास्तव said...

सभी हाईकू एक से बढ़कर एक

बहुत सुंदर

Rekha Joshi said...

बहुत सुन्दर हाइकू ,शुभकामनाएं.

devendra gautam said...

मात्र 17 अक्षरों में इतने गहरे भावों की अभिव्यक्ति. कमाल है.आपकी कविताएं लंबे समय से पढ़ता रहा हूं. काव्य की इतनी विधाओं में पारंगत होना हरकीरत हीर जैसी काव्य साधिका के लिये ही संभव है.

डॉ टी एस दराल said...

माँ की याद भी हर दिल को सकूं पहुंचाती है।
सुन्दर हाइकु।

Rajendra kumar said...

माँ के लिए बहुत ही सुन्दर हाइकू,आपका आभार.

राहुल said...

बहुत सुंदर ...शाश्वत ...

रचना दीक्षित said...

तेरी दुआएं
सदा साथ मेरे माँ
राह दिखाती.

मैं अभी किसी ब्लॉग पर यही कह रही थी की माँ को याद करने का क्या दिवस. होना तो ऐसा चाहिये की कोई दिवस ऐसा ढूंढों जब माँ याद न आती हो.

दिल से लिखे हायकू दिवस की सार्थकता संजोंते.

प्रवीण पाण्डेय said...

ममता की छोटी छोटी बूँदें..

अशोक सलूजा said...

कुछ तो गुनाह होगा ,
जो हिस्से में आई हमारे बेवफाई
मुबारक हो उनको ,
जिनके हिस्से में माँ की ममता आई

मन्टू कुमार said...

Ati-Sundar.
Maa Ke Liye Itna Sabkuchh Likhne-Padhne Ke Baad Bhi Bahut Kuchh Adhura Rah Jata Hai...'Maa' Aisi Hi Hai...

Sadar

Anita Lalit (अनिता ललित ) said...

बहुत ख़ूबसूरत, भावपूर्ण हाइकु ....~दिल को छू गये..
~सादर!!!

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

हाइकु में माँ के प्रति श्रद्धा दिख रही है .... बहुत सुंदर हाइकु ...


कभी कुछ हाइकु मैंने भी लिखे थे माँ की याद में---


माँ का आँचल
आज भी लहराता
सुखद यादें ।

******************
मीठी निबौरी
माँ की फटकार
गुणी औषध ।

**************
माँ का लगाया
काजल का दिठौना
याद है मुझे

*****************
राह तकते
करती इंतज़ार
माँ की नज़र ।

***************
माँ का आशीष
महसूस करूँ मैं
यही चाहना ।
*******************

Maheshwari kaneri said...

सभी हाईकु बहुत ही सुन्दर और् मर्मस्पर्शी है॥ आभार्

Anju (Anu) Chaudhary said...

वाह ...सटीक हाइकु


हर माँ को नमन

सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼ said...

हीर जी,

सत श्री अकाल!

याद दिला दी माँ की!

आशीष

--

थर्टीन एक्सप्रेशंस ऑफ़ लव!!!

Dr.NISHA MAHARANA said...

ma ..ki mamta ko shabdon me bandhna muskil ...bahut acchhi abhiwayakti ...heer jee ..

हरकीरत ' हीर' said...

बहुत सुंदर संगीता जी ....
ये आदरणीय रामेश्वर कम्बोज जी की मेहरबानी है जो मेरा हाइकु की और रुझान हुआ वरना ये विधा मुझे पसंद न थी .....

सदा said...

माँ का स्‍मरण लिए
हर हाइकु जबरदस्‍त ....
सादर

विभा रानी श्रीवास्तव said...

माँ पर कुछ भी लिखना सूरज को दिये दिखलाने जैसा होता है
माँ के साये से ही रौशन होता है बच्चे का जहां
सादर

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

हीर जी ,

मैंने भी जो थोड़ा बहुत लिखा है इस विधा में वो अदरणीय रामेश्वर काम्बोज जी की प्रेरणा से ही लिखा है .... उनका आभार ।

डॉ. मोनिका शर्मा said...

ममतामयी हाइकु

Jyoti khare said...


माँ और जीवन के सुंदर हाइकू
भावपूर्ण शब्द चित्र
बधाई

आग्रह है मेरे ब्लॉग में सम्मलित हों
http://jyoti-khare.blogspot.in

सुभाष नीरव said...

माँ पर केन्द्रित आपके हाइकु अच्छे लगे। यह तो बहुत ही प्यारा है -
इतनी प्यारी
उसके आँचल में
ज़न्नत सारी

Arun sathi said...

marmik...maa ishwar hai...sahi barnan

Rajput said...

माँ रोती
तो उतर आते
आसमां पर बादल
कहीं कोई बिजली सी चमकती
झुलस जाती डालें
कुछ दरख्त अडोल से खड़े रह जाते ...
हमेशा की तरह लाजवाब रचना

Onkar said...

वाह. तारीफ के लिए शब्द नहीं हैं

Parul kanani said...

jitna bhi keha jaye kam hai..ultimate!

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' said...

बहुत अच्छी प्रस्तुति....बहुत बहुत बधाई...

Tamasha-E-Zindagi said...

आनंदमय, बेहतरीन, लाजवाब हाइकू | आभार

कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page

Asha Joglekar said...

सुंदर हाइकू ये वाला छू गया दिल .

रोई है बेटी
आज भीगा होगा माँ
तेरा भी मन ?

मां की कविता भी प्यारी प्यारी मां जैसी ।