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Sunday, January 26, 2014

२६ जनवरी इमरोज़ के जन्मदिन पर …

२६ जनवरी इमरोज़ के जन्मदिन पर …

आज का ही दिन था
जब रंगों से खेलता वह
माँ की कोख से उतर आया था
और ज़िन्दगी भर रंग भरता रहा
मुहब्बत के अक्षरों में ....



कभी मुहब्बत का पंछी बन गीत गाता
कभी दरख्तों के नीचे हाथों में हाथ लिए
राँझा हो जाता ....
दुनिया देखने के लिए
कमरे के ही सात चक्कर लगा
मुहब्बत के सामने खड़ा हो मुस्कुरा उठता ,
मैं दुनिया देख आया अमृता
तेरे सिवाय कहीं कुछ नहीं
मेरा कैनवस भी तू है
और मेरे रंग भी ....
आ इक दूजे के ख्यालों में
रंग भर लें और एक हो जाएं

वह आज का ही दिन था
जब इक सोच ने पैदा होकर
मज़हबों का दरवाजे की सांकल तोड़
मुहब्बत की नज़्म लिखी थी
इक आज़ाद नज़्म
जो उम्र , जाति के बंधनों से परे
मुहब्बत के मज़हब पर खड़ी
हवाओं से पूछती बता तेरी जात क्या है
खुशबू की जात क्या है
पानी की जात क्या है
वही मेरी जात है …

वह आज ही का दिन था इमरोज़
जब तूने जन्म लिया था
और सोच के एक नए रंग को जन्म दिया था
और वह था सिर्फ मुहब्बत का रंग
सिर्फ मुहब्बत का रंग ....

हीर ....

31 comments:

  1. मोहब्बत की एक नई परिभाषा... मोहब्बत का एक नया अंदाज़... मोहब्बत की एक नई परवाज़... ऐसा शख्स आज के ही रोज़ पैदा हो सकता था.. कोई बड़ा-छोटा नहीं, कोई ज़ात-मजहब नहीं, कोई ज़ुबान का फ़र्क़ नहीं... मोहब्बत की ज़ुबान.. एक ख़ूबसूरत नज़्म इमरोज़ के लिए!!

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  2. mohabbat ko diya eak naya ayyam.... inroz or Amrita dono ko sallam

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  3. वाह.. बहुत ही उम्दा. बेहद खूबसूरती से इमरोज़-अमृता की रूहानी मुहब्बत के रंग और दर्द को उकेरा है आपने अपनी इस नज़्म में. दिली दाद कुबूल कीजिए. गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ...
    -हिमकर श्याम
    http://himkarshyam.blogspot.in

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  4. इमरोज और अमृता की कहानी मुहब्बत को एक नया रंग ,नयी परिभाषा दी -खुबसूरत रचना ,बधाई !

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  5. बहुत सुन्दर रचना लिखी है , इमरोज़ के जन्मदिन पर !
    आप को बधाई !

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  6. बेहद खूबसूरत नज़्म .....
    बधाई ....

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  7. बेहद खूबसूरत नज़्म .....
    बधाई ....

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  8. इमरोज़ के जन्मदिन पर खूबसूरत नज़्म लिखी है


    गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
    संजय भास्कर
    http://sanjaybhaskar.blogspot.in

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  9. bahut sunder harqeerat , hamesha ki tarah

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  10. रंगो का होना
    कूची लिये
    रंग सोच लेना
    बहुत सुंदर
    एक ऐसे
    ही रँगीन
    ख्वाब का
    होना बहुत
    हसीन और
    रंग भर लेना
    बहुत बहुत है
    सोच में सही
    ऐसा कुछ होना !

    वाह !

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  11. सच में मोहब्बत हो गयी ....!!!

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  12. बेहतरीन रचना...इमरोज़ जी को जन्मदिन की शुभकामनाएँ और आपको इस रचना हेतु बधाई....

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  13. वाह ! अद्भुत ! इतनी शिद्दत से मोहोब्बत को समझने के लिये उतना ही प्यार भरा दिल भी तो होना चाहिये जो आपके पास है ! बहुत ही खूबसूरत रचना ! इमरोज़ की मोहोब्बत उनके इस जन्मदिन पर और परवान चढ़े यही कामना है ! शुभकामनायें एवँ बधाई !

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  14. इस खास दिन के लिए बेहतरीन भाव .....

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  15. इनरोज़ को समर्पित खूबसूरत नज़्म।

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  16. बहुत खूबसूरत है यह आज़ाद नज़्म !

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  17. मुहब्बत की नई कहानी गढ़ दी ... टपकते हुए प्रेम की नज़म ...

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  18. सोच के एक नए रंग को जन्म दिया था
    और वह था सिर्फ मुहब्बत का रंग
    सिर्फ मुहब्बत का रंग ....
    अक्षरश: सच कहती पंक्तियां ....
    जन्‍मदिन की अनंत शुभकामनाओं के साथ
    सादर

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  19. इस लफ्जे-मुहब्बत का बड़ा ही बेजा-इस्तेमाल हुवा..,
    कभी वज़ारते- वजू तो कभी वजै आरजू के लिए.....

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  20. प्रेम को नये रंग से परिभाषित करने वाले को जन्मदिन की शुभकामनायें।

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  21. बहुत सुन्दर ....!!!

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  22. बहुत ही खुबसूरत नज्म..

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  23. मुहब्बत तो जाति, मजहब इन सबसे परे है
    कोई बंधन नही ....
    सुन्दर रचना
    साभार!

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  24. मोहब्बत करने वाले कम न होंगे
    तेरी महफ़िल में लेकिन हम न होंगे

    फ़साने ऐसे ही लोग रचते हैं अनगढ़ परिभाषा प्रेम की...

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  25. जन्मदिन पर आपका अनोखा तोहफा मुहब्बत के रंग में रंगा। देर से ही सही हमारी भी शुभ कामनाएं।

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  26. बहुत सुन्दर

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  27. in aitihasik vykti ko naman hai !

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  28. सुंदर पंक्तियाँ
    बसंत पंचमी की शुभकामनाएं...

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