Monday, May 25, 2009

शिलांग की एक साहित्यिक यात्रा ....

सबसे पहले इस बार की पोस्ट में देरी के लिए क्षमा चाहती हूँ ....यहाँ शिलांग में तीन दिन का एक साहित्यिक कार्यक्रम था जिसमें भाग लेने सुअवसर मुझे इन दिनों मिला ....अपनी पुस्तक ' इक दर्द ' के लिए सम्मान-पत्र , कुछ राशि और शाल से मुझे भी सम्मानित किया गया ....जिसकी कुछ तस्वीरें मैं निचे दे रही हूँ ....इस कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी मैं फ़िर दूंगी इस समय कंप्यूटर भी साथ नही दे रहा और कुछ तीन दिनों की थकावट भी है ....हाँ चेरापूंजी की यात्रा हमेशा के लिए स्मरणीय रहेगी जिसमें नमिता राकेश , डाक्टर हरीश अरोड़ा व् 'हम साथ साथ' के संपादक किशोर श्रीवास्तव ने अपने गीतों , चुटकुलों यात्रा को इतना मनोरंजक बना दिया कि ८,९ घंटे की लम्बी यात्रा का जरा भी आभास ही नहीं हुआ .......लीजिये पेश हैं वहीं की कुछ तस्वीरें........


शाल व् सम्मान -पत्र लेते हुए

मेरे साथ बैठे हैं मुंबई के गज़लकार सरदार मुजावर और महिला हैं दिल्ली की 'हम साथ साथ हैं ' पत्रिका की संपादिका शशी श्रीवास्तव साथ में उनके पुत्र हैं .


चेरापूंजी की एक गुफा के बाहर

चेरापूंजी की एक ढलान से ऊपर चढ़ते हुए

66 comments:

Udan Tashtari said...

बहुत बधाई सम्मान पत्र के लिए.

यात्रा विवरण की प्रतिक्षा रहेगी.

Anonymous said...

सम्मान पत्र के लिए बहुत बहुत बधाई....

आज सुबह ही सोच रहा था की आपको लिखूं की हम बहुत दिनों से आपके नज्मों के खूबसूरत अहसास से महरूम हैं. पर फिर ऑफिस चला गया और अब आया हूँ.

यात्रा के अनुभव का इंतज़ार रहेगा.

रविकांत पाण्डेय said...

बहुत-बहुत बधाई आपको।

अनिल कान्त said...

बहुत बहुत बधाई आपको

varsha said...

badhai ayr shubhkamnaen.

Kajal Kumar said...

बहुत बहुत बधाई हरकीरत जी.
एक अनुरोध, क्या आप ब्लॉग का रंग ब्लैक-व्हाइट से बदल कर कुछ और कर सकती हैं (?) पोस्ट पढने पर आँखें जवाब देने लगती हैं...

Unknown said...

samman k liye haardik badhai aur punragman ke liye swagat

अलीम आज़मी said...

bahut khoob....badhai ho apko harkirat ji

sandeep sharma said...

congratulation....

विजय तिवारी " किसलय " said...

हरकीरत जी
नमस्कार
शिलांग में आयोजित कार्यक्रम में आपकी पुस्तक "इक दर्द " के लिए प्राप्त सम्मान के लिए हमारी हृदय से शुभकामनाएँ स्वीकारें .
- विजय

Anil Pusadkar said...

बहुत बहुत बधाई आपको।

Vinay said...

बधाइयाँ जी बधाइयाँ...

अनिल कुमार वर्मा said...

हरकीरत जी, जो सम्मान आपको हासिल हुआ है...उसके लिए बहुत बहुत बधाई...आपकी अगली रचनाओं की प्रतीक्षा रहेगी।

Prakash Badal said...

बहुत ही मनमोहक नज़ारा और आपको सम्मान के लिए बधाई! उम्मीद है रिपोर्ट भी पढ़ने को मिलेगी।

Alpana Verma said...

waah !
kya baat hai Harkirat ji yah to bahut hi khushi ki baat hai...
is samman ke liye aap ko dheron badhaayeeyan...
bhavishy mein aise hi dheron aur samman aur prashsati patr aap ko miltey rahen..

shubhkamnaon sahit,
Alpana

नवनीत नीरव said...

Is samman ke liye aapko hardik shubhkamnayein. Badhai ho.
Navnit Nirav

Anonymous said...

सर्वप्रथम तो आपको प्रशश्ति-पत्र मिलने के लिए हार्दिक शुभकामनाएं. चित्रों से प्रतीत होता है शिलोंग यात्रा काफी दिलचस्प रही. यात्रा विवरण यथाशीघ्र दीजियेगा, सभी को इंतज़ार रहेगा.

साभार
हमसफ़र यादों का.......

प्रिया said...

Congratulations! Mera bhi same request hain ye black colour hata digiye please...padhne mein to pareshani hoti hi hai... phir andhera kisko bhata hain :-)

Yogesh Verma Swapn said...

samman ke liye badhai. bhavishya ke liye shubh kaamnayen.

Ashok Kumar pandey said...

बधाई
शिलांग विश्व्विद्यालय ( नेहू ) में मेरे मित्र हैं- डा भरत प्रसाद। अच्छे कवि हैं और बढिया आलोचक। अभी उनका काव्य सकलन भी आया है।

Prem Farukhabadi said...

सम्मान लिए बहुत बहुत बधाई.

ताऊ रामपुरिया said...

इस सम्मान के लिये आपको ढेरों बधाईयां. ईश्वर करे आप और बडे बडे सम्मान प्राप्त करें.

रामराम.

संध्या आर्य said...

हरकीरत जी

आप चेरापूँजी मे माउस गुफा के बाहर नही बल्कि शेर गुफा के बाहर खडी है,क्योकि हाल ही मे मेरा जाना भी हुआ था,और कोलकाता मे आपका काव्य पाठ देखने का अवसर तो नही मिला पर मेरे पतिदेव के साथ आपने काव्यपाठ करी थी.
जो उन्ही के द्वारा आपके नाम और क़ृति से परिचित हुई.उसके बाद ये ब्लोग के मार्फत आपकी रचनाओ से ........जिसके लिये बहुत बहुत आभार ........आपकी रचनाये औरत के दर्द ही नही बल्कि मांनविय रिश्ते की सच्चाई को बखुबी उजागर करता है................जो सिर्फ आपकी लेखनी कर सकती है.........बहुत बहुत शुक्रिया एक बार फिर से

डॉ .अनुराग said...

एक नज़्म का वादा है मुझसे ......

दिगम्बर नासवा said...

हरकीरत जी
आपको बहुत बहुत बधाई सम्मान पत्र मिलने पर ...............शिलोंग की मनमोहक छठा और वहां का खुशगवार मौसम में आपको मिला सम्मान, विवरण की प्रतीक्षा रहेगी

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

हरकीरत जी, इस सम्मान प्राप्ती हेतु आपको हमारी ओर से भी ढेरों बढाई तथा भविष्य हेतु शुभ‌कामनाऎं........

मीनाक्षी said...

सम्मान पत्र के लिए बहुत बहुत बधाई हो ... अब विवरण का इंतज़ार है..

मीनाक्षी said...

सम्मान पत्र के लिए बहुत बहुत बधाई हो ... अब विवरण का इंतज़ार है..

राज भाटिय़ा said...

आप को इस सम्मान के लिये हमारी तरफ़ से बहुत बहुत बधाई, अगले लेख का इन्तजार

मुकेश कुमार तिवारी said...

हरकीरत जी,

अनेकोनेक बधाईयाँ सम्मान के लिये। उड़न तश्‍तरी जी का हमख्याल हूँ, रिपोर्ताज का इंतजार रहेगा।

सादर,

मुकेश कुमार तिवारी

pritigupta said...

Badhaaii samman ke liye, maine america yatraa ka vritant blog par daalaa hai padh ke dekhiye.
Priti

सुशील छौक्कर said...

बहुत बहुत बधाई। जब अपने काम पर ईनाम मिलता है तो एक नई ऊर्जा आ जाती है। उम्मीद है उस ऊर्जा से बहुत प्यारी, बेहतरीन रचनाएं निकलेगी। वैसे ये किताब वहाँ से अब तक नही आई।

मोहन वशिष्‍ठ said...

बहुत बहुत बधाई हरकीरत जी

manu said...

क्या बात है,,,,,,,
इसलिए आजकल गायब सी लग रहीं थीं आप,,,
तो ये बातें हैं,,,,,,,,
बहुत बहुत मुबारकें आपको,,,,
हुजूऊऊऊऊऊऊर,,,,,,,,,,!!!!!!!!!!!!!

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } said...

BADHAI SAMMAAN KE LIYE

daanish said...

वधाईयां जी !!!

---मुफलिस---

ओम आर्य said...

मैं पीछे रह गया बधाई के इस सुअवसर पे , फिर भी ग्रहण करें. प्यार और आदर के साथ भेज रहा हूँ.

लोकेन्द्र विक्रम सिंह said...

बधाई के इस भीड़ में मुझ नाचीज की बधाई स्वीकार्य करिए.....

गौतम राजऋषि said...

सच कहूँ, मैम तो कब से प्रतिक्षा थी आपके नज़्मों के संकलन की...
पहले तो सहस्त्रों बधाईयां और अब ये बताईये कि "इक दर्द" मँगवाने का तरीका क्या है और वो भी आपके द्वारा हस्ताक्षरित

हरकीरत ' हीर' said...

संध्या जी ,

आपके पति का शुभनाम जान सकती हूँ ...?? मैं तो कोलकत्ता कभी कविता पाठ के लिए गयी नहीं....शायद आपके पतिदेव को गलत फहमी हो गई हो.....??

सूशील जी और गौतम जी ,

ऐसा कुछ नहीं है ' इक-दर्द ' में कि उसे पढा जाये ...आपकी ग़ज़लों के सामने तो धूल बराबर भी नहीं और फिर उसमें से तो कई ब्लॉग में डाल चुकी हूँ ....!!

Sajal Ehsaas said...

sabse pehle to badhayee aapko...ab is yaatra pe ek zordaar kavita bhi ho jaaye...kaisa vichaar hai??

www.pyasasajal.blogspot.com

शोभना चौरे said...

bhut bhut badhai samman ke liye .
agli post ki pttiksha rhegi.

Anonymous said...

बहुत बहुत बधाई हरकीरत जी

संध्या आर्य said...

हरकीरत जी
आपके द्वारा लिखित एक पुस्तक ,जिसका नाम मुझे पुरा याद नही ...सीप की मोती... था शायद, मुम्बई लौटते वक्त मेरे रिश्तेदार के घर छुट गयी और मै वहाँ पढ भी नही पायी.यह जनवरी 2nd की बात होगी. और मेरे बेटर हाफ का नाम बसंत आर्य है.
उनको आपकी पुस्तक पब्लिशर के द्वारा प्राप्त हुई थी,पर कोलकाता मे उनकी काव्यपाठ हुई तो थी,पर उस समय मुझे बताया गया था कि आप भी आ रही है.जैसा कि मै उस काव्य सम्मेलन मे नही जा पायी थी, कम्युनिकेशन गैप के वजह से आपको जो कुछ भी मैने आपको मैसैज दिया उससे हुई परेशानी के लिये मुझे खेद है.और यह दुआ करती हुँ कि आप कोलकाता भी जाये काव्यपाठ भी करें और पुरस्कृत भी होवे,आपकी लेखनी मे इतना दम है.और आप मुम्बई भी आये और आपको सुनने का मौका भी मिले मुझे.मुझे कविताये सुनने का बहुत शौक है.
पुरस्कार की बहुत बहुत बधाई.

Kulwant Happy said...

देर से आने के लिए क्षमा, सम्मान की बहुत बहुत बधाई हो..लगे रहो..

हरकीरत ' हीर' said...

जी संध्या जी अब समझ आई आपकी बात .....वो पुस्तक ' इक दर्द' ही थी जिसका विमोचन कोलकाता में हुआ था प्रकाशक की ओर से और मुझे उस विमोचन में आमंत्रित किया गया था पर मैं जा नहीं पाई थी ...!
और एक बात ...आपने अपने ब्लॉग में कुछ नहीं डाला है....पर मुझे लगता है मैं आपके ब्लॉग में कुछ पढ़ा था आपके दो ब्लॉग हैं या आपने डिलीट कर दिया .....?!

संध्या आर्य said...

हरकीरत जी

मेरा कोई ब्लोग नही है वैसे आपने जिस किसी भी ब्लोग को पढा होगा,वह किसी अन्य का होगा.मै शुध्द पाठक हूँऔर बने रहना चाहती हूँ.

वैसे महाराज जी की शिविर1999 जो अजमेर मे हुई थी,जिसमे हमलोगो ने शिरकत करी थी.तब महाराज जी थे.
कहानी लेखन महाविध्यालय की शिविर की अपनी अलग ही खाशियत होती है जो बिल्कुल निराला होता है,ऐसा मैने महसुस किया था.

मै आपकी लेखनी को आमृता जी की लेखनी जैसा मानती हूँ,जो शायद सबको मय्यसर नही होती है.

pran sharma said...

SAMMAAN MILNE PAR AAPKO HARDIK
BADHAAEE.BHAVISHYA MEIN DHER
SAARE SAMMAAN AAPKO MILEN,IS SHUBH
KAAMNAA KE SAATH.

डिम्पल मल्होत्रा said...

congrats mam......

MANVINDER BHIMBER said...

सम्मान पत्र के लिए बहुत बहुत बधाई....
भविष्य हेतु शुभ‌कामनाऎं........

RAJ SINH said...

हरकीरत जी ,
बधाइयों के ढेर में मेरी भी शुमार करें .............

और याद रखें ........" मीलों मुझको , मीलों मुझको , मीलों मुझको चलना है " !

और ये क्या बात हुयी . बचपने में सुना था कि
चेरापूंजी में ,दुनिया में सबसे ज्यादा बरसात होती है .ये तो ड्राई मामला है . लगता है कि मानसून से पहले ही ट्रिप बना डाला .होशियार हैं आप .लेकिन अब इस खुशी के मौके पर अब आपकी नज्मों में ही कुछ रिम झिम हो जाये .

surjit singh said...

Congratulations.I wish you get many more such laurels.You really deserve.
Good luck.

अमिताभ श्रीवास्तव said...

badhai/
yatra ke anubhav se shighra parichit hounga, isi ummid ke saath..ek baar fir badhai/

!!अक्षय-मन!! said...

आप और बुलंदियों तक जाएँ......
मेरी तहेदिल से मुबारकबाद कबूल करें....
बहुत ख़ुशी हुई .......
अक्षय-मन

रश्मि प्रभा... said...

bahut-bahut badhaai,tasweeren bahut hi achhi....yun hi aap samman ki patra rahen

"अर्श" said...

SAMMAAN KE LIYE HARDIK BADHAAYEE AAPKO.. HARKIRAT JI ... WESE SAMMAAN AAPKO PAAKAR JIWANT HO UTHAA HOGAA...



ARSH

Gurinderjit Singh (Guri@Khalsa.com) said...

Many congratulations for the well deserved award and recognition, Harjirat Ji.
ਰੱਬ ਕਰੇ ਤੁਸੀਂ ਹੋਰ ਵੀ ਉੱਚੀਆਂ ਚੋਟੀਆਂ ਸਰ ਕਰਦੇ ਜਾਵੋ..
ਤਸਵੀਰਾਂ ਬਹੁਤ ਖੂਬਸੂਰਤ ਨੇਂ।

अभिषेक मिश्र said...

सम्मान के लिए बधाई .
यात्रा विवरण की प्रतिक्षा.

के सी said...

आपको ढेर सारी बधाइयां, फोटोग्राफ्स कमाल के हैं इन्होने बताया कि आपकी नज़्में ही नहीं आप खुद बला की खूबसूरत हैं.

सुभाष नीरव said...

हरकीरत जी, ढेर सारी बधाइयाँ ! ईश्वर से कामना है, आप इसी तरह अच्छा लिखती रहें और बुलन्दियाँ छूती रहें।

डॉ. मनोज मिश्र said...

सम्मान पत्र के लिए बहुत बहुत बधाई.

गर्दूं-गाफिल said...

badhai

kabir said...

bahot bahot badhai, harkirat ji... aap ki rachnao ke toh vaise hi hum kayal hain...aur iss samman ke liye aapko vishesh badhai dete hai....

nilesh mathur said...

हीर जी, बहुत बहुत बधाई, पता होता तो मैं भी चलता, खैर कोई बात नहीं फिर कभी!

RAJWANT RAJ said...

dil se bdhai . khoobsoorat vadiyan bhi dil hi dil me muskura uthi hongi aise mehmano ke deedar kr ke .behad sjeev tsveeren . pththar our hriyali ka snyojan nihayat aakrshak our lubhavna .aapke anubhavo se upji nzm ka intzar hai .thkan mitao , jldi aao .

RAJWANT RAJ said...

dil se bdhai . khoobsoorat vadiyan bhi dil hi dil me muskura uthi hongi aise mehmano ke deedar kr ke .behad sjeev tsveeren . pththar our hriyali ka snyojan nihayat aakrshak our lubhavna .aapke anubhavo se upji nzm ka intzar hai .thkan mitao , jldi aao .