आप सबको मुहब्बत का ये पाक दिन मुबारक
आज के दिन के नाम कुछ 'हाइकु'
मुहब्बत के
दिन छलके हैं क्यूँ ?
आँखों से आँसू
हौले में तुम
छू जाना सबा संग
यादों की तार
देख उगा है
मुहब्बत का चाँद
मुस्कान लिए
आयेगीं याद
तुम्हें भी इस दिन
गुजरी बातें
देह से नहीं
होती है मुहब्बत
पाक रूह से
मुहब्बत है
रब्ब की इबादत
खेल नहीं है
लिखना तुम
सागर की छाती पे
प्रेम का गीत
हीर रांझे की
मुहब्बत वो पाक
सदियों याद
चनाब रोई
सोहणी महिवाल
आया न कोई
हीर …
देख उगा है
ReplyDeleteमुहब्बत का चाँद
मुस्कान लिए
आयेगीं याद
तुम्हें भी इस दिन
गुजरी बातें
प्यार, इश्क, मोहब्बत और कुछ भी नहीं .।..
प्रेम दिवस पर बहुत ही सुन्दर हाइकु
ReplyDelete:-)
ReplyDeletekya baat hai....aaj to zindagi bhi ishq kenaam hai!
ReplyDeletekya baat hai....aaj to zindagi bhi ishq kenaam hai!
हाइकू के टुकड़े-टुकड़े जोड़कर मोहब्बत का एक पूरा चाँद बना दिया है... पूनम का चाँद!!
ReplyDeleteमेरी पसन्दीदा है ये
मुहब्बत है
रब्ब की इबादत
खेल नहीं है!!
आज के दिन के लिए एकदम मौजू सबक!
भावों में गहराती प्रेम की बातें।
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteप्यारे हाइकु....
ReplyDeleteमुहब्बत है
रब्ब की इबादत
खेल नहीं
...वाह!
प्यारे हायकू...
ReplyDeleteमोहब्बत छलकाते.....
सादर
अनु
बहुत शानदार..मोहब्बत के दिवस पे इससे बेहतर हायकू क्या देखने को मिलते।।।
ReplyDeleteखूबसूरत अहसास, अलहदा अंदाज़... मुहब्बत एक रूहानी जज्बा है. जब तक अहसास है तब तक मुहब्बत है...मुहब्बत से भरे प्यारे हाइकू...
ReplyDeleteचनाब रोई
ReplyDeleteसोहणी महिवाल
आया न कोई ..
प्रेम को इन ऊंचाइयों तक कौन ले जाता है आज ... बहुत ही लाजवाब हैं सभी हाइकू ...
सुन्दर हाइकु
ReplyDeleteबहुत सुन्दर हाइकु
ReplyDelete