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Monday, April 1, 2013

'अभिनव इमरोज़' पत्रिका के अप्रैल अंक में मेरे कुछ हाइकू ......

'अभिनव इमरोज़' पत्रिका  के अप्रैल अंक में मेरे कुछ हाइकू ......




कुछ अन्य हाइकु .......


1
बिन रोए ही 
बहे आँखों से आँसू 
जख्मों की रात 
2
आँखों में बसी 
इक आग इश्क की 
प्यार ये कैसा ?
3
यह तो बता 
ऐ ! ठहरी ज़िन्दगी -
‘जिऊँ  मैं कैसे ?’ 
4
बता तो ज़रा -
भेजूँ कहाँ पैगाम 
तुझे ज़िन्दगी ?
5
आधी रात में 
रोया दस्तक दे -दे 
दिल का पंछी  ।
6
लूट ले गए 
मीठे -मीठे बोल वो 
पलों में दिल  ।
7
आ अए दिल !
घड़ी बैठ, सुनाऊँ 
दर्द के किस्से 
8
दे न सकी मैं 
यकीं मुहब्बत का 
टूटे बुत को  ।
9
क्यों बजती है 
बाँसुरी-सी रातों में 
यहीं  है  राँझा  ।
***************

कुछ माहिया भी देखें ...

(१)
 
आँखों में ख्व़ाब उगा  
 वक़्त कहे  हर दम
 उल्फ़त की पौध लगा
-

 (२)

अहसासों को जी ले
सपनों की चादर
अरमानों से सी ले 

(3)

 थीं इश्क-पगी बातें
 अब तो बीत रही
 रो-रो के सब रातें 

(4)

कसम तेरे नाम की
साँसों में उठती
 तड़प तेरे प्यार की

(५)

 आज हवा 
है बहकी 
इश्क-झरोखे पर
 
इक चिड़िया है चहकी   
-0-


32 comments:

  1. हरकीरत जी ,

    आपके हाइकु पढे नहीं जा रहे .... पत्रिका में छपने की बधाई

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  2. संगीता जी हाइकू पढने के लिए हाइकू के ऊपर दो बार क्लिक ......

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  3. कोशिश करके देखते हैं...

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  4. विफल रहा. फांट सामान्य नहीं हो पाया. बेहतर है इन्हें अलग से पोस्ट कर दें..

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  5. जी पढ़ तो पाए लेकिन ---

    कितनी तारीफ करें , यह समझ नहीं आ रहा। :)
    छपने के लिए बधाई।

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  6. एक से बढ़कर एक | बधाई हीर जी |

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  7. हमको तो पढने में आरहे हैं जी, बहुत लाजवाब साथ में हार्दिक बधाई भी.

    रामराम.

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  8. @ संगीता जी, डबल क्लिक करके Ctrl + दबाईये और जितना चाहे उतना बडा कर लिजिये. Ctrl_ करने से फ़ोंट छोटा हो जायेगा.

    रामराम.

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  9. बहुत भावपूर्ण हाईकु.... हीर जी !
    बहुत-बहुत बधाई आपको!:-)
    ~सादर!!!

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  10. बहुत सुंदर,
    क्या कहने

    बहुत बहुत शुभकामनाएं

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  11. पढ़े ...सुंदर हाइकू हैं....

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  12. बहुत सुन्दर प्रस्तुति congrats heer ji .आभार जया प्रदा भारतीय राजनीति में वीरांगना .महिला ब्लोगर्स के लिए एक नयी सौगात आज ही जुड़ें WOMAN ABOUT MANजाने संविधान में कैसे है संपत्ति का अधिकार-1

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  13. बेहद खूबसूरत...
    बधाई हीर जी......

    सादर
    अनु

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  14. बहुत ही बेहतरीन हाइकू हैं,आभार.

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  15. आई है खुशी, निक्की की फ्राक हंसी है रस्सी में। कितना सुंदर बिंब

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  16. ले आई संग
    जी पाने योग्‍य हँसी
    तेरी गली से
    जबरदस्‍त ....
    हाइकु के प्रकाशन पर बहुत-बहुत बधाई
    सादर

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  17. हीर जी ..मुझसे पढ़ा नही जा रहा !पर टिप्पणियाँ पढने के बाद आप हक़दार है !
    मुबारक और शुभकामनायें कबूलें !

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  18. शुक्रिया हीर .... अब पढ़ पायी हूँ :):) हर हाइकु जैसे मन को छू गया ।

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  19. अक्षर छोटे होने से पढ़ने मे दिक्कत तो हुई लेकिन हाइकु की चंद लाइनों मे बहुत कुछ पढ़ने को मिला ।
    बहुत खूबसूरत

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  20. मुझे भी पढ़ने नहीं आ रहे ...
    बधाई हरकीरत जी इनके प्रकाशन पर ...

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  21. आपने ज़िन्दगी को पर दे दिए आसमां में उड़ने के लिए .

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  22. पत्रिका में हाइकु पढ़ा है. यहाँ अक्षर छोटे होने के कारण स्पष्ट दिख नहीं रहे. सभी हाइकु बहुत उम्दा, बधाई.

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  23. सभी हायकू सुंदर और भावपूर्ण यादों और इन्तेज़ार के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए.

    अभिनंदन हीर जी.

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  24. बहुत सुन्दर हाइकु

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  25. बहुत सुन्दर हाइकू | पढ़कर आनंद आया | आपको
    नव संवत्सर की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ |

    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
    Tamasha-E-Zindagi
    Tamashaezindagi FB Page

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  26. dral saheb se shat prtishat shmat hu , kitni tareef kru samajh nhi aa rha .

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  27. सुंदर हाइकू । पढे भी और खूब अच्छे लगे ।

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