बहुत सुन्दर प्रस्तुति...! आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (28-12-2013) "जिन पे असर नहीं होता" : चर्चा मंच : चर्चा अंक : 1475 पर होगी. सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है. सादर...!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...! आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (28-12-2013) "जिन पे असर नहीं होता" : चर्चा मंच : चर्चा अंक : 1475 पर होगी. सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है. सादर...!
मुहब्बत का दरवाज़ा कभी बांध नहीं होता ,भाव भावना के साथ झूलता है !
ReplyDeleteनई पोस्ट मेरे सपनो के रामराज्य (भाग तीन -अन्तिम भाग)
नई पोस्ट ईशु का जन्म !
रांझे की बांसुरी सी। हीर की मुहब्बत सी। भाव—स्पर्शी
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (28-12-2013) "जिन पे असर नहीं होता" : चर्चा मंच : चर्चा अंक : 1475 पर होगी.
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है.
सादर...!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (28-12-2013) "जिन पे असर नहीं होता" : चर्चा मंच : चर्चा अंक : 1475 पर होगी.
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है.
सादर...!
"बेशक मुहब्बत ने दरवाजा बंद कर लिया था
ReplyDeleteपर उसके पास अभी भी वो नज़में ज़िंदा हैं
वह उन्हें सीने से लगा पढ़ती भी है
गुनगुनाती भी है …… "
***
बेहद सुन्दर नज़्म...
नम हैं आँखें और मन भी!
कहानी कभी खत्म नही होती.. बहुत सुन्दर .
ReplyDeleteबेशक....और जिन्दा भी रहेगा..खूब..
ReplyDeletewah pehli baar apka likha padha...shabd nahi man ko chu gayi apki nazm
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत
ReplyDeleteबहुत सुन्दर दिल को छू लेनेवाली नज्म ..
ReplyDelete:-)
सच मुहब्बत की दिल पर कोई न कोई निशानी हमेश जिन्दा रहती है ..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर नज्म!
क्या खूब शब्दों को बांधा है आपने...बधाई...
ReplyDeleteहादसों की कहानी ...
ReplyDeleteनज्में जो बोलती हैं दास्तां मुहब्बत की ...
आपको नववर्ष की मंगल कामनाएं...
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteबहुत बढ़िया और भावपूर्ण...आप को मेरी ओर से नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...
ReplyDeleteनयी पोस्ट@एक प्यार भरा नग़मा:-तुमसे कोई गिला नहीं है
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeletelajawab
ReplyDeleteबहुत खूब...पुरदर्द और पुरअसर...मुहब्बत के बंद दरवाजे से निकली खूबसूरत नज़्म. आपकी हर नज़्म बेहद पसंद आती है...
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