Monday, November 12, 2012

अय अंधेरों !जरा संभलना आज की रात

अय अंधेरों !जरा संभलना आज की रात
मैंने डाला है दीयों में उसके नाम का तेल 

दीपावली की शुभकामनाओं सहित पेश हैं कुछ हाइकू ......
इन्हें आप यहाँ भी देख सकते हैं ......http://hindihaiku.wordpress.com/2012/11/12/%E0%A4%A4%E0%A5%87%E0%A4%B0%E0%A5%87-%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%AE-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%A6%E0%A5%80%E0%A4%AF%E0%A4%BE/#comment-3419

 तेरे नाम का दीया ........
1
बाती प्रेम की
डाल,दीप जलाया
अब  न जाना ।
2
कैसे जलाऊँ
दीपक, तुझ बिन
सूनी  दिवाली  ।
3
अन्धकार है
मन के दीपक में
करो उजाला  ।
4
जलूँ  बाती -सी
हर दिवाली, प्रिय
यादों में तेरी  ।
5
जलाऊँ प्रिय
तेरे नाम का दीया
हर  दिवाली  ।
6
दूर दिखे जो
कोई बुझता दीप
करना याद  ।
7
दिखे दीप में
बस तेरा चेहरा
 प्रीतम मेरे  ।
8
डाला दीप में
तेरे नाम का तेल
जलते जाना। ।
9
दीपक रोया
जले है बाती ही क्यों
प्रेम में मेरे  ।
10
लौट के आ जा
बुझ न जाए कहीं
उम्र का दीया !
11
बुझा पड़ा है
मुहब्बत का दीया
जलाऊँ कैसे  ?
12
इस बार जो
आओ तो जला जाना
प्रेम का दीप ।

44 comments:

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

यहाँ आने से पहले ही हिन्दी हाइकु पर पढे आपके हाइकु .... बहुत सुंदर ...

दीपावली की हार्दिक शुभ-कामनाएं ।

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...




ஜ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●ஜ
सरस्वती आशीष दें , गणपति दें वरदान !
लक्ष्मी बरसाएं कृपा , मिले स्नेह सम्मान !!

ஜ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●ஜ

-राजेन्द्र स्वर्णकार

ஜ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●ஜ
♥~*~दीपावली की मंगलकामनाएं !~*~♥
ஜ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●ஜ

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...





बहुत शानदार जानदार हाइकु लिखे हैं आपने …

…फिर आऊंगा इन पर कुछ कहने …

:)

Suman said...

बढ़िया हाइकू ...
दीवाली की हार्दिक शुभकामनायें !

Suman said...

बढ़िया हाइकू ...
दीवाली की हार्दिक शुभकामनायें !

Prakash Jain said...

Sundar Haiku...
Diwali ki hardik shubhkaamnaayein:-)

विभा रानी श्रीवास्तव said...

दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें !!

बहुत शानदार हाइकु हैं !!

सूर्यकान्त गुप्ता said...


सुंदर संक्षिप्त प्यारा सन्देश

हरे माँ लक्ष्मी हर का क्लेश

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं ...

मन्टू कुमार said...

Bade sundar haiku...
Diwali ki anant shubhkamnaye...

Sadar

डॉ टी एस दराल said...

सुन्दर खट्टे मीठे हाइकु।
इस दिवाली पर सभी आशाओं के पूर्ण होने की शुभकामनायें।

अशोक सलूजा said...

यह हाइकु क्या है ??? मुझ को समझा जा .....

लौट के आ जा
बुझ न जाए कहीं
उम्र का दीया !

शुभकामनायें!

प्रेम सरोवर said...

दीपावली की हार्दिक शुभकामना । मेरी नई पोस्ट प्रेम सरोवर पर ..

Ramakant Singh said...

बहुत शानदार हाइकु

दीपावली की हार्दिक शुभकामना

दिलबागसिंह विर्क said...

दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें

हरकीरत ' हीर' said...

Delete
Blogger यादें....ashok saluja . said...

यह हाइकु क्या है ??? मुझ को समझा जा ....

आद सलूजा जी हाइकू लिखने की एक अलग विधा है .....

इसे 5 + 7 + 5 के कर्म में लिखा जाता है ....

इसे आप ऊपर दिए लिंक पर जाकर आद रामेश्वर कम्बोज 'हिमांशु' जी के ब्लॉग पर देख सकते हैं ....

प्रवीण पाण्डेय said...

जल जल जल जल,
तम हर ले अब..
दिया जले रे..

महेन्द्र श्रीवास्तव said...

बढिया, बहुत सुंदर

दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं

डॉ टी एस दराल said...

हाइकु को 3+5+3 क्रम में भी लिखा जा सकता है जी ।
अगली बार आपसे इसी की उम्मीद रहेगी।

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 08 - 11 -2012 को यहाँ भी है

.... आज की नयी पुरानी हलचल में ....
कुछ पटाखे , कुछ फुलझड़ियाँ और कुछ उदास चुप्पियाँ.. .

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल बृहस्पतिवार 15 - 11 -2012 को यहाँ भी है

.... आज की नयी पुरानी हलचल में ....
कुछ पटाखे , कुछ फुलझड़ियाँ और कुछ उदास चुप्पियाँ.. .

सदा said...

इस बार जो
आओ तो जला जाना
प्रेम का दीप ।
दीप पर्व की अनंत शुभकामनाएं

ANULATA RAJ NAIR said...

बहुत सुन्दर...
जगमग करते हायकू...

आपको दीपोत्सव की अनेक शुभकामनाएँ हीर जी..
सादर
अनु

Meenu Khare said...

जगमगाते हाइकू आपके रचनात्मक सफर को सदा रौशन रखें.

Asha Joglekar said...

िसबार जो आओ
जला जाना
प्रेम का दीप

सुंदर हाइकू ।

शुभ दीपावली हीर जी ।

ASHOK BIRLA said...

happy dipawali..!

रश्मि प्रभा... said...

दीपक रोया
जले है बाती ही क्यों
प्रेम में मेरे । ... किसे चुनूँ किसे रहने दूँ

ओंकारनाथ मिश्र said...

अति सुन्दर....

Naveen Mani Tripathi said...

जलूँ बाती -सी
हर दिवाली, प्रिय
यादों में तेरी ।

bahut khoob heer ji

Dr.NISHA MAHARANA said...

waah sabhi acche hain...

Onkar said...

बहुत सुन्दर हाइकु

Pushpendra Vir Sahil पुष्पेन्द्र वीर साहिल said...

दूर दिखे जो
कोई बुझता दीप
करना याद ।....कुछ पुराना लिखा याद आया !

गर है तो अपनी बस यही
उम्मीद तुमसे मुख़्तसर
जब कभी तुमको लगे
दिल परेशां बे-सबब
याद करना, एक पल

क्या पता ऐसा भी हो
कि जिस दिए की आंच में
जल रहे हो तुम, वही
मुझ तक पहुँच जाती है और
कुछ है झुलस जाता है जो...

Shalini kaushik said...

दीपक रोया
जले है बाती ही क्यों
प्रेम में मेरे ।
kya koi pyar karne vala ye prashn kabhi poochhega vah to man ke bhav man se hi pahchan lega.nice presentation.

جسوندر سنگھ JASWINDER SINGH said...

ਵਾਹ ਕਿਆ ਬਾਤ ਹੈ
..........
ਧਰਤੀ ਦੀ ਹਿੱਕ ਰੰਬੇ ਪੁੱਟੀ
ਕੱਢੀ ਮਿੱਟੀ , ਪਾਣੀ ਗੁੱਧੀ
ਅੱਗ ‘ਚ ਤਪ ਬਣੀ ਦੀਵਾ
.............
ਸਰੋਂ ਦੇ ਦਾਣੇ ਆਪਾ ਗਵਾਇਆ
ਕੋਹਲੂ ਨੇ ਤਨ ਪੀੜ
ਰੱਤ ਨਿਚੋੜੀ , ਬਣਿਆਂ ਤੇਲ
.............
ਇੱਕ ਵੜੇਵਾਂ , ਮਿੱਟੀ ਰੁਲਿਆ ,ਆਪਾ ਮਿਟਾ
ਕਪਾਹ ਦਾ ਫੁੱਲ ਬਣ , ਤੂਬੇ ਚੜ੍ਹ
ਤਾਰ ਤਾਰ ਹੋਇਆ, ਰੋਇਆ
ਬੱਤੀ ਬਣੀ
...................
ਫਿਰ ਇੱਕ ਤੀਲੀ ਆਈ , ਲਾ ਗਈ ਅੱਗ
ਸੜ ਰਿਹਾ ਰੋਮ ਰੋਮ ਬੱਤੀ ਦਾ
ਹੋ ਰਿਹਾ ਕੁਰਬਾਨ ਤੇਲ
ਧੁਆਂਖਿਆ ਮੂੰਹ ਦੀਵੇ ਦਾ
....ਇਹ ਮੇਰਾ ਜੀਵਨ ਹੈ ..
.....ਤੇਰੇ ਲਈ ਤਾਂ ਬੱਸ..
..ਚਾਨਣ ਦਿੰਦਾ ਦੀਵਾ ਹੀ ਹੈ ਨਾ.
ਜਸਵਿੰਦਰ ਸਿੰਘ

Madan Mohan Saxena said...

पोस्ट दिल को छू गयी.......कितने खुबसूरत जज्बात डाल दिए हैं आपने..........बहुत खूब
बेह्तरीन अभिव्यक्ति .आपका ब्लॉग देखा मैने और नमन है आपको और बहुत ही सुन्दर शब्दों से सजाया गया है लिखते रहिये और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये आपको और आपके समस्त पारिवारिक जनो को !

मंगलमय हो आपको दीपो का त्यौहार
जीवन में आती रहे पल पल नयी बहार
ईश्वर से हम कर रहे हर पल यही पुकार
लक्ष्मी की कृपा रहे भरा रहे घर द्वार..

manu said...

यही होते हैं क्या हाईकू ..?

मैं तो बड़ा डरता था इन से

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...



ஜ۩۞۩ஜஜ۩۞۩ஜஜ۩۞۩ஜ

ਓਏ ਹੋਏ ਜੀ --- ओये होए जी
ਕਮਾਲ ਦੇ ਹਾਇਕੂ --- कमाल दे हाइकु
ਲਾਕ੍ਖ ਵਧਾਈ --- लक्ख वधाई

ਤ੍ਵਾਦੀ ਕਲਾਮ --- त्वाडी कलम
ਜਦ ਵੀ ਕੁਜ ਲਿਕ੍ਖੇ --- जद वी कुज लिक्खे
ਸੋਨਾ ਉਗਲੇ --- सोना उगले

ஜ۩۞۩ஜஜ۩۞۩ஜஜ۩۞۩ஜ





Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार said...



ஜ۩۞۩ஜஜ۩۞۩ஜஜ۩۞۩ஜ

अच्छे हाइकु
सारे ही बेहतर
मन भा गए

पसंद आया
आपका यह रूप
लगे रहिए…

ஜ۩۞۩ஜஜ۩۞۩ஜஜ۩۞۩ஜ





हरकीरत ' हीर' said...

Blogger manu said...

यही होते हैं क्या हाईकू ..?

मैं तो बड़ा डरता था इन से

हा ...हा ....हा .....मनु जी कहिये खोदा पहाड़ निकली चुहिया ....


हाँ भाव अगर उभर जाये तो अच्छे लगते हैं ...

manu said...

हाँ भाव अगर उभर जाये तो अच्छे लगते हैं ...



bhaav hi ubhar rahe the ..

Sushil Kumar said...

प्रेम को दीपावली के रंग में रंग दिया आपने | बढ़िया |

मुकेश कुमार सिन्हा said...

prakash failati rachna:))

Anupama Tripathi said...

दिये पर सुंदर हाइकु ....हरकीरत जी ...!!
शुभकामनायें ....

सु-मन (Suman Kapoor) said...

हरकीरत जी ...आप हमेशा ही कमाल का लिखती हैं ....हर हायकू लाजवाब ..खास कर ये

लौट के आ जा
बुझ न जाए कहीं
उम्र का दीया !

मेरा मन पंछी सा said...

बहुत बढ़ियाँ हाइकु ....
शुभकामनाएँ...
:-)