३१ अगस्त ....
नींव हिली ....
देह थरथराई ....
नीले पड़े होंठों पर
इक फीकी सी मुस्कराहट थी ....
''इक नज़्म का जन्म हुआ है ''
आज उम्र की कंघी का
इक और टांका टूट गया .......!!
नींव हिली ....
देह थरथराई ....
नीले पड़े होंठों पर
इक फीकी सी मुस्कराहट थी ....
''इक नज़्म का जन्म हुआ है ''
आज उम्र की कंघी का
इक और टांका टूट गया .......!!
आज आप का जन्मदिन है ?
ReplyDeleteकंघी के टांके जितने टूटें उससे दुगने जुड़ते जाएँ,जन्मदिन मुबारक हो हरकीरत जी!
ReplyDeleteआज उम्र की कंघी का
ReplyDeleteइक और टांका टूट गया .......!!
वास्तविकता तो यही है इस जीवन की .....लेकिन आशा है कि इसे आगे ले जाती रहती है ......कंघी के टाँके की तरह इसके टाँके भी टूटते रहते हैं ....और फिर दो छोर बच जाते हैं, लेकिन दोनों छोरों में फिर कोई उम्मीद नहीं बचती ......!
आपको जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनायें ...सीधे दिल से .....!
आपको जन्म-दिन की ढेर सारी शुभकामनायें.
ReplyDeleteप्रभु आपको ढेर सारी खुशियाँ दे.
आत्मिक शुभकामनाएं और बधाई और नज्म की खुशनसीबी है जो आपके यहाँ जन्मीं,सद्य प्रसूता हई -उसे भी आशीष -
ReplyDeleteजन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनायें..
ReplyDeleteजन्मदिन मुबारक हो ... आपको
ReplyDeleteबधाई बधाई बधाई .......
ReplyDeleteआज आपके जन्मदिन पर मुझे तोहफा मिला....
आज मेरी पोस्ट पर किसी ने लिखा कि मुझे पढ़ कर उन्हें हीर जी की याद आई :-)
बहुत खुश हूँ.....
शुभकामनाएं और प्यार...
अनु
जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई हीर जी ...
ReplyDeleteसालगिरह बहुत बहुत मुबारक हो
ReplyDeleteजन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनायें..
ReplyDeleteआपकी उम्र की कंघी में कुल कितने टाँके हैं?
ReplyDeleteउनमें कितने सीधे और कितने बाँके हैं?
बाँके वाले टाँकों को पिय जूँ ही झाँके है,
या फिर सीधे टाँके अब खालिस माँ के हैं?
आदरणीया हीर जी,
जन्मदिवस की शुभकामनाएँ!!
उम्र की कंघी के टांके में अनुभवो का तार भी तो जुड़ता है..न.. आपको जन्म-दिन की ढेर सारी शुभकामनायें.
ReplyDeleteकौन कहता है तेरा होना किसी तारीख में है अमृता
ReplyDeleteतू तो अपने नज़्म से परे इमरोज़ के इमरोज़ में है ...
janm din ki badhai...kamaal hai Amrita Pritam ke janm din vale din hi aapka janm hua...
ReplyDeleteहीर और अमृता एक ही दिन जन्मे.......इससे अच्छा सौभाग्य और क्या होगा......सालगिरह की बहुत बहुत मुबारकबाद ।
ReplyDeletejanmadin ki dher sari shubhkamnayen ....
ReplyDeleteबहुत बहुत शुभकामनाएं... आप ऐसे ही बेहतरीन लिखती रहें..
ReplyDeleteआज उम्र की कंघी का
ReplyDeleteइक और टांका टूट गया .......!!
ज़िन्दगी को बड़ी खूबसूरती से उकेरने का प्रयास किया है
शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति!
इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (01-09-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
जन्मदिन की बहुत बहुत हार्दिक मुबारकबाद !
ReplyDeleteकभी ये लगता है अब ख़त्म हो गया सब कुछ - ब्लॉग बुलेटिन ब्लॉग जगत मे क्या चल रहा है उस को ब्लॉग जगत की पोस्टों के माध्यम से ही आप तक हम पहुँचते है ... आज आपकी यह पोस्ट भी इस प्रयास मे हमारा साथ दे रही है ... आपको सादर आभार !
जन्मदिन की बहुत -बहुत बधाई । एक बार मेरे ब्लॉग "ज्ञान - संसार " पर भी पधारे । धन्यवाद
ReplyDeletekhoob
ReplyDeleteje janam din di wadhaayi;te dua umr-daraaz-o-sehtyaab de layi
जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाए.
ReplyDeleteबल्ले ओये !
ReplyDeleteआज ही देख पाया .
जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनायें .
उम्र के टांके तो एक एक कर टूटेंगे ही, लेकिन इस पल को खूब एन्जॉय किया जाए .
अपने जन्मदिन पर स्वयं को ख़ुशी होनी ही चाहिए .
जन्मदिन मुबारक हो
ReplyDeleteजियो..जितना दिल चाहे ..पर स्वस्थ !
ReplyDeleteशुभकामनायें!
बधाई शुभकामनाएँ हरकीरत जी
ReplyDeleteजन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। जिंदगीं के गुजरते सालों औऱ कंघी की उपमा अद्भुत है। शुक्रिया।
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनायें स्वीकारें , जो शब्द चुने वो हृदयस्पर्शी हैं .....
ReplyDeleteदेर से ही सही .....जन्मदिन की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें
ReplyDeleteजनम दिन की बधाई ...
ReplyDeleteजीवन की असलियत लिखी है आपने ...
हार्दिक शुभकामनाएं |
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनायें स्वीकारें
ReplyDeletejanmdin mubarak.....
ReplyDeletejanamdin ki mubarakbad...
ReplyDeletebelated happy bday to you......
ReplyDeleteजनमदिन मुबारक हीर जी । एक और कामयाब साल गुजरा है ऐसे ही बहुत से आयेंगे यश और कीर्ती लिये ।
ReplyDeleteਜਨਮ ਦਿਨ ਮੁਬਾਰਕ--ਲੇਟ ਲਈ ਮੁਆਫੀ ਚਾਹੁੰਦਾ ਹਾਂ
ReplyDeleteउम्र की बढ़ती हुई अंक तालिका
ReplyDeleteतेरे लिखने का वो हुनर
अपनी कलम से उन सफाह पन्नों पे
दर्द की स्याही से जो तुमने लिखा
वो अमर होगा
आज तुम्हारी घटती हुई हई उम्र की
अंक तालिका को देखते हुए
संशय में हूँ
तुम्हे मुबारक बाद दू या
उम्र की कंघी का जो काँटा टूटा
उस पर अफ़सोस करु
बहरहाल रीत तो यही है
के जन्मदिन पर मुबारकबाद ही होती है
तो मेरी तरफ से भी कबूल करो
ये मुबारकबाद
उम्र की बढ़ती हुई अंक तालिका
ReplyDeleteतेरे लिखने का वो हुनर
अपनी कलम से उन सफाह पन्नों पे
दर्द की स्याही से जो तुमने लिखा
वो अमर होगा
आज तुम्हारी घटती हुई हई उम्र की
अंक तालिका को देखते हुए
संशय में हूँ
तुम्हे मुबारक बाद दू या
उम्र की कंघी का जो काँटा टूटा
उस पर अफ़सोस करु
बहरहाल रीत तो यही है
के जन्मदिन पर मुबारकबाद ही होती है
तो मेरी तरफ से भी कबूल करो
ये मुबारकबाद