रोज पव्वा पी लिया तो पीलिया हो जायेगा
2122 2122 2122 212
फाइलातुन फाइलातुन फाइलातुन फाइलुन
बह्र थी सबकी जानी पहचानी -बहरे रमल मुसमन महजूफ
सबने जम कर मज़े लिए .....वीनस जी तो अभी तक पेट पकडे बैठे हैं ....
इस तरही मुशायरे में OBO परिवार के सदस्य तिलक जी , वीनस जी , शेष धर तिवारी जी , गणेश जी बागी, योगराज प्रभाकर जी , डॉ संजय दानी जी , धर्मेन्द्र कुमार सिंह जी , प्रीतम तिवारी जी , अरुण कुमार पांडे जी , वीरेंद्र जैन जी , राजेश शर्मा जी , दिगम्बर नासवा जी , कमल वर्मा जी , अम्बरीश श्रीवास्तव , मुमताज़ जी , डॉ नूतन जी आदि ने शिरकत की ....
चूँकि हम भी इस OBO परिवार के सदस्य हैं तो हमने भी कुछ कहने की कोशिश की ....
लीजिये पेश हैं इस मिसरे पर कुछ अशआर......हाँ मक्ते का शे'र आद. योगराज जी से मांग कर लिया है ये उन्हीं का लिखा हुआ है .....
छर्र... रर रर हुर्र...ररर, हो हा हा हो जायेगा
हर गली का आशिक आज कांहा हो जायेगा
उड़ा दिलों की दुश्मनियाँ तू फिजां में रंगों संग
लग जा गले सभी के, दूर गिला हो जायेगा
नजरें न मिला, लगाने गुलाल के बहाने यूँ
कुछ और ठहर गईं जो ,लवरिया हो जाएगा
पी नजरों से मेरी , छोड़ ये दारू का नशा
रोज़ पव्वा पी लिया तो पीलिया हो जाएगा
चाँद उतरा सजा रंगों की थाली , आसमां में
आज फ़लक भी देख लाल,पीला हो जायेगा
कैसा खेल कुदरत का जापान में आज हुआ
इन्हीं रंगों में वो कहीं , गुमशुदा हो जायेगा
छोड़ अब धर्म के झगड़े प्रेम दिलों में रंग ले
क्या जाने कब कौन कहाँ फ़ना हो जायेगा
'हीर' से जो रंग बरसेंगे फ़लक पे हर तरफ,
ये जगत पूरे का पूरा राँझा सा हो जाएगा !
(ग़ज़ल बह्र से बाहर हो तो गुरुजन इस्लाह करें )
***************************************
इनका भी मज़ा लें ......
रंग का त्यौहार है छेड़ें न क्यूँकर लड़कियॉं
मुँह अगर काला हुआ तो क्या नया हो जायेगा। (तिलक राज़ जी)
ए हसीना अपनी जुल्फों को ज़रा महफूज़ रख
विग अगर सर से उड़ा तो बलवला हो जायेगा( राना प्रताप जी )
मत परेशां हो अगर गुझिया में कीड़ा गिर गया,
तल के निकलेगा तो वो भी कुरकुरा हो जाएगा |..(वीनस जी )
नालियों में ही पियक्कड क्यों गिरा, जब पी लिया
"शेष" गर ये राज खुल जाए तो क्या हो जाएगा . (शेष धर तिवारी )
रोज पव्वा पी लिया तो पीलिया हो जायेगा,
जान से जायेगा पर सबका भला हो जायेगा( गणेश जी बागी )
मुँह रजाई में छुपा कर बीड़ियाँ चूसा ना कर,
वर्ना लंका दहन सा कोई हादसा हो जाएगा ! ( योगराज प्रभाकर )
भांग, शादी की मिठाई में न डालो लड़कियों,
वरना वर का बाप दुल्हा बन खड़ा हो जायेगा। ( डॉ संजय दानी )
छोड़ दे तू राह जाती लड़कियों को घूरना,
वर्ना धरमिंदर से प्रेम चोपड़ा हो जाएगा !( धर्मेन्द्र कुमार सिंह ,)
/हाथ पीले आँख पीली गुर्दा बड़ा हो जायेगा ,
रोज़ पव्वा पी लिया तो पीलिया हो जायेगा ( वीरेंद्र जैन )
लौंडिया के बाप से जब सामना हो जाएगा !
जोश तेरे इश्क का पल में हवा हो जाएगा !( योगराज प्रभाकर )
85 comments:
होली का पूरा समां बंध गया है………………होली की हार्दिक शुभकामनायें।
छोड़ अब धर्म के झगड़े प्रेम दिलों में रंग ले
क्या जाने कब कौन कहाँ फ़ना हो जायेगा ...बाह क्या कहने इस शब्दों के रंग को ! बहुत ही सुन्दर रंग आप ने बिखेर दी !एक तरफ जलजला है तो दूसरी तरफ रंगों पे रंग....! आप को होली की बधाईया !
holi ka kahar dikh raha hai.........:)
bahut bahut shubhkamnayen..
'हीर' से जो रंग बरसेंगे फ़लक पे हर तरफ,
ये जगत पूरे का पूरा राँझा सा हो जाएगा !
ab isse badhke kaisa rang , ek chutki abeer heer ji aapko
kya baat hai...holi ki hardik shubhkamnae..
होली की हार्दिक शुभकामनाएं
नीरज
अब तो पव्वा से भी छोटा आ गया बाज़ार में.
देखिये पीकर के मौसम खुशनुमा हो जायेगा.
दौर पीने का , पिलाने का अगर चलता रहा,
लुत्फ़े-होली रंग के दिन दो-गुना हो जायेगा.
होली की हार्दिक शुभकामनायें,हीर जी.
holi ki bahut bahut shubhkamnaen aur badhaiyan
'हीर' से जो रंग बरसेंगे फ़लक पे हर तरफ,
ये जगत पूरे का पूरा राँझा सा हो जाएगा ..
बहुत रंगीन समां बाँधा है होली का...होली की हार्दिक शुभकामनायें!
होली का पूरा समां बंध गया है
होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं , यह पर्व आपके जीवन में खुशियाँ और उमंग लेकर आये .............
वाह खूब बाँधा है समा होली का ...बाकी सबकी गज़ल से चुने अशआर भी मजेदार हैं ...
होली की हार्दिक शुभकामनायें
मज़ा आ गया ..होली का हुडदंग मुबारक
'हीर' से जो रंग बरसेंगे फ़लक पे हर तरफ,
ये जगत पूरे का पूरा राँझा सा हो जाएगा !
वाह कमाल है
एक एक अशरार मस्ती के रंग में पका हुआ.
होली मुबारक हो.
पीने के भी अंदाज गजब हैं।
पीत्वा पीत्वा पुनर्पीत्वा यावतपतति भूतले।
पुन:उत्थाय पुन:पीत्वा पुनर्जन्म न विद्यते।
सुंदर गजल है
आभार
होली की शुभकामनाएं
Wah !
आपको होली की हार्दिक शुभकामनाये !
होली का नशा चढ़ा है वातावरण में।
मजा आ गया अच्छा समां बंधा है होली का !
होली की हार्दिक शुभकामनाये ....
'हीर' से जो रंग बरसेंगे फ़लक पे हर तरफ,
ये जगत पूरे का पूरा राँझा सा हो जाएगा !
सुभान आल्ला, आज तो रब की पूरी मेर आपके ब्लॉग पर होली के रूप में बरस रही है.........
होली की रंगीन मस्ती, दारू, भंग से संग...
ऐसी बरसे की वो 'बाबा' भी रह जाए दंग..
होली की शुभकामनाएं.
होली का पूरा समां बंध गया है………………होली की हार्दिक शुभकामनायें।
हीर' से जो रंग बरसेंगे फ़लक पे हर तरफ,
ये जगत पूरे का पूरा राँझा सा हो जाएगा !
...गजल का ये मिसरा लाजबाब है.....बाकी होली के रंग के क्या कहने !!
सभी एक से बढ़कर एक !
प्रिय हरकीरत हीर जी
होली का रंगारंग स्नेहसिक्त अभिवादन !
आपकी आज की पोस्ट देख कर हम तो गए काम से …
नजरें न मिला, लगाने गुलाल के बहाने यूं
कुछ और ठहर गईं जो ,लवरिया हो जाएगा
अब होली का अवसर है , होने को कुछ भी हो सकता है …
और होता है जो हो जाए बला से … हाऽऽ हाऽऽऽ ह …
अच्छा लिखा है जी
'हीर' से जो रंग बरसेंगे फ़लक पे हर तरफ,
ये जगत पूरे का पूरा राँझा सा हो जाएगा !
मोहतरमा ! क़यामत का इरादा है क्या … :)
ख़ुदा ख़ैर करे … … …
बहुत ख़ूब !
हार्दिक बधाई !
आपका यह रंग बरकरार रहे …आमीन !
और ऐसी रचनाओं के भाव और रंग के अनुसरण की आवश्यकता होती है …
इस्लाह की नहीं
अजी आपने तो हम पर होली का ज़ादू डाल दिया है
♥होली की शुभकामनाएं ! मंगलकामनाएं !♥
होली ऐसी खेलिए , प्रेम का हो विस्तार !
मरुथल मन में बह उठे शीतल जल की धार !!
- राजेन्द्र स्वर्णकार
… आपने तो हम पर होली का ज़ादू डाल दिया , और हमारे ब्लॉग शस्वरं
पर जाने किसने ज़ादू कर दिया …
… पता नहीं क्यों किसी भी एग्रीगेटर पर हमारी पोस्ट की अपडेट नहीं है आज ???
हीर जी के प्रशंसकों का
शस्वरं
पर भी हार्दिक स्वागत है …
सब को होली की बधाई !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
फुल मस्ती ...
होली मुबारक
उड़ा दिलों की दुश्मनियाँ तू फिजां में रंगों संग
लग जा गले सभी के, दूर गिला हो जायेगा
यही तो होली का एसेंस है , कोई मिसयूज न करे तो ।
नजरें न मिला, लगाने गुलाल के बहाने यूँ
कुछ और ठहर गईं जो ,लवरिया हो जाएगा
हा हा हा !
आज फिर एक बार आजा , होली के बहाने तू
रंग टेसू का नशीला , भांग सा हो जायेगा !
चाँद उतरा सजा रंगों की थाली , आसमां में
आज फ़लक भी देख लाल,पीला हो जायेगा
वाह , वाह , बहुत खूब ।
होली पर एक, हमने भी टेक दिया ।
तारीफ़ गर यूँ आप भी , करते रहे "तारीफ़ "
हादसा दिल में हमारे , साथिया हो जाएगा !
२१२२ २१२२ २१२२ २१२
अरे यह बह्र तो परफेक्ट हो गई ।
होली पर माहौल खुशनुमा बनाने के लिए आभार ।
होली की हार्दिक शुभकामनायें हरकीरत जी ।
(:
पी नजरों से मेरी , छोड़ ये दारू का नशा
रोज़ पव्वा पी लिया तो पीलिया हो जाएगा
चलो अब पीना छोड़ देते हैं ..अब तलाश करेंगे किसी के आँखों के मयखाने की..आपको होली की हार्दिक शुभकामनायें
खामोशी भी और तकल्लुम भी ,
हर अदा एक क़यामत है जी
@ आप कितना अच्छा लिखती हैं ?
मुबारक हो आपको रंग बिरंग की खुशियाँ .
हा हा हा sss हा हा हा हा ssss
http://shekhchillykabaap.blogspot.com/2011/03/blog-post.html
sunder ash'aar
holi mubarik ho
हौली की ये हुड़दंग बड़ी अच्छी लगी। होली की शुभकामानायेँ।
'हीर' से जो रंग बरसेंगे फ़लक पे हर तरफ,
ये जगत पूरे का पूरा राँझा सा हो जाएगा !
वाह वाह...क्या कहने हैं..होली का समाँ बंध गया...
होली की ढेरो शुभकामनाएं
आदरणीय हरकीरत हीर जी
नमस्कार !
वाह खूब बाँधा है समा होली का
..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती
होली की हार्दिक शुभकामनायें
ओह्ह ...खूब समां बाँधा था...
मज़ा आ गया पढ़ कर ही.. :)
आज बिल्कुल अलग अंदाज़ ....होली का मस्त समां बंधा आपने .... बहुत सुंदर
होली की शुभकामनायें
ताड़ना तू बन्द कर अब उस हसीं को घूर कर,
लवर उसका है दरोगा, घोल कर पी जायेगा... :)
"'हीर' से जो रंग बरसेंगे फ़लक पे हर तरफ,
ये जगत पूरे का पूरा राँझा सा हो जाएगा !"
आज तो मस्त मूड में हैं आप आनंद आ गया ...
होली की शुभकामनायें !
हम तो जब पीते थे तो बिना हिसाब पीते थे, अब छोड दी, पीने वालो को पीलिया हो या नीलिया हो उन्हे कोई डर नही:)
होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
हा हा . क्या मस्त समां बंधा है . होली की मस्ती हर शेर से हीर की आँखों से छलक रही है . वैसे पव्वा पीने से पीलिया होता है तो भंग के रंग के बारे में किसी की नजर नहीं पड़ी ? इसे पीने के बाद कई सारी हीर दिखती है .
ना ना कोई इसे आजमाए नहीं .
ये लो जी इस मस्ती में बधाई तो रह ही गयी थी . इस रंग पर्व की आपको सपरिवार रंगारंग और हार्दिक शुभकामनाये .
हीर' से जो रंग बरसेंगे फ़लक पे हर तरफ,
ये जगत पूरे का पूरा राँझा सा हो जाएगा ..
बहुत खूब ...ये रंग यूं ही कायम रहे सदा ..होली की शुभकामनाएं ।।
"'हीर' से जो रंग बरसेंगे फ़लक पे हर तरफ,
ये जगत पूरे का पूरा राँझा सा हो जाएगा !"
वाह वाह वाह - इस शेअर की धूम तो हर तरफ ही मची हुई है !
आप को होली की हार्दिक शुभकामनाएं । ठाकुरजी श्रीराधामुकुंदबिहारी आप के जीवन में अपनी कृपा का रंग हमेशा बरसाते रहें।
Hahahhahah......
maja aagya..........!
Apko Holi ki Bahut-2 Mubarak baad.
Charan Asparsh hai aapka ......Ashirvad Dijiye.
कोई गिला है या नाराजगी !
हम भी राह मै पड़े है ,
क्या हमारी भी सुध 'कभी'आएगी !!
होली की इस रंगारंग उत्सव की अनेको बधाईया !
'इन्तहां हो गई इन्तजार की ---
बहुत खूबसूरत.
होली पर्व की घणी रामराम.
छोड़ अब धर्म के झगड़े प्रेम दिलों में रंग ले
क्या जाने कब कौन कहाँ फ़ना हो जायेगा
'हीर' से जो रंग बरसेंगे फ़लक पे हर तरफ,
ये जगत पूरे का पूरा राँझा सा हो जाएगा !
kitni achchhi baate kahi hai aapne ,holi ki bahut bahut badhai aapko .
हरकीरत जी, नमस्ते.
होली का असली मज़ा यहाँ आया.
इतने खूबसूरत शेर ... क्या कहूँ. ... होली का ऐसा आनंद मुझे बहुत दिनों बाद मिला.
योगराज जी इसलिए तो आपसे माँगा था .....):
हरकीरत जी , कविता बहुत पसंद आई , परन्तु पीलिया वाली लाइन पे थोडा एतराज है. अप्पन तो पव्वे- शव्वे को हाथ लगाते नहीं, फिर भी चार साल पूर्व पीलिये की ज़द में आ गए और अढाई मास बेड रेस्ट पर रहे. वैसे यह वास्तविकता है पर
-बुरा न मानो होली है !
शुभकामनायें !
आदरणीय हीर जी
आप की ग़ज़ल ...एक दम मस्ती ताजगी से भरी हुई... मतले में ही हुडदंग दिख गया ..अपने किस्म का अनूठा मतला है .... और उसके बाद अपने बांटे कुछ चुनिन्दा शेर ..कमाल थे सब के सब...
खूब आनंद आया ...
होली की ढेर सारी शुभकामनायें ...
हरकीरत दीदी,
एक दम होलीमय पोस्ट ...मज़ा आ गया ...
आपको होली की बहुत-बहुत बधाई.
आज तो आपकी ग़ज़ल ने सारे दर्द फुर्र कर दिए.
चाँद उतरा सजा रंगों की थाली , आसमां में
आज फ़लक भी देख लाल,पीला हो जायेगा
रंग ही रंग बिखरा हैं हर तरफ .
छोड़ अब धर्म के झगड़े प्रेम दिलों में रंग ले
क्या जाने कब कौन कहाँ फ़ना हो जायेगा
इसी सन्देश की मुझ जैसों को सख्त जरूरत है.
होली की शुभ कामनाएं.
सलाम.
पव्वा चढ़ा लिता जे,
कपड़े फाड़ लये जे,
औलिया बन गए वां,
हीर जी, साणूं राणझा बणन लई और कि कि करना जे, दसे जाओ...
तन रंग लो जी आज मन रंग लो,
तन रंग लो,
खेलो,खेलो उमंग भरे रंग,
प्यार के ले लो...
खुशियों के रंगों से आपकी होली सराबोर रहे...
जय हिंद...
बहुत सुन्दर रंगारंग होली प्रस्तुति
आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं
रंगों की चलाई है हमने पिचकारी
रहे ने कोई झोली खाली
हमने हर झोली रंगने की
आज है कसम खाली
होली की रंग भरी शुभकामनाएँ
आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं
♥ हीर जी ♥
रंगारंग स्नेहसिक्त अभिवादन !
आपको सपरिवार होली की हार्दिक बधाई !
♥ शुभकामनाएं ! मंगलकामनाएं !♥
रंगदें हरी वसुंधरा , केशरिया आकाश !
इन्द्रधनुषिया मन रंगें , होंठ रंगें मृदुहास !!
- राजेन्द्र स्वर्णकार
होली का त्यौहार आपके सुखद जीवन और सुखी परिवार में और भी रंग विरंगी खुशयां बिखेरे यही कामना
आपको होली की हार्दिक शुभकामनाये .
आपको होली की हार्दिक शुभकामनाये .
रंग-पर्व पर हार्दिक बधाई.
आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनायें ..
aapne to utsav mein char chand laga diye..ye andaaz bhi khoob bhaya :)
ये खुशदीप जी , पव्वे में ही टुन्न हो गए ! हम तो अभी बोतल चढ़ा कर आ रहे हैं ।
आखिर होली पर चढ़ती ही कहाँ है ।
होली की असंख्य शुभकामनायें जी ।
छोड़ अब धर्म के झगड़े प्रेम दिलों में रंग ले
क्या जाने कब कौन कहाँ फ़ना हो जायेगा
हीर से जो रंग बरसेंगे फ़लक पे हर तरफ,
ये जगत पूरे का पूरा राँझा सा हो जाएगा !
वाह, बहुत बढ़िया।
गुदगुदी और फ़लसफ़े का अनोखा संगम।
होली पर्व की अशेष हार्दिक शुभकामनाएं।
ये हुई न कोई बात हीर जी ! आखिर होली तो होली ही होती है |
बहुत-बहुत शुभकामनायें ....
छोड़ अब धर्म के झगड़े प्रेम दिलों में रंग ले
क्या जाने कब कौन कहाँ फ़ना हो जायेगा
क्या गहन बात कही आपने होली के बहाने
गज़ब का हुडदंग मचा दिया मैडम जी आपने.... :)
bahut khoob..holi ki rango se sarobaar hai poori gazal...bahut bahut khoobsurat aur mazedaar gazal
बहुत सुन्दर रचना! आपको अनेकानेक शुभकामनायें
नजरें न मिला, लगाने गुलाल के बहाने यूँ
कुछ और ठहर गईं जो ,लवरिया हो जाएगा
is rog se to sabhi peedit hain madam....
aapto koi dawaa sujhaiye bachchon ko.....
holi ke rang me rangi rachna bahut sunder lagi..........
RANGON SE SZA HUA HAI AAJ TO HAR SHABD...BAHUT SUNDAR..
ek dum kurkuri gazal hai.. ise to holi pe sangeetbadh kar ke high volume pe bajana chahiye.. :)
सॉरी थोड़ा देर से पहुंचा। देर से क्लिक करने का अफसोस तो हुआ मगर पढ़ते-पढ़ते मन खुश हो गया।
मस्त, मजेदार।
'हीर' से जो रंग बरसेंगे फ़लक पे हर तरफ,
ये जगत पूरे का पूरा राँझा सा हो जाएगा !
bahut achchi lagi.
आद. हीर जी,
सादर अभिवादन.
होली पर मुस्कुराते हुए अशआर..... सीख देते अशआर....
सचमुच होली का यही मतलब है...
चुटकियाँ तो फिर भी बनती है...
अब ज़रुरत है कहाँ पीने का पव्वा यार कह
मिल गयी उनसे नज़र बस अब नशा हो जाएगा.
रंग का गालों पे उसके देख पाया ना असर
क्या खबर थी बाप का मुंह लाल पीला हो जायेगा.
मस्ती और शरारत भरे इस प्यारे रंगीले त्यौहार की सादर शुभकामनाएं .....
waah waah....bahut sundar
माननीया हरकीरत ' हीर' जी!
होली के मौके पर आपकी शानदार प्रस्तुति
देखकर दिल बाग-बाग हो गया। मैंने भी
उसी मिसरे पर गिरह लगाने का प्रयास किया है।
=================================
ऐ! जमूरे तू भी अब लड़ के एलेक्शन देख ले,
बन नहीं नेता सका तो माफिया हो जायगा।
===========================
प्रवाहित रहे यह सतत भाव-धारा।
जिसे आपने इंटरनेट पर उतारा॥
========================
सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवी
बहुत दिनों के बाद रजनीगंधा के पास आया
और पंजाबन जादू बांध गया
ऐ! जमूरे तू भी अब लड़ के एलेक्शन देख ले,
बन नहीं नेता सका तो माफिया हो जायगा।
वाह...वाह.......
क्या बात हैं .....!!
रंगों की चलाई है हमने पिचकारी
रहे ने कोई झोली खाली
हमने हर झोली रंगने की
आज है कसम खाली
.................... शुभकामनाएँ
आज तो हर इक तरफ ही, छर्र.हुर्र. हो जायेगा |
हर गली का आज आशिक कान्हा, हो जायेगा ||
उड़ा दिलों की नफरतें,तू फिजां में रंगों-संग |
देखना फिर दूर कैसे, फासला हो जायेगा ||
नजरें न मिला, लगाने गुलाल के बहाने यूँ
कुछ और ठहर गईं जो ,लवरिया हो जाएगा
पी निगाहों से मेरी , छोड़ दारू का नशा |
रोज़ पव्वा पी लिया तो पीलिया हो जाएगा ||
रंगों की थाली है देखो, चाँद के हाथों में आज |
आसमां भी आज के दिन सतरंगा हो जाएगा ||
कैसा खेल कुदरत का जापान में आज हुआ |
एक दिन यह वाक्या भी,गुमशुदा हो जायेगा ||
छोड़ झगड़े धर्म के, रंग खेलो प्रेम के |
कौन जाने,कब, कहाँ, कैसे फ़ना हो जाएगा ||
छोड़ अब धर्म के झगड़े प्रेम दिलों में रंग ले
क्या जाने कब कौन कहाँ फ़ना हो जायेगा|| माफ़ी चाहता हूँ, उस्ताद तो नहीं, पर आप के
जज्बों को जुबां देने की कोशिश जरूर की है
कौन जाने, कोई कैसे, कब फ़ना हो जाएगा ||
aap k shabdon me jo dard hai tadap-tadap k bahar nikalna chahta hai..bahne de rasdhaar..achha hoga...
tontiyo ko band kar neh ki varsha karen
AaJ USNE CHHU LIYA TO JAHAR DAWA HO JAEGA..
jo subah se kar raha to mastiyaan
shaam jo dhalne lagi o hiran ho jaega
रूठने को तो चले रूठ के हम उनसे भले, मुड़ के तकते थे के अभी कोई मनाकर ले जाए।
Post a Comment