मातृ दिवस पर कुछ हाइकु .........
(१)
संग है रोई
हर दर्द मेरे माँ
दूजा न कोई
(२)
माँ की ममता
त्याग,तप,क्षमा की
रब्ब सी मूरत
(३)
इतनी प्यारी
उसके आँचल में
ज़न्नत सारी
(४)
गीत ग़ज़ल
सबपर लुटाती
प्रेम निश्छल
(५ )
माँ का कर्ज़
चुकाना है तुझको
निभा के फ़र्ज़
(६)
माँ का दर्ज़ा
भगवान से बड़ा
दुनिया माने
(७)
तेरी दुआएं
सदा साथ मेरे माँ
राह दिखाती
(८)
मोल नहीं माँ
चुका सकता कोई
तेरे दूध का
(९)
ये रिश्ता जैसे
तपती रेत पर
शीतल छाया
(१०)
जन्मी 'हीर' जो
तुझ जैसी कोख से
धन्य हुई माँ
(11)
रोई है बेटी
आज भीगा होगा माँ
तेरा भी मन ?
(12)
कटे हैं पंख
भरूं उडारी कैसे
तुझ तक माँ ?
(13)
कैसा बंधन
टूटे हैं मन धागे
जोडूँ माँ कैसे ?
(14)
बंद द्वारों में
दम घुटता है माँ
पास बुला ले
(15)
तकदीरों के
उलझे पन्ने फिर
सुलझा दो माँ
***************
माँ पर लिखी इक पंजाबी कविता का अनुवाद भी ....
माँ .....
माँ बोलती तो कहीं
गुफाओं से
गूंज उठते अक्षर
मंदिर की घंटियों में घुल
लोक गीतों से गुनगुना उठते
माँ के बोल ...
माँ रोती
तो उतर आते
आसमां पर बादल
कहीं कोई बिजली सी चमकती
झुलस जाती डालें
कुछ दरख्त अडोल से खड़े रह जाते ....
माँ पर्वत नहीं थी
पानी और आग भी नहीं थी
वह तो आंसुओं की नींव पर उगा
दुआओं का फूल थी
आज भी जब देखती हूँ
भरी आँखों से माँ की तस्वीर
उसकी आँखों में उग आते हैं
दुआओं के बोल .....
******************************
ReplyDeleteबहुत सुन्दर हाइकू !
डैश बोर्ड पर पाता हूँ आपकी रचना, अनुशरण कर ब्लॉग को
अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
latest post हे ! भारत के मातायों
latest postअनुभूति : क्षणिकाएं
हर हाइकू एक सच ...शाश्वत ..सुन्दर !
ReplyDeleteबहुत ही ममता मय हाइकू, शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
मातृ दिवस की शुभकामनाएं
ReplyDeleteशुभकामना बेहतरीन प्रस्तुति
बहुत सुन्दर हाइकू !
हमेशा की तरह छोटी-छोटी पंक्तियों में बहुत कुछ समेटा हुआ
ReplyDeleteब्लॉग बुलेटिन के माँ दिवस विशेषांक माँ संवेदना है - वन्दे-मातरम् - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteइतनी प्यारी
ReplyDeleteउसके आँचल में
ज़न्नत सारी ..
हर हाइकू माँ को नमन कर रहा है ... साश्वत है ... आज के दिवस को सार्थक करते ...
सभी हाईकू एक से बढ़कर एक
ReplyDeleteबहुत सुंदर
बहुत सुन्दर हाइकू ,शुभकामनाएं.
ReplyDeleteमात्र 17 अक्षरों में इतने गहरे भावों की अभिव्यक्ति. कमाल है.आपकी कविताएं लंबे समय से पढ़ता रहा हूं. काव्य की इतनी विधाओं में पारंगत होना हरकीरत हीर जैसी काव्य साधिका के लिये ही संभव है.
ReplyDeleteमाँ की याद भी हर दिल को सकूं पहुंचाती है।
ReplyDeleteसुन्दर हाइकु।
माँ के लिए बहुत ही सुन्दर हाइकू,आपका आभार.
ReplyDeleteबहुत सुंदर ...शाश्वत ...
ReplyDeleteतेरी दुआएं
ReplyDeleteसदा साथ मेरे माँ
राह दिखाती.
मैं अभी किसी ब्लॉग पर यही कह रही थी की माँ को याद करने का क्या दिवस. होना तो ऐसा चाहिये की कोई दिवस ऐसा ढूंढों जब माँ याद न आती हो.
दिल से लिखे हायकू दिवस की सार्थकता संजोंते.
ममता की छोटी छोटी बूँदें..
ReplyDeleteकुछ तो गुनाह होगा ,
ReplyDeleteजो हिस्से में आई हमारे बेवफाई
मुबारक हो उनको ,
जिनके हिस्से में माँ की ममता आई
Ati-Sundar.
ReplyDeleteMaa Ke Liye Itna Sabkuchh Likhne-Padhne Ke Baad Bhi Bahut Kuchh Adhura Rah Jata Hai...'Maa' Aisi Hi Hai...
Sadar
बहुत ख़ूबसूरत, भावपूर्ण हाइकु ....~दिल को छू गये..
ReplyDelete~सादर!!!
हाइकु में माँ के प्रति श्रद्धा दिख रही है .... बहुत सुंदर हाइकु ...
ReplyDeleteकभी कुछ हाइकु मैंने भी लिखे थे माँ की याद में---
माँ का आँचल
आज भी लहराता
सुखद यादें ।
******************
मीठी निबौरी
माँ की फटकार
गुणी औषध ।
**************
माँ का लगाया
काजल का दिठौना
याद है मुझे
*****************
राह तकते
करती इंतज़ार
माँ की नज़र ।
***************
माँ का आशीष
महसूस करूँ मैं
यही चाहना ।
*******************
सभी हाईकु बहुत ही सुन्दर और् मर्मस्पर्शी है॥ आभार्
ReplyDeleteवाह ...सटीक हाइकु
ReplyDeleteहर माँ को नमन
हीर जी,
ReplyDeleteसत श्री अकाल!
याद दिला दी माँ की!
आशीष
--
थर्टीन एक्सप्रेशंस ऑफ़ लव!!!
ma ..ki mamta ko shabdon me bandhna muskil ...bahut acchhi abhiwayakti ...heer jee ..
ReplyDeleteबहुत सुंदर संगीता जी ....
ReplyDeleteये आदरणीय रामेश्वर कम्बोज जी की मेहरबानी है जो मेरा हाइकु की और रुझान हुआ वरना ये विधा मुझे पसंद न थी .....
माँ का स्मरण लिए
ReplyDeleteहर हाइकु जबरदस्त ....
सादर
माँ पर कुछ भी लिखना सूरज को दिये दिखलाने जैसा होता है
ReplyDeleteमाँ के साये से ही रौशन होता है बच्चे का जहां
सादर
हीर जी ,
ReplyDeleteमैंने भी जो थोड़ा बहुत लिखा है इस विधा में वो अदरणीय रामेश्वर काम्बोज जी की प्रेरणा से ही लिखा है .... उनका आभार ।
ममतामयी हाइकु
ReplyDelete
ReplyDeleteमाँ और जीवन के सुंदर हाइकू
भावपूर्ण शब्द चित्र
बधाई
आग्रह है मेरे ब्लॉग में सम्मलित हों
http://jyoti-khare.blogspot.in
माँ पर केन्द्रित आपके हाइकु अच्छे लगे। यह तो बहुत ही प्यारा है -
ReplyDeleteइतनी प्यारी
उसके आँचल में
ज़न्नत सारी
marmik...maa ishwar hai...sahi barnan
ReplyDeleteमाँ रोती
ReplyDeleteतो उतर आते
आसमां पर बादल
कहीं कोई बिजली सी चमकती
झुलस जाती डालें
कुछ दरख्त अडोल से खड़े रह जाते ...
हमेशा की तरह लाजवाब रचना
वाह. तारीफ के लिए शब्द नहीं हैं
ReplyDeletejitna bhi keha jaye kam hai..ultimate!
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति....बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeleteआनंदमय, बेहतरीन, लाजवाब हाइकू | आभार
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
सुंदर हाइकू ये वाला छू गया दिल .
ReplyDeleteरोई है बेटी
आज भीगा होगा माँ
तेरा भी मन ?
मां की कविता भी प्यारी प्यारी मां जैसी ।