आप सबको मुहब्बत का ये पाक दिन मुबारक
आज के दिन के नाम कुछ 'हाइकु'
मुहब्बत के
दिन छलके हैं क्यूँ ?
आँखों से आँसू
हौले में तुम
छू जाना सबा संग
यादों की तार
देख उगा है
मुहब्बत का चाँद
मुस्कान लिए
आयेगीं याद
तुम्हें भी इस दिन
गुजरी बातें
देह से नहीं
होती है मुहब्बत
पाक रूह से
मुहब्बत है
रब्ब की इबादत
खेल नहीं है
लिखना तुम
सागर की छाती पे
प्रेम का गीत
हीर रांझे की
मुहब्बत वो पाक
सदियों याद
चनाब रोई
सोहणी महिवाल
आया न कोई
हीर …
14 comments:
देख उगा है
मुहब्बत का चाँद
मुस्कान लिए
आयेगीं याद
तुम्हें भी इस दिन
गुजरी बातें
प्यार, इश्क, मोहब्बत और कुछ भी नहीं .।..
प्रेम दिवस पर बहुत ही सुन्दर हाइकु
:-)
kya baat hai....aaj to zindagi bhi ishq kenaam hai!
kya baat hai....aaj to zindagi bhi ishq kenaam hai!
हाइकू के टुकड़े-टुकड़े जोड़कर मोहब्बत का एक पूरा चाँद बना दिया है... पूनम का चाँद!!
मेरी पसन्दीदा है ये
मुहब्बत है
रब्ब की इबादत
खेल नहीं है!!
आज के दिन के लिए एकदम मौजू सबक!
भावों में गहराती प्रेम की बातें।
प्यारे हाइकु....
मुहब्बत है
रब्ब की इबादत
खेल नहीं
...वाह!
प्यारे हायकू...
मोहब्बत छलकाते.....
सादर
अनु
बहुत शानदार..मोहब्बत के दिवस पे इससे बेहतर हायकू क्या देखने को मिलते।।।
खूबसूरत अहसास, अलहदा अंदाज़... मुहब्बत एक रूहानी जज्बा है. जब तक अहसास है तब तक मुहब्बत है...मुहब्बत से भरे प्यारे हाइकू...
चनाब रोई
सोहणी महिवाल
आया न कोई ..
प्रेम को इन ऊंचाइयों तक कौन ले जाता है आज ... बहुत ही लाजवाब हैं सभी हाइकू ...
सुन्दर हाइकु
बहुत सुन्दर हाइकु
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