Wednesday, July 8, 2009

मोहब्बत की निगार है नज़्म....

एक छोटा सा तोहफा और .....ये ' पदक ' और ये ' सम्मान- पत्र ' ...... इसी के साथ पेश है "एक दुष्यंत और " में प्रकाशित एक नज़्म.........." मोहब्बत की निगार है नज़्म...."



नज़्म....


मानो तो ख़ुदा की इबादत का साज़ है नज़्म
बेबस खामोशी की आवाज है नज़्म

किसी कब्र में सिसकती मोहब्बत की निगार है नज़्म
आशिकों की रूह से निकली पुकार है नज़्म

हवाओं का भी रुख मोड़ दे वो तूफान है नज़्म
दिल में छुपे दर्द की जुबान है नज़्म

बेंध दे सीना पत्थरों का वो औज़ार है नज़्म
शायर और आशिकों की मजार है नज़्म

चट्टानों पर लिखा इश्क का पैगाम है नज़्म
न भूले सदियों तक 'हकीर' वो इलहाम है नज़्म


१) निगार - प्रतिमा, मूर्ति , २) इलहाम - देववाणी

63 comments:

Udan Tashtari said...

बहुअ बहुत हार्दिक बधाई.

दिलीप कवठेकर said...

हवाओं का भी रुख मोड़ दे वो तूफान है नज़्म
दिल में छुपे दर्द की जुबान है नज़्म

बिल्कुल सही बात लिखी है आपने.

आप ग्वालियर से तरीफ़ लाती है!!!

दिलीप कवठेकर said...

तशरीफ़...

गौतम राजऋषि said...

हार्दिक बधाईयां मैम...
ये तो लाजवाब खबर है।
मिठाई???

Arvind Mishra said...

बधाई ,मर्मस्पर्शी नज़्म !

daanish said...

ye tohfaa chhota naheeN hai
ye aapke khoobsurat lekhan ka sammaan hai..jo kabhi km ya chhota nahi ho sakta...
iss sammaan ki Desh ke anya praanto mein bhi charchaa hai.
Kanpur se nikle ek Kaavya-Sangrah mei bhi aapki ek nazm chhapi hai..
yaad kijiye..Dr Avdhesh !!

khair...bahut bahut badhaaee.

---MUFLIS---

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) said...

aapki cheezen isiliye to acchhi lagti hain hamen....ki vo hamen bhi ho jaati hain hazam....!!
sach acchha likha hai aapne....!!

के सी said...

बधाई
नज़्म कुछ ख़ास है आपकी

Unknown said...

nazm ki naazuki
aur nazm ki khoobsoorati bayan karti aapki is rachna par
itna hi kahoonga ki
bazm me zikra hoga nazm ka toh naam tumhaara aayega....

badhaai !

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत बहुत हार्दिक बधाई और अभिनंदन. बस आपकी सफ़लता से सबका दिल बाग बाग हो गया. ईश्वर आपको युं ही सफ़लता के मुकाम तक पहुंचाता रहे.

बहुत बहुत शुभकामनाएं.

रामराम.

ओम आर्य said...

नज़्म की बात नज़्म मे बहुत खुब .......बधाई ........नतमस्तक है हम

सदा said...

चट्टानों पर लिखा इश्क का पैगाम है नज़्म
न भूले सदियों तक 'हकीर' वो इलहाम है नज़्म


बहुत ही बेहतरीन रचना, हर पंक्ति दिल के बेहद करीब, बधाई ।

सुशील छौक्कर said...

सबसे पहले तो ये बताईए कि हमारी मिठाई है कहाँ है? आपको बहुत बहुत बधाई। सच जब अपने किए काम पर इनाम मिलता है तो तो जोश दुगना और दिल को खुशी मिलती है। और हाँ नज़्म पर नज़्म बेहतरीन है।

विनोद कुमार पांडेय said...

bahut sundar,

किसी कब्र में सिसकती मोहब्बत की निगार है नज़्म
आशिकों की रूह से निकली पुकार है नज़्म

हवाओं का भी रुख मोड़ दे वो तूफान है नज़्म
दिल में छुपे दर्द की जुबान है नज़्म
kitana bhav bhara hai ..
badhayi..

मोना परसाई said...

मानो तो ख़ुदा की इबादत का साज़ है नज़्म
बेबस खामोशी की आवाज है नज़्म
सही बात है ,सम्मान पाने की बहुत -बहुत बधाई,

Harshvardhan said...

harkirat ji aapko awad ke liye badhayiya..... najm bhi achchi likhi hai aapne..........

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

सम्मानों के लिए हार्दिक बधाई.

सागर said...

shayaron ka majar hai nazm... waah kya baat hai! bol kar dekha to zyada achcha laga. abhi tak samajhta tha kewal..

नीरज गोस्वामी said...

बहुत खूबसूरत नज़्म...वल्लाह क्या बात है...
नीरज

Anurag said...

Bahut achchhi nazm likhi hain aapne. Padhkar mazaa aa gaya. Meri ghazal (AB NA SAAKI, NA VO JAAM BAAKI RAHE) ki taareef ke liye dil se shukriya. --- ANURAG

अनिल कान्त said...

हार्दिक बधाई ...

दिगम्बर नासवा said...

हवाओं का भी रुख मोड़ दे वो तूफान है नज़्म
दिल में छुपे दर्द की जुबान है नज़्म

हार्दिक बधाई, सही बात लिखी है आपने.........najm apne aap mein zindagi hi to hai........ मज़ा आ गया हमेशा की तरह .......... lajawaab

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

बहुत बढ़िया है नज्म.

रश्मि प्रभा... said...

मानो तो ख़ुदा की इबादत का साज़ है नज़्म
बेबस खामोशी की आवाज है नज़्म......waah

स्वप्न मञ्जूषा said...

सर्वप्रथम आपने मुझे और मेरी कविता को जो सम्मान दिया है उसकेलिए मैं नत-मस्तक हूँ,

आपकी नज़्म की तारीफ में ना जाने लोग क्या क्या कह गए
और हमारी जुबाँ के साथ साथ अल्फाज़ भी खुश्क हो गए.....

दिल से कह रही हूँ, मान लीजियेगा....

रजनीश 'साहिल said...

bahut-bahut badhai.

Aksar Dushyant ji ki ye panktiyan zehan me goonjti hain-
"Yahaan to sirf goonge aur bahre log baste hain,
khuda jane yahaan kis tarah jalsa hua hoga."

par lagta hai ab tasveer badal rahi hai, sunne aur kahne ki rawayaton me fark hai.

Science Bloggers Association said...

बहुत बहु‍त बधाई।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

Dev said...

Harkirat ji Sabse pahale aapko bahut bahtu badhai ki aapne apne blog ko kaphi sundar kar liya hai, such me aapka blog dekhane me bahut achchha lag raha hai...aur yah aapki gazal such much dil me chupe dard ki juban ban gayi hai...
Regards
DevSangeet

रंजू भाटिया said...

बहुत खूब ..बहुत बहुत बधाई ..

manu said...

मुबारक जी मुबारक...
मीठा-शीठा भेजन दा की प्रोग्राम हैगा...?
सच्ची कह रहा हूँ....
भेज दीजियेगा....

डॉ .अनुराग said...

ओर कभी किसी धड़कन की आवाज है नज़्म......

बधाई....वैसे किसी प्रमाण पात्र की जरुरत नहीं है आपको....

hem pandey said...

बधाई.

'हवाओं का भी रुख मोड़ दे वो तूफान है नज़्म'
- बिलकुल सही.

Abhishek Ojha said...

बधाई !

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

badhai sweekar karen......... aur bahut achchi rachna hai........

हवाओं का भी रुख मोड़ दे वो तूफान है नज़्म
दिल में छुपे दर्द की जुबान है नज़्म


bahut sahi nazm hai.....

शोभना चौरे said...

हवाओं का भी रुख मोड़ दे वो तूफान है नज़्म
दिल में छुपे दर्द की जुबान है नज़्म
khubsurt najm .
bhut bhut badhai .
kafi dino se aap hmare ghar nhi aai ?
aaiye
abhar

Anonymous said...

पदक और सम्मान पत्र की बधाई...

...नज़्म बहुत खूबसूरत है.

mehek said...

चट्टानों पर लिखा इश्क का पैगाम है नज़्म
न भूले सदियों तक 'हकीर' वो इलहाम है नज़्म

waah bahut khub,padak keliye bahut badhai.

आनन्द वर्धन ओझा said...

ये तो कलेजे में बसी रहेगी... यादगार नज्म ! बधाई ! आपकी कलम की स्याही का रंग बहुत गहरा है. दिलो-दिमाग पर असर छोड़ जाता है...

"अर्श" said...

bahot bahot badhaayee swikaaren...bahot hi khushi ki baat hai aapke saath saath ham blog jagat ke liye bhi bade hi garv ki baat hai... dil se bahot bahot badhaayee..


arsh

समयचक्र said...

बहुत खूबसूरत नज़्म.

मुकेश कुमार तिवारी said...

हरकीरत जी,

हार्दिक बधाई सम्मान पर।

इंशाल्लाह अब और खूबसूरत नज़्में सुनाये यही दुआ है।

मुकेश कुमार तिवारी

Shruti said...

दिल में छुपे दर्द की जुबान है नज़्म
बेंध दे सीना पत्थरों का वो औज़ार है नज़्म
शायर और आशिकों की मजार है नज़्म

bahut khoob likha hai aapne..

ek ek shabd tarasha hua hai..


mere blogs par bhi aapka swagat hai...
http://sheena-life-through-my-eyes.blogspot.com
http://hasya-cum-vayang.blogspot.com/
http://mind-bulb.blogspot.com/

डिम्पल मल्होत्रा said...

दिल में छुपे दर्द की जुबान है नज़्म
बेंध दे सीना पत्थरों का वो औज़ार है नज़्म
शायर और आशिकों की मजार है नज़्म..hmesha ki tarah khoobsurat shabdo me piroeee nazam...congrats mam....

रंजना said...

बेहद खूबसूरत......लाजवाब नज्म !!

बधाई.

Dr. Tripat Mehta said...

kya baat hai..maja aa gaya..bahut zaroorat hai in wichaaron ki..

कडुवासच said...

मानो तो ख़ुदा की इबादत का साज़ है नज़्म
बेबस खामोशी की आवाज है नज़्म
... bahut khoob !!!!!

RAJ SINH said...

aapkee nazm ne to ' nazm ' kaa shringaar kar diya .

BADHAYEE HEE BADHAYEE !!

AUR MITHAYEE ??........:):).

मथुरा कलौनी said...

हार्दिक बधाई।


यह पंक्ति बहुत अच्‍छी लगी।

शायर और आशिकों की मजार है नज़्म

vikram7 said...

मानो तो ख़ुदा की इबादत का साज़ है नज़्म
बेबस खामोशी की आवाज है नज़्म
अति सुन्दर

प्रकाश गोविंद said...

नज्म पे नज्म
बेहद खूबसूरत .... बेमिसाल


हमने तो आपको बहुत पहले ही प्रमाण-पत्र और मेडल दे दिए ! ये अलग बात है बाहर वालों से प्रशंसा जब तक न मिले दिल को चैन नहीं मिलता !

अब इकठ्ठा ही बधाई लीजियेगा अभी तो बेशुमार तमगे और सर्टिफिकेट मिलने बाकी हैं !!!

आज की आवाज

Dimple said...

Aapke inn khoobsurat lafzo ne dil ko chooh liya...

Beautiful :)

Regards,
Dimple
http://poemshub.blogspot.com/

Razi Shahab said...

ओर कभी किसी धड़कन की आवाज है नज़्म......

बधाई....

Anonymous said...

देर से आये हैं लेकिन, इक पैगाम साथ लाये हैं;
बहुत बहुत बधाई आपको, हम भी खूब हर्षाये हैं.

साभार
प्रशान्त कुमार (काव्यांश)
हमसफ़र यादों का.......

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' said...

इस सुन्दर गीत के लिये बहुत बहुत धन्यवाद...
गीत की सभी पंक्तियां बहुत अच्छी लगी,इसलिये किसी एक को उद्धृत नही कर रहा हूँ.....
आपको सम्मान मिला,जान कर खुशी हुई,आप के साथ हम खुद को भी सम्मानित महसूस कर रहे हैं.
...

surjit singh said...

My heartiest congratulations.you deserve even much more such laurels.
god bless.

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

harkirat ji,
thanks a million for visiting my blog and putting in ur valuable comments.
that inspires me a lot...
thanks again and be in touch...

निर्मला कपिला said...

दिनो बाद आयी मगर खुश हूंम कि इतनी सुन्दर नज़्म ने मुझे आवाज़ दी हैकिसी कब्र में सिसकती मोहब्बत की निगार है नज़्म
आशिकों की रूह से निकली पुकार है नज़्म

हवाओं का भी रुख मोड़ दे वो तूफान है नज़्म
दिल में छुपे दर्द की जुबान है नज़्म
बहुत खूबसूरत लाजवाब नज़्म के लिये बधाइ

अमिताभ श्रीवास्तव said...

badhaai/

Murari Pareek said...

अपुनार ईमान धुनिया कोमेंट पालूं बोर भाल लागिले | एतिया मोई अपुनार follower होई गोइसुं आही थाकिम!!
आरू अपुनार लिखा टू तो की कोम अरु होब्दो नाइ !!

Murari Pareek said...

जेतिया बन्दोरे गोइसिल अपुनी नाशील!! होबो पारे कोबात फुरिबोलेई उलाइसिले!!

लोकेन्द्र विक्रम सिंह said...

बधाई देने के भीड़ में मै पीछे रह गया................
बहुत-बहुत बधाई हो......

वैसे बीते लमहों की यादें भी हैं नज्म............

sandeep sharma said...

किसी कब्र में सिसकती मोहब्बत की निगार है नज़्म
आशिकों की रूह से निकली पुकार है नज़्म


bahut sundar rachna...
samman milne par badhai...

ज्योति सिंह said...

aanand ji ke vicharo se shat -pratishat sahamat hoon .aur kya kahoo ?sabhi rachanaye padhati gayi ,ramati gayi .wah bahut khoob .