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Tuesday, September 13, 2011

दूरदर्शन पर हुए कवि सम्मलेन की कुछ तस्वीरें .....

आज सिर्फ कुछ तस्वीरें .....
पिछली बार आद. राजेन्द्र जी की शिकायत थी कि मैंने झूठे इंद्रजाल में उलझा दिया .....
देखिये उनकी टिपण्णी .....:))

आदरणीय दराल साहब !

आपको हीरजी की पिछली पोस्ट पर मुझसे पूछे गए 'ऐंद्रजालिक' शब्द का अर्थ अब मिल गया न ?

आपको याद ही होगा - हीर जी ने कहा था -
शायद अगली बार कुछ तस्वीरें पेश करूँ .......

आप-हमको बहला दिया , हमें भ्रम में डाल दिया , सम्मोहित कर दिया , हम पर ज़ादू-इंद्रजाल कर दिया ,

और इनकी नई पोस्ट में आपको तस्वीरें नज़र आईं ?

और इतने सारे - सौभाग्य से दिल ख़ुश करने के बहाने दे दिए कि किसी को पिछली पोस्ट में ख़ुद इनके अपनेआप किए वादे के बारे में पूछना तक याद नहीं रहा … :))

हीर जी ने उलझा दिया सबको इंद्रजाल में ......!!

तो लीजिये राजेन्द्र जी हमने तोड़ दिया ये इंद्रजाल .....:))
पर इसके लिए हमें काफी मेहनत करनी पड़ी ...दूरदर्शन वालों ने काफी अनुरोध के बाद यह सी डी दी और हमने सी डी से ये कुछ तस्वीरें निकाली ....

एंकर कबीर और प्रीति तिवारी
सामने मंच पर सभी कवि विराजमान हैं और कुर्सियों पर ऑडियंस ......
इन्हें तो आप जानते ही होंगे .....:))
कवि सम्मलेन के पहले वंदना गीत पेश करती एक गायिका ......
और इन्हें भी .....??
यहाँ मेरी बगल में हैं कबीर , उनकी बगल में असमिया के युवा गायक भुइयां इन्होने कवि सम्मलेन के अंत में एक हिंदी गीत पेश किया था ,मेरी दूसरी और कवि चन्द्रप्रकाश पोद्दार , केन्द्रीय हिंदी निदेशालय के पूर्वोत्तर के प्रभारी उमाकांत खुबालकर और कवि किशोर जैन .....



:))


ये हैं ज़ीना बरुआ , उमाकांत खुबलकर ,डॉ सुधा श्रीवास्तव ,हरकीरत 'हीर'और चन्द्रप्रकाश पोद्दार
कैसी लगी .....:))

101 comments:

  1. बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति ...आभार ।

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  2. बहुत अच्छी पोस्ट है...शुभकामनाएं...

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  3. कवि सम्मलेन की सुंदर तस्वीरें......अच्‍छी प्रस्‍तुति हरकीरत जी

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  4. वाह आनन्द आ गया देखकर्…………बधाइयाँ।

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  5. बहुत बढ़िया.मजा आ गया.

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  6. वाह! वाह! वाह! बहुत अच्छी लगी। हिंदी दिवस के दिन बढ़िया तोहफा।

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  7. वाह...विभिन्न रूप देखने को मिले...शुक्रिया.

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  8. आप सब को पोस्ट कल की दिखाई दे रही होगी ...दरअसल कल ही पोस्ट करना चाहती थी पर इन्टरनेट की समस्या के कारण पोस्ट नहीं कर पाई. ड्राफ्ट से जब आज पोस्ट की तो तारीख़ कल की ही रह गई ....

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  9. सुन्दर तस्वीरें हैं....

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  10. कैसी लगी .....
    जी बहुत खूबसूरत ।
    आह से आहा तक का सफ़र !
    राजेन्द्र जी भी बहुत खुश होंगे ।
    दूरदर्शन पर कवि सम्मेलन कब आ रहा है ?

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  11. अरे .... दराल जी ये तो लाइव था साथ-साथ दिखा दिया गया ....

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  12. बहुत अच्‍छी प्रस्‍तुति ...


    पुनश्चः-
    हरकीरत ' हीर' जी,
    कतिपय व्यस्तता के कारण विलम्ब हुआ है...शीघ्र ही मेल कर रही हूं.
    पुनः आग्रह हेतु ससंकोच आभारी हूं.

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  13. आद हीर जी, बढ़िया तस्वीरें.... सादर बधाईयाँ... शुभकामनाएं....

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  14. आपको भला कौन नहीं जानता हीर जी......... हर तस्वीर सुंदर है. आपको बधाई भी. सुंदर प्रस्तुति.
    पुरवईया : आपन देश के बयार

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  15. .


    ओए होये होये होयेऽऽऽ…
    :)

    तो गुस्से में आ'कर तस्वीरें लगा ही दी आपने …

    गुस्से में जो निखरा है उस हीर का क्या कहना
    कुछ देर अभी हमसे आप यूं ही ख़फ़ा रहना


    हमारे ताने ने काम कर ही दिया … हुम्म्मऽऽ…
    लेकिन ब्लॉग जगत में आपके चाहने वाले हमें शुक्रिया कहेंगे मन ही मन आपकी ताज़ा सूरत के दीदार तो करवा दिए हमने …


    वैसे तो महिला दिवस की हमारी पोस्ट में हमने आपकी एक और तस्वीर के दर्शन का अवसर दिया था ब्लॉगजगत को … :)

    बहुत ख़ूब ! फिर आता हूं …

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  16. आदरणीया हरकीरत हीर जी

    आशा है , हमारे कारण आपको इतनी मेहनत करनी पड़ी , उसके लिए क्षमा करेंगी…

    दूरदर्शन वालों से कविसम्मेलन की रिकॉर्डिंग की सीडी भी उपलब्ध कराने को कहिए न !

    हम पर एक और उपकार का अवसर है…

    और डॉ. दराल साहब हर किसी से आग्रह नहीं करते … जहां स्नेहिल अपनत्व हो वहीं कहते हैं …

    # देखलें , कभी आपको रूबरू सुनने की हम सबकी इच्छा पूरी करने का पुण्य मिलेगा :)

    हार्दिक शुभकामनाओं सहित
    राजेन्द्र स्वर्णकार

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  17. सुँदर चित्रों का दीदार हुआ. दूरदर्शन धन्य हुआ . अच्छा लगा .

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  18. राजेन्द्र जी , चलिए इस बार फ़रमाइश हम कर देते हैं । प्रोग्राम तो लाईव था । लेकिन सी डी हीर जी को मिल चुकी है । हीर जी , अब तो सी डी के कुछ अंश ब्लॉग पर डाल ही दीजिये । सोने पे सुहागा हो जायेगा जी । अग्रिम आभार ।

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  19. राजेन्द्र जी सी डी तो हमारे पास है ...
    उसी में से तो तस्वीरें निकाली हैं ....
    पर हम सी डी नहीं दिखलाते आपको ...
    उसके लिए तो आपको खुद चल कर आना होगा हमारे कुचे ....:))

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  20. अरे हीर जी , ऐसा ज़ुल्म क्यों कर रही हैं ! फिर बाकि सब का क्या होगा । आखिर हक़ तो सब का बनता है जी ।

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  21. झूठ ...
    दराल जी ये तो सिर्फ आपकी और राजेन्द्र जी की फरमाइश थी और तो किसी ने कहा तक नहीं .....
    वीडियो फिर कभी .....

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  22. अब देखिए देखिए …
    मैंने कहा … अजी किसी की बात मान भी लीजिए


    वीडियो फिर कभी ..... एक आश्वासन तो है … जिस पर भरोसा भी कर सकते हैं … क्योंकि इस पोस्ट से यक़ीन हुआ है कि आप जो कहती हैं , करती भी हैं … :)

    लेकिन इंतज़ार कैसे करें ?

    और हमें खुद चल कर आने का अवसर तो दीजिए … :) हो जाएंगे हाज़िर ।

    … बस , हमारे बड़े भाईजी दराल साहब अपने कुछ ख़ास मरीज़ों का इलाज निपटा लें … :) साथ ही आएंगे …

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  23. बहुत बढिया लगी जी, बहुत ही बढिया :)

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  24. वाह हरकीरत जी...काश आपको रचना सुनाते हुए देख और सुन पाते...तो कुछ और बात होती...अगली बार सही...

    नीरज

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  25. .


    लीजिए
    हीरजी

    अब तो मेरे अलावा मेरे दो बड़े भाई , दो दिग्गज महारथी मेरी ख़्वाहिश को समर्थन दे रहे हैं …
    नीरज गोस्वामी जी और डॉ.टी एस दराल जी दोनों के मत ज़्यादा नहीं तो सौ-सौ मतों के तो बराबर हैं ही … हां !

    * अभी शायद आप सोने चली गई हैं … रात बहुत हो चली है …
    अभी तो सोइए , अच्छे अच्छे सपने लीजिए …

    सवेरे उठ कर हमारी फ़र्माइश पर ग़ौर ज़रूर फ़रमाइएगा …

    वैसे अगली पोस्ट तक का इंतज़ार मुझे तो मंज़ूर होगा …

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  26. तुस्सी ग्रेट हो पापे !!!!! बड़े चंगे लग रहे हो तुस्सी .....दिल आ गया ..

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  27. मेडम जी ,राजेंदर वीर जी ,दराल साहेब और नीरज जी के पीछू हम भी खड़े हैं राह में ...आपका दीदार करने को ...भूल मत जायो ?

    वैसे राजेंदर जी आपका धन्यवाद जो इस युग की 'हीर' के दर्शन हुए ? वरना इस मुरब्बत ने तो अपनी शक्ल दिखानी नहीं थी ?हा हा हा हा

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  28. दर्शी जी ,
    अच्छा हुआ खुदा ने आपको लड़का नहीं बनाया ....
    वर्ना आप तो गुवाहाटी आ धमकती .....:))

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  29. राजेन्द्र जी सौ-सौ मत ...?
    न ....यूँ नहीं चलेगा ....
    पूरी टिप्पणियों में पचास प्रतिशत से ज्यादा की मांग हुई तो सोचा जा सकता है ....

    ReplyDelete
  30. # दर्शन भाभीजी
    हमारे समर्थन के लिए शुक्रिया !
    आपका मत भी सौ के बराबर है


    # हीरजी अब बहाने नहीं चलेंगे …
    धरने पर गुवाहाटी आ'कर आपके घर के आगे ही नहीं … हमारे घर में पीसी के आगे बैठ कर भी बैठा जा सकता है … :)

    ReplyDelete
  31. अच्छा जी , अब हमले शुरू …

    *********************************************
    @ दर्शी जी ,
    अच्छा हुआ खुदा ने आपको लड़का नहीं बनाया


    # देखिए , ऐसे हमले भारी पड़ सकते हैं …

    "अजी , आपके लिए नहीं हमारे लिए … "
    :(
    *********************************************

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  32. बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति ...आभार ।

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  33. बढ़िया तस्वीरें हैं हीर जी...........दूरदर्शन की हैं तो ज़ाहिर हाँ काफी पुरानी होंगी..........क्या ऐसे मांगने पर दूरदर्शन से किसी कार्यक्रम की सीडी मिल जाती है?............अगर हाँ तो मुझे मेरे पसंदीदा सीरियल की मिल सकती है क्या?

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  34. जी नहीं इमरान जी ये पिछले महीने राजीव गाँधी की जन्म तिथि पर सद्भावना दिवस के उपलक्ष में कार्यक्रम हुआ था ....
    नहीं इतना आसन नहीं है सी डी मिलना .....फार्म भर कर पैसे जमा करवाने पड़ते हैं फिर लगभग एक वर्ष बाद सी डी मिलती है .....यह चूँकि नार्थ-ईस्ट का कार्यक्रम था इसलिए जल्दी मिल गई ...पर २० अगस्त को हमारा दूरदर्शन नैशनल पे था उसकी सी डी उन्होंने नहीं दी ....

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  35. अच्छा लगा जानकर, बहुत शुभकामनाएं.

    रामराम

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  36. अच्छी लगी सभी तस्वीरें. कुछ नए लोगों को जानने का मौका मिला. आभार

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  37. अच्छा लगा ! तुम(आप) से मिल कर ....
    खुश रहो और स्वस्थ रहो !
    शुभकामनायें!

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  38. नई मंजिलें
    नई कामयाबी
    बहुत बहुत मुबारक
    शहर से बाहर था (नाथद्वारा, उदयपुर)
    पहले ना आ सका

    ReplyDelete
  39. नई मंजिलें
    नई कामयाबी
    बहुत बहुत मुबारक
    शहर से बाहर था (नाथद्वारा, उदयपुर)
    पहले ना आ सका

    मुफलिस जी यहाँ वो समस में कही बात क्यों नहीं कही .....:))

    ये क्या हाल बना रखा है कुछ पीते क्यूँ नहीं .....?

    हा...हा....हा......

    दुबली हो गई हूँ क्या ......?

    शायद थोड़ी सी .....:))

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  40. धन्यवाद हीर जी वादा पूरी हुयी ! बहुत ही सुन्दर लगी !

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  41. बहुत उम्दा प्रस्तुति....आपके मार्गदर्शन की इच्छा रखता हूँ ....यदि कभी संभव हो तो मेरे ब्लॉग पर भी तशरीफ लाएं.....
    सादर
    उपेन्द्र दुबे

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  42. मेरी तो सांस जोर-जोर से चलने लगी है ....पता नहीं क्या हो गया है ?
    डॉक्टर "हीर " के क्लीनिक जाना पड़ेगा. उफ्फ्फ! इत्ती दूर ...गुवाहाटी ! कैसे जाऊं टिकट के पैसे कौन देगा ? और पहुँच भी गया तो उनका सामना कैसे करूंगा ? बड़े गुनाह किये हैं मैंने.......
    फुनवा को फुनगी पे टांगने अउर टिविया को घुरवा पे फेंकने का हमको इत्ते दिन के बाद पहिली बार अफसोस हो रहा है......पूरे गुवाहाटी की कसम .....हम अबकी बार बिलकुल सच्ची-सच्ची कह रहे हैं( झूठी बोलना छोड़ दिए हैं ...कल ही तो छोड़े हैं ...कसम से ! )
    हम तो चोरी करना भी छोड़ दिए हैं ....हाँ डाका तो डाल ही सकते हैं...ऊ अभी नहीं छोड़े हैं. पहिले गुवाहाटी जाके ऊ सिडिया लै आवें फिर छोड़ेंगे. ई मज़बूरी है हमारी. हम का करें .....उई त नखरए एतना दिखाय रही हैं कि "जब तक पचास पर्तिसत लोग मनुहार नहीं करेगा हम नहीं मानूँगी" ...ठीक है मत मानिए....हियाँ पचास पर्तिसत भोट सरकार बनाने वाले एम. एल. ए. , एम. पी. को आज तक नहीं मिला.
    त का कह रही हैं ? सिडिया दिखाइएगा के नहीं ? ..के हमको गुवाहाटी आना ही पड़ेगा ? आ बूझ लीजिएगा के हम आयेंगे त महीना भर से पहले टरकेंगे नहीं . फिर गाती रहिएगा - अतिथि तुम कब जाओगे ?

    ReplyDelete
  43. मक्खन ने दूरदर्शन से लाकर कई सीडी तोड़ दी है...मुंह फुलाए बैठा है...किसी में से भी हीर जी बाहर नहीं निकलीं...

    अब कैसे मनाऊं उसको, हीर जी आप ही बताओ...

    जय हिंद...

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  44. कौशलेन्द्र said...मेरी तो सांस जोर-जोर से चलने लगी है ....पता नहीं क्या हो गया है ?

    राम...राम.....राम......
    डॉ साहब आपको तो कोई गंभीर बिमारी लगती है ......:))
    डॉ दराल जी को बुलाऊँ ...?

    @ और पहुँच भी गया तो उनका सामना कैसे करूंगा ?
    सामना तो यहाँ राकी और सैफू से होगा ....:))

    @ अउर टिविया को घुरवा नहीं भी फेंकते तो भी नहीं दिखाई देता आपको .....ये सिर्फ नार्थ ईस्ट में दिखाई देता ..
    नैशनल वाला दुसरे दिन था जिसकी सी डी नहीं मिली हमें ....


    @ Khushdeep Sehgal said...मक्खन ने दूरदर्शन से लाकर कई सीडी तोड़ दी है...मुंह फुलाए बैठा है...किसी में से भी हीर जी बाहर नहीं निकलीं...
    खुशदीप जी हमें मक्खन पे तरस आ रहा है ...हम मक्खन के लिए सी डी जरुर भिजवायेंगे .....

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  45. सम्मेलन की जानकारी से खुशी हुई.. बाँटने के लिए शुक्रिया.

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  46. हीर जी ! हम अइसा का गुनाह किये हैं के हमको आपके रोकी जी आ सैफू जी का सामना करना पडेगा ? हमारा जान इतना फालतू समझ लिए हैं का ? एगो सिडिया के चलते आप हमको अपने रोकी जी आ सैफू जी से कटवाइयेगा......नुचवाइयेगा ? हम त आपको एकदम सीधी-सादी आ भोली-भाली समझे थे ......बड़ा खतरनाक हैं आप !

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  47. अरे डॉ साहब डरते क्यों हैं .....?
    हमने कब कहा कटवायेंगे .....
    हमने कहा राकी जी सी डी मुंह में लिए खड़े हैं ले लीजिये आकर ....:))

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  48. सॉरी शायद गलत लिख दिया । कौशलेन्द्र के परिचय में लिखा है --अभी तक छात्र हूँ । इसलिए कन्फ्यूजन हुआ ।
    पहचान साफ होनी चाहिए यार डॉक्टर ।

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  49. डॉ कौशलेन्द्र जी ....????
    अब अपना प्रोफाइल परिचय ठीक कर लें ....प्ल्ज
    न आप तस्वीर लगते हैं न परिचय ठीक से दिया है ....
    भ्रम तो बनेगा ही ...:))

    डॉ दराल जी ये बस्तर में आयुर्वेद अस्पताल में कार्यरत बहुत ही ईमानदार डॉ हैं
    बिलकुल आपकी तरह ....

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  50. जी शुक्रिया । डॉ साहब को शुभकामनायें ।

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  51. बसन्ती से पूछिएगा कि "बसन्ती तुम्हारा नाम का है ?" त ऊ भी ओतना हीं भोलेपन से ज़वाब देगी- " हमारा नाम बसन्ती है" . एतना भोलापन कहीं अउर देखे हैं ? चलिए, कौनो बात नहीं.
    पोरफाइल मं का सुधारना है जी ? लोहा गरम है ...अभिये सुधारे देते हैं दन्न से .
    त .....डाक्टर दराल बाबू जी ! जय राम जी की ! हमरा नमवा त जानिये गए हैं आप. कमवा जिला अस्पताल में करते हैं हम. भारत सरकार हर एलोपैथिक अस्पताल में एगो आयुष ब्हिंग खोल दिया है हम भी उसियेमें बैदगी करते हैं. लोग कहता है कि डाक्टर का मतलब है -"विद्यानुरागी पंडित". हम कोसिस त बहुत किये पर पंडित नहीं बन पाए, इसीलिये डाक्टर नहीं लिखते हैं. विद्यानुराग बना हुआ है अभी तक ( जो हमरे मरते दम तक बना रहेगा ) इसीलिये पोरफइलवा में "छात्र" लिख दिए हैं. हमको छात्र बने रहना ही अच्छा लगता है. भगवानओ से एही बिनती करते हैं कि हमको छात्र ही बनाए रखियेगा. जब तक मन में छात्र भाव रहेगा तभिये तक न हम सीखते हैं ...अउर ई परकिरिया हमारी अंतिम सांस तक चलते रहना चाहिए.
    जय राम जी की !

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  52. @"ये सिर्फ नार्थ ईस्ट में दिखाई देता ..
    " - ई का कहती हैं हीर जी ! आप कौनो दूसरा कंट्री में रहती हैं का ? हमतो समझे थे कि भारते में रहती हैं :-)

    @ "....न आप तस्वीर लगते हैं....."
    अब हम का करें हीर जी ! ऊपर वाला पता नहीं हमसे काहे नराज़ हो गया था . हमरा फेसवा डॉक्टर दराल जी जइसा एकदम नीमन नहीं न दिखता है. एतना नीमन फेसवा होता त हम बैदगी छोड़ के फिलम का हीरो नहीं बन जाते ? वइसे हम एतना नीमन फुलवा लगाय दिए हैं ....अब हमरे फेसवा का का कीजिएगा. अइसा चीज देखिये के दिल खुस हो जाय. हमरा बलाग में हमरा छबी नहीं दिखता है का ?

    @ " डॉ साहब को शुभकामनायें ।"
    डॉक्टर दराल साहब जी ! आपका गुलाबी फुटवा के गुलाबी होठवा में से हमरे लिए जो गुलाबी सुभकामना निकला है हम उसको रख लिए हैं.

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  53. ओये होए ! अज़ी यो तै चाला हो ग्या . भ्राता प्रेम मैं आके राजेन्द्र भाई नै म्हारा चेहरा गुलाबी बना दिया और हम नै तै ध्यान भी ना दिया . ईब इसकी सज़ा भी राजेन्द्र भाई नै ही भुगतनी पडैगी . ईब म्हारी पसंद का नीला /आसमानी रंग भरना पडैगा तस्वीर मैं . फेर म्हारा नाम पिंकू राम तै मुरारी लाल हो ज्यागा . कोए कान्हा कहै तै हम के कर सकें सें : )

    ईब राजेन्द्र जी तक या खबर पहुँचाने का काम थारा सै हीर जी .

    लो जी हमने भी झज्जर की भाषा में अपनी बात कह दी .
    अब राजेन्द्र जी , राजस्थानी में क्या कहते हैं , इंतजार रहेगा .

    ReplyDelete
  54. .



    आदरणीय डॉ.दराल भाईजी

    सब जळन के मारे कहवै है … आपकी ख़ूबसूरती नैं तो कितणों को घायळ कर राख्या है ब्लॉग जगत में :)
    … और ब्लॉग जगत सै बाहर की कौण जाणै ??:))
    जाणणै वाळै जाणते भी होंवेंगे…

    … और हमारी के बिसात थी जो थां'रा चेहरा गुलाबी बणा दिया … बणा सकते तो हम हमारा खुद का चेहरा ना बणा लेते गुलाबी !!
    भरे जहां में आपने रंग गुलाबी लाल !
    आप आप हैं ! आप तो करते रहें कमाल !!



    ```````````````````````````````````````````````````
    और
    हीर जी के वास्तै बिना मिळावट की राजस्थानी में कहवूं ?

    दो दो डॉक्टर बाबू के बीच एक शायर गीतकार और के कह सकै ? सिवाय इसके -
    हुयो म्हैं बावळो ; थारै ई जादू रो असर लागै
    कुवां में भांग रळगी ज्यूं , नशै में सौ शहर लागै

    छपी छिब थारली लाधै , जिको ई काळजो शोधूं
    बसै किण -किण रै घट में तूं , भगत थारा ज़बर लागै

    सुरग - धरती - पताळां में , न थारै जोड़ रूपाळी
    थनैं लागै उमर म्हारी , किणी री नीं निजर लागै


    { # राजस्थानी भाषा की मेरी पूरी ग़ज़ल मेरे राजस्थानी ब्लॉग पर पढ़ कर समझी जा सकती है , क्योंकि आप सब के लिए ही अर्थ भी लिखता हूं मैं :) }

    ReplyDelete
  55. मियां खूबसूरत शब्द का प्रयोग तो महिलाओं के सन्दर्भ में किया जाता है . मर्दों की खूबसूरती थोड़ी बखान की जाती है !
    अब तो नीला रंग भर ही दीजिये .
    लेकिन राजस्थानी में एक शायर की ग़ज़ल पढ़कर आनंद आ गया . वाह , वाह , वाह !

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  56. म्हनैं माळूम कोनीं या बात !
    क्योंकि हमें किसी ने कुछ कहा ही नहीं … ;)


    मैं तो ये जाणूं कि मन को जो सूरत , जो व्यक्तित्व अच्छा लगे वो ख़ूबसूरत !

    # मन भी ख़ूबसूरत होवै ( पुल्लिंग )
    # आत्मा भी ख़ूबसूरत होवै ( स्त्रीलिंग )

    # मुझे मेरी मां ख़ूबसूरत लगती है , मेरी मां को मैं ख़ूबसूरत लगता हूं …


    ……… चलो फिर भी आपके लिए कहता हूं -

    आपके बांकपण , आपकी handsomeness नैं तो कितणों को घायळ कर राख्या है ब्लॉग जगत में :)
    ईब राजस्थानी का एक पुराणा गीत याद आ गया –
    बांकड़ली मूंछ्यां वाळो आयो रे आंगणिये

    आप जाणो … इस दृष्टि सै तो 70-80 फीसदी मर्द अपणै बांकपण सै हाथ धो बैठे हैं :(

    आगे आप जो कहेंगे , आज्ञाकारी भाई की तरह मानना ही मानना है मुझे तो :)

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  57. @ भ्राता प्रेम मैं आके राजेन्द्र भाई नै म्हारा चेहरा गुलाबी बना दिया और हम नै तै ध्यान भी ना दिया .

    हा...हा...हा......

    राजेन्द्र जी हमारा भी गुलाबी बना दीजिये .....:))

    कौशलेन्द्र जी अब तो आप तस्वीर लगा ही लो ...और प्रोफाइल भी फिर से लिखो ..
    न जाने और कितने भ्रमित होंगे ....

    ReplyDelete
  58. राजेन्द्र भाई , सुना आपने --कि नहीं !
    अब तो रंगों की अदला बदली करनी ही पड़ेगी ।

    हरियाणवी और राजस्थानी तो बहुत सुन ली , अब बारी है पंजाबी की । हो जाए कुछ बल्ले बल्ले !

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  59. सीडी तो गुवाहाटी में ही दिखाएंगी :)
    सुंदर चित्र दिखाने और रिपोर्ट देने के लिए आभार...

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  60. "भ्रम !"
    अहा ! कितनो मोहक शब्द लाग्यो ए. गुवाहाटी की गोपी ! तैने तो बरसाने को रंग बिखराय दियो ....जा एक शब्द में कितनो रहस्य समायो ए. जा जगत में भ्रम ई भ्रम हे ......जगत में माया ....माया में भ्रम ......भ्रम में जगत. अहा गोपी ! कैसो सुन्दर रास को चक्र बन्यो हे .....तैने तो दर्शन शास्त्र को सार पढ़ाय दियो ......मैं तो धन्य व्है गयो गोपी जी ! तोय अपनो गुरू बनाय लऊं तो जीवन को उद्धार हे जावेगो.

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  61. राजेन्द्र भाई !
    "सुरग धरती पतालाँ में न थारै जोड़ रूपाली !"
    ओय-होय-होय ......
    गुलाबी रंग .......

    ReplyDelete
  62. program dekhne ka mauka milta to aur bhi accha lagta...bahut bahut badhai!

    ReplyDelete
  63. सुंदर तस्वीरें । अच्छी तो लगनी ही थीं ।

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  64. हीर जी , जितना सुन्दर आपका नाम है , उतनी ही सुन्दर है आपकी मुस्कान भी । कवि सम्मलेन के चित्र अच्छे लगे। आलेख पर विद्या-पंडितों का आपके साथ मधुर संवाद मनमोहक लगा।

    ReplyDelete
  65. tasweeren bahut achhi lagi.sadhuwad

    ReplyDelete
  66. मुस्कान देखने के लिए तो सब अभी तक तरस रहे हैं .
    दिव्या जी खुशकिस्मत हैं , जाने कहाँ देख ली .

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  67. हीर मेम !
    नमस्ते ! हमे मलाल रहेगा कि हम आप को सूं नहीं आये , मगर यहाँ इतनी चर्चा देख लगता है कि मानो मैं आप का कार्यक्रम ही देख रहा हूँ , बधाई .
    सादर

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  68. नॉर्थ ईस्ट के प्रतिनिधियों का सुन्दर समागम. आपको भी शुभकामनाएं.

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  69. हरकीरत जी,
    आपके निर्देशानुसार मैंने अपनी रचनाएँ 'सरस्वती-सुमन' के क्षणिका विशेषांक के लिए आपके इ-मेल पर भेज दी हैं. कृपया अवलोकन कर लें.

    अवसर देने के लिए शुक्रिया और आभार :

    संतोष कुमार

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  70. हरकीरत जी आपके पोस्ट पर आना न जानें क्यूँ बहुत ही अच्छा लगता है ।यह पोस्ट भी देखा बहुत अच्छा लगा । मेर पोस्ट पर आकर मेरा भी मनोबल बढाएं धन्यवाद ।

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  71. कैसी लगी? 'हीर' जैसी!
    हा हा हा...
    आशीष
    --
    लाईफ़?!?

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  72. हार्दिक शुभकामनायें।
    हमारी धरती पत्रिका के 07-08 अंक में आपके द्वारा लिखी भाई अंजुम जी की किताब रोशनी का घट की समीक्षा पढ़ी... बहुत सही विवेचना की है आपने ।
    . ...बधाई

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  73. कृपया इसे यूं पढ़ें......
    हमारी धरती पत्रिका के जुलाई-अगस्त 2011 के अंक में प्रकाशित आपके द्वारा लिखी भाई अंजुम जी की किताब रोशनी का घट की समीक्षा पढ़ी... बहुत सही विवेचना की है आपने ।

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  74. बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति ...आभार ।

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  75. मेरे ब्लॉग ' जज़्बात.....दिल से दिल तक' की नयी पोस्ट आपके ज़िक्र से रोशन है......जब भी फुर्सत मिले ज़रूर देखें|

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  76. सोच रहा हूँ टिपण्णी लिखू की नहीं, अगर लिखूंगा तो शायद ही आप पढ़ पाओगे, क्यूंकि यहाँ पर पहले से ही बहोत सी टिप्पणिया मौजूद है, मगर लिख ही रहा हूँ .
    बहोत ही अच्छा ब्लॉग बनाया है आपने, इस आलेख में जो कवि सम्मलेन की सुंदर तस्वीरें आपने डाली है, उसके लिए धन्यवाद्


    A few snaps dont belong to India, there's much more to India than this...!!!.
    Take a llok here for India

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  77. जान कर अच्छा लगा कि हीर इसी दुनिया में रहती है.

    आदाब.

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  78. ७० से भी ज्यादा तिप्प्निया देखकर मुज़े लगा की यहाँ मेरी टिप्पणी पढ़ी भी नहीं जाएगी, लेकिन आपने टिप्पणी पढ़कर मेरे ब्लॉग पर भी अपनी बहुमूल्य प्रतिकिया दर्ज करायी धन्यवाद्,

    जगजीत सिंह आधुनिक गजल गायन की अग्रणी है.एक ऐसा बेहतरीन कलाकार जिसने ग़ज़ल गायकी के सारे अंदाज़ बदल दिए ग़ज़ल को जन जन तक पहुचाया, ऐसा महान गायक आज हमारे बिच नहीं रहा,
    उनके बारे में और अधिक पढ़ें : जगजीत सिंह

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  79. ओह .....
    बेहद दर्दनाक बात बताई आपने .....
    विश्वास नहीं हो रहा ......
    ............
    ...........
    ......

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  80. मुझे तो आनंद आ गया ...
    धन्यवाद किसे दूं ? राजेंद्र भाई को अथवा डॉ दराल को ?
    हार्दिक शुभकामनायें आपको !

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  81. आनन्द आ गया देखकर्

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  82. bahut badiya chitramayee prastuti...dekh-padhkar bahut achha laga...
    haardik badhai..

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  83. कवि सम्मलेन की सुंदर तस्वीरें......अच्‍छी प्रस्‍तुति हमेशा की तरह हरकीरत जी
    बहुत सुंदर...वाह!

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  84. आदरणीया हरकीरत हीर जी
    सादर सस्नेहाभिवादन !

    आजकल आप अपने बीमार ससुरजी की सेवा शुश्रूषा में दिन-रात एक किए हैं , आपकी मानवीयता के लिए सलाम है आपको !

    इन दिनों एक गीत याद आता रहता है आपको याद करते हुए -
    धरती की तरह हर दुख सहले , सूरज की तरह तू जलती जा …

    अपने युग की हर सीता को शोलों पे बिठाया जाता है …
    दामन कितना ही पावन हो , पर दोष लगाया जाता है …

    संसार तुम्हीं से चलता है , तेरी कोख से मौत भी हारी है
    भगवान की तरह महान है तू , कहने को अबला नारी है …


    रब हर नेक काम का हज़ार गुना प्रतिफल देता है …
    …और दुआएं आत्मा देती है , मुंह नहीं ! भगवान आपका भला करे … … …

    सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनाओं सहित
    -राजेन्द्र स्वर्णकार

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  85. बहुत बधाई .. सीडी का कुछ भाग ब्‍लॉग पर आना चाहिए !!

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  86. tasweeren.....yaaden...
    bahut achchha laga....ishwar aap par apni kripa banaye rakhe....
    badhayee...

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  87. बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति.
    शुभकामनाएं.

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  88. pahle pata hota to ham bhi aate sammelan me...
    jai hind jai bharat...

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