एक छोटा सा तोहफा और .....ये ' पदक ' और ये ' सम्मान- पत्र ' ...... इसी के साथ पेश है "एक दुष्यंत और " में प्रकाशित एक नज़्म.........." मोहब्बत की निगार है नज़्म...."
नज़्म....
मानो तो ख़ुदा की इबादत का साज़ है नज़्म
बेबस खामोशी की आवाज है नज़्म
किसी कब्र में सिसकती मोहब्बत की निगार है नज़्म
आशिकों की रूह से निकली पुकार है नज़्म
हवाओं का भी रुख मोड़ दे वो तूफान है नज़्म
दिल में छुपे दर्द की जुबान है नज़्म
बेंध दे सीना पत्थरों का वो औज़ार है नज़्म
शायर और आशिकों की मजार है नज़्म
चट्टानों पर लिखा इश्क का पैगाम है नज़्म
न भूले सदियों तक 'हकीर' वो इलहाम है नज़्म
१) निगार - प्रतिमा, मूर्ति , २) इलहाम - देववाणी
63 comments:
बहुअ बहुत हार्दिक बधाई.
हवाओं का भी रुख मोड़ दे वो तूफान है नज़्म
दिल में छुपे दर्द की जुबान है नज़्म
बिल्कुल सही बात लिखी है आपने.
आप ग्वालियर से तरीफ़ लाती है!!!
तशरीफ़...
हार्दिक बधाईयां मैम...
ये तो लाजवाब खबर है।
मिठाई???
बधाई ,मर्मस्पर्शी नज़्म !
ye tohfaa chhota naheeN hai
ye aapke khoobsurat lekhan ka sammaan hai..jo kabhi km ya chhota nahi ho sakta...
iss sammaan ki Desh ke anya praanto mein bhi charchaa hai.
Kanpur se nikle ek Kaavya-Sangrah mei bhi aapki ek nazm chhapi hai..
yaad kijiye..Dr Avdhesh !!
khair...bahut bahut badhaaee.
---MUFLIS---
aapki cheezen isiliye to acchhi lagti hain hamen....ki vo hamen bhi ho jaati hain hazam....!!
sach acchha likha hai aapne....!!
बधाई
नज़्म कुछ ख़ास है आपकी
nazm ki naazuki
aur nazm ki khoobsoorati bayan karti aapki is rachna par
itna hi kahoonga ki
bazm me zikra hoga nazm ka toh naam tumhaara aayega....
badhaai !
बहुत बहुत हार्दिक बधाई और अभिनंदन. बस आपकी सफ़लता से सबका दिल बाग बाग हो गया. ईश्वर आपको युं ही सफ़लता के मुकाम तक पहुंचाता रहे.
बहुत बहुत शुभकामनाएं.
रामराम.
नज़्म की बात नज़्म मे बहुत खुब .......बधाई ........नतमस्तक है हम
चट्टानों पर लिखा इश्क का पैगाम है नज़्म
न भूले सदियों तक 'हकीर' वो इलहाम है नज़्म
बहुत ही बेहतरीन रचना, हर पंक्ति दिल के बेहद करीब, बधाई ।
सबसे पहले तो ये बताईए कि हमारी मिठाई है कहाँ है? आपको बहुत बहुत बधाई। सच जब अपने किए काम पर इनाम मिलता है तो तो जोश दुगना और दिल को खुशी मिलती है। और हाँ नज़्म पर नज़्म बेहतरीन है।
bahut sundar,
किसी कब्र में सिसकती मोहब्बत की निगार है नज़्म
आशिकों की रूह से निकली पुकार है नज़्म
हवाओं का भी रुख मोड़ दे वो तूफान है नज़्म
दिल में छुपे दर्द की जुबान है नज़्म
kitana bhav bhara hai ..
badhayi..
मानो तो ख़ुदा की इबादत का साज़ है नज़्म
बेबस खामोशी की आवाज है नज़्म
सही बात है ,सम्मान पाने की बहुत -बहुत बधाई,
harkirat ji aapko awad ke liye badhayiya..... najm bhi achchi likhi hai aapne..........
सम्मानों के लिए हार्दिक बधाई.
shayaron ka majar hai nazm... waah kya baat hai! bol kar dekha to zyada achcha laga. abhi tak samajhta tha kewal..
बहुत खूबसूरत नज़्म...वल्लाह क्या बात है...
नीरज
Bahut achchhi nazm likhi hain aapne. Padhkar mazaa aa gaya. Meri ghazal (AB NA SAAKI, NA VO JAAM BAAKI RAHE) ki taareef ke liye dil se shukriya. --- ANURAG
हार्दिक बधाई ...
हवाओं का भी रुख मोड़ दे वो तूफान है नज़्म
दिल में छुपे दर्द की जुबान है नज़्म
हार्दिक बधाई, सही बात लिखी है आपने.........najm apne aap mein zindagi hi to hai........ मज़ा आ गया हमेशा की तरह .......... lajawaab
बहुत बढ़िया है नज्म.
मानो तो ख़ुदा की इबादत का साज़ है नज़्म
बेबस खामोशी की आवाज है नज़्म......waah
सर्वप्रथम आपने मुझे और मेरी कविता को जो सम्मान दिया है उसकेलिए मैं नत-मस्तक हूँ,
आपकी नज़्म की तारीफ में ना जाने लोग क्या क्या कह गए
और हमारी जुबाँ के साथ साथ अल्फाज़ भी खुश्क हो गए.....
दिल से कह रही हूँ, मान लीजियेगा....
bahut-bahut badhai.
Aksar Dushyant ji ki ye panktiyan zehan me goonjti hain-
"Yahaan to sirf goonge aur bahre log baste hain,
khuda jane yahaan kis tarah jalsa hua hoga."
par lagta hai ab tasveer badal rahi hai, sunne aur kahne ki rawayaton me fark hai.
बहुत बहुत बधाई।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
Harkirat ji Sabse pahale aapko bahut bahtu badhai ki aapne apne blog ko kaphi sundar kar liya hai, such me aapka blog dekhane me bahut achchha lag raha hai...aur yah aapki gazal such much dil me chupe dard ki juban ban gayi hai...
Regards
DevSangeet
बहुत खूब ..बहुत बहुत बधाई ..
मुबारक जी मुबारक...
मीठा-शीठा भेजन दा की प्रोग्राम हैगा...?
सच्ची कह रहा हूँ....
भेज दीजियेगा....
ओर कभी किसी धड़कन की आवाज है नज़्म......
बधाई....वैसे किसी प्रमाण पात्र की जरुरत नहीं है आपको....
बधाई.
'हवाओं का भी रुख मोड़ दे वो तूफान है नज़्म'
- बिलकुल सही.
बधाई !
badhai sweekar karen......... aur bahut achchi rachna hai........
हवाओं का भी रुख मोड़ दे वो तूफान है नज़्म
दिल में छुपे दर्द की जुबान है नज़्म
bahut sahi nazm hai.....
हवाओं का भी रुख मोड़ दे वो तूफान है नज़्म
दिल में छुपे दर्द की जुबान है नज़्म
khubsurt najm .
bhut bhut badhai .
kafi dino se aap hmare ghar nhi aai ?
aaiye
abhar
पदक और सम्मान पत्र की बधाई...
...नज़्म बहुत खूबसूरत है.
चट्टानों पर लिखा इश्क का पैगाम है नज़्म
न भूले सदियों तक 'हकीर' वो इलहाम है नज़्म
waah bahut khub,padak keliye bahut badhai.
ये तो कलेजे में बसी रहेगी... यादगार नज्म ! बधाई ! आपकी कलम की स्याही का रंग बहुत गहरा है. दिलो-दिमाग पर असर छोड़ जाता है...
bahot bahot badhaayee swikaaren...bahot hi khushi ki baat hai aapke saath saath ham blog jagat ke liye bhi bade hi garv ki baat hai... dil se bahot bahot badhaayee..
arsh
बहुत खूबसूरत नज़्म.
हरकीरत जी,
हार्दिक बधाई सम्मान पर।
इंशाल्लाह अब और खूबसूरत नज़्में सुनाये यही दुआ है।
मुकेश कुमार तिवारी
दिल में छुपे दर्द की जुबान है नज़्म
बेंध दे सीना पत्थरों का वो औज़ार है नज़्म
शायर और आशिकों की मजार है नज़्म
bahut khoob likha hai aapne..
ek ek shabd tarasha hua hai..
mere blogs par bhi aapka swagat hai...
http://sheena-life-through-my-eyes.blogspot.com
http://hasya-cum-vayang.blogspot.com/
http://mind-bulb.blogspot.com/
दिल में छुपे दर्द की जुबान है नज़्म
बेंध दे सीना पत्थरों का वो औज़ार है नज़्म
शायर और आशिकों की मजार है नज़्म..hmesha ki tarah khoobsurat shabdo me piroeee nazam...congrats mam....
बेहद खूबसूरत......लाजवाब नज्म !!
बधाई.
kya baat hai..maja aa gaya..bahut zaroorat hai in wichaaron ki..
मानो तो ख़ुदा की इबादत का साज़ है नज़्म
बेबस खामोशी की आवाज है नज़्म
... bahut khoob !!!!!
aapkee nazm ne to ' nazm ' kaa shringaar kar diya .
BADHAYEE HEE BADHAYEE !!
AUR MITHAYEE ??........:):).
हार्दिक बधाई।
यह पंक्ति बहुत अच्छी लगी।
शायर और आशिकों की मजार है नज़्म
मानो तो ख़ुदा की इबादत का साज़ है नज़्म
बेबस खामोशी की आवाज है नज़्म
अति सुन्दर
नज्म पे नज्म
बेहद खूबसूरत .... बेमिसाल
हमने तो आपको बहुत पहले ही प्रमाण-पत्र और मेडल दे दिए ! ये अलग बात है बाहर वालों से प्रशंसा जब तक न मिले दिल को चैन नहीं मिलता !
अब इकठ्ठा ही बधाई लीजियेगा अभी तो बेशुमार तमगे और सर्टिफिकेट मिलने बाकी हैं !!!
आज की आवाज
Aapke inn khoobsurat lafzo ne dil ko chooh liya...
Beautiful :)
Regards,
Dimple
http://poemshub.blogspot.com/
ओर कभी किसी धड़कन की आवाज है नज़्म......
बधाई....
देर से आये हैं लेकिन, इक पैगाम साथ लाये हैं;
बहुत बहुत बधाई आपको, हम भी खूब हर्षाये हैं.
साभार
प्रशान्त कुमार (काव्यांश)
हमसफ़र यादों का.......
इस सुन्दर गीत के लिये बहुत बहुत धन्यवाद...
गीत की सभी पंक्तियां बहुत अच्छी लगी,इसलिये किसी एक को उद्धृत नही कर रहा हूँ.....
आपको सम्मान मिला,जान कर खुशी हुई,आप के साथ हम खुद को भी सम्मानित महसूस कर रहे हैं.
...
My heartiest congratulations.you deserve even much more such laurels.
god bless.
harkirat ji,
thanks a million for visiting my blog and putting in ur valuable comments.
that inspires me a lot...
thanks again and be in touch...
दिनो बाद आयी मगर खुश हूंम कि इतनी सुन्दर नज़्म ने मुझे आवाज़ दी हैकिसी कब्र में सिसकती मोहब्बत की निगार है नज़्म
आशिकों की रूह से निकली पुकार है नज़्म
हवाओं का भी रुख मोड़ दे वो तूफान है नज़्म
दिल में छुपे दर्द की जुबान है नज़्म
बहुत खूबसूरत लाजवाब नज़्म के लिये बधाइ
badhaai/
अपुनार ईमान धुनिया कोमेंट पालूं बोर भाल लागिले | एतिया मोई अपुनार follower होई गोइसुं आही थाकिम!!
आरू अपुनार लिखा टू तो की कोम अरु होब्दो नाइ !!
जेतिया बन्दोरे गोइसिल अपुनी नाशील!! होबो पारे कोबात फुरिबोलेई उलाइसिले!!
बधाई देने के भीड़ में मै पीछे रह गया................
बहुत-बहुत बधाई हो......
वैसे बीते लमहों की यादें भी हैं नज्म............
किसी कब्र में सिसकती मोहब्बत की निगार है नज़्म
आशिकों की रूह से निकली पुकार है नज़्म
bahut sundar rachna...
samman milne par badhai...
aanand ji ke vicharo se shat -pratishat sahamat hoon .aur kya kahoo ?sabhi rachanaye padhati gayi ,ramati gayi .wah bahut khoob .
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