tag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post5412160349045568216..comments2023-12-14T13:04:08.227+05:30Comments on हरकीरत ' हीर': 26 जनवरी इमरोज़ के जन्मदिन पर उन्हें भेजी गई एक नज़्म .......हरकीरत ' हीर'http://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comBlogger24125tag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-80204596284134694752013-02-03T05:21:29.796+05:302013-02-03T05:21:29.796+05:30बहुत खूबसूरत नज़्म है इमरोज़ साब के नाम. हर शब्द प...बहुत खूबसूरत नज़्म है इमरोज़ साब के नाम. हर शब्द प्रेम सिक्त.ओंकारनाथ मिश्र https://www.blogger.com/profile/11671991647226475135noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-61414509918831418882013-02-02T14:18:04.869+05:302013-02-02T14:18:04.869+05:30यकीन मानों
मैं तुम्हारे रंगों को
किसी तपती आग का स...यकीन मानों<br />मैं तुम्हारे रंगों को<br />किसी तपती आग का स्पर्श नहीं दूंगी<br />------------------------------------------<br />फूल खिले शाखों पे नए और दर्द पुराने याद आये <br />राहुल https://www.blogger.com/profile/10291047869113788114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-5962584372302285032013-02-01T18:18:56.925+05:302013-02-01T18:18:56.925+05:30बेहद खुबसूरत नज्म है..
इससे बेहतर तोहफा क्या होगा....बेहद खुबसूरत नज्म है..<br />इससे बेहतर तोहफा क्या होगा..<br />:-)मेरा मन पंछी साhttps://www.blogger.com/profile/10176279210326491085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-51006919014207137022013-02-01T14:51:06.146+05:302013-02-01T14:51:06.146+05:30बहुत खूब....अमृता की भावना जैसे हम तक चली आती है.....बहुत खूब....अमृता की भावना जैसे हम तक चली आती है...सहलाती हैरश्मि शर्माhttps://www.blogger.com/profile/04434992559047189301noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-57866610043325333202013-02-01T11:59:54.458+05:302013-02-01T11:59:54.458+05:30मैं तुम्हारे रंगों को
किसी तपती आग का स्पर्श नहीं...मैं तुम्हारे रंगों को <br />किसी तपती आग का स्पर्श नहीं दूंगी <br />बस इन जर्द और ठंडे हाथों से<br />इक बार उन्हें छूकर <br />हीर होना चाहती हूँ .....<br /><br />वाह ...अनुपम कृति ...एक अरसे के बाद इतनी उम्दा नज़म पढ़ी ...इमरोज़ पर कही गई ये अब तक की बेहतरीन रचना है।Akhilhttps://www.blogger.com/profile/02906391757168902303noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-51153850207388125552013-01-31T19:29:26.382+05:302013-01-31T19:29:26.382+05:30तल्ख़ मौसमों को जैसे
राह मिल गई
जख्मों के पुल
उम्...तल्ख़ मौसमों को जैसे<br />राह मिल गई<br />जख्मों के पुल <br />उम्र पार कर गए ...<br />उसके हाथ जलती आग थी<br />और तेरे हाथ मुहब्बत का पानी<br /><br /><br /><br />ला-सानी!<br /><br /><br /><br /><br />बड़ी व्यस्त है आप!<br />स्वस्थ हैं, अलमस्त हैं आप?<br />समय निकालकर आया करें,<br />हमारे लिए अत्यंत विश्वस्त हैं आप।Dr.R.Ramkumarhttps://www.blogger.com/profile/09073007677952921558noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-50486772899143476852013-01-31T18:03:21.872+05:302013-01-31T18:03:21.872+05:30यकीन मानों
मैं तुम्हारे रंगों को
किसी तपती आग का...यकीन मानों <br />मैं तुम्हारे रंगों को <br />किसी तपती आग का स्पर्श नहीं दूंगी <br />बस इन जर्द और ठंडे हाथों से<br />इक बार उन्हें छूकर <br />हीर होना चाहती हूँ .....<br />...... .... अपनों से दूर कोई कभी कैसे रह सकता है .. ..बहुत सुन्दर नज़्म कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-20291858284091898872013-01-31T16:37:08.584+05:302013-01-31T16:37:08.584+05:30बेहद भावपूर्ण ..... शब्द नहीं मिल रहे ... तारीफ़ क...बेहद भावपूर्ण ..... शब्द नहीं मिल रहे ... तारीफ़ के लिए .......<br />~सादर!!!Anita Lalit (अनिता ललित ) https://www.blogger.com/profile/01035920064342894452noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-70589474173820191022013-01-31T16:30:53.108+05:302013-01-31T16:30:53.108+05:30मुहब्बत की भाषा ... मुहब्बत के अर्थ
जिसके आगे ...मुहब्बत की भाषा ... मुहब्बत के अर्थ<br /><br />जिसके आगे बाकी सब व्यर्थ<br /><br />... सादरसदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-11241312526147708322013-01-31T15:53:25.804+05:302013-01-31T15:53:25.804+05:30उसके हाथ जलती आग थी
और तेरे हाथ मुहब्बत का पानी
वह...उसके हाथ जलती आग थी<br />और तेरे हाथ मुहब्बत का पानी<br />वह नज्मों से सिगरेटों की राख़ झाड़ती <br />और तुम मुहब्बतों के कैनवास पर<br />ज़िन्दगी के रंग भरते<br />वह माझा थी <br />तेरे ख़्वाबों की माझा *...<br /><br /><br />आह ... आप तो हीर हैं ही ... और फिर आपकी नज़्मों पर इमरोज़ का हाथ भी फिर हुआ है ...तासीर कहती है मैं नहीं आनंदhttps://www.blogger.com/profile/06563691497895539693noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-69397584702822524322013-01-31T15:43:11.744+05:302013-01-31T15:43:11.744+05:30बहुत सुन्दर....बेहद भावनात्मक नज्म.बहुत सुन्दर....बेहद भावनात्मक नज्म.Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-70343336834664987922013-01-30T18:18:46.096+05:302013-01-30T18:18:46.096+05:30आपकी पोस्ट 31 - 01- 2013 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत ...आपकी पोस्ट 31 - 01- 2013 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है <br />कृपया पधारें ।दिलबागसिंह विर्कhttps://www.blogger.com/profile/11756513024249884803noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-41368947724741787292013-01-30T16:53:54.857+05:302013-01-30T16:53:54.857+05:30सुन्दर ,भाबुक और प्रेममयी कबिता। बधाई .सुन्दर ,भाबुक और प्रेममयी कबिता। बधाई .Madan Mohan Saxenahttps://www.blogger.com/profile/02335093546654008236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-64839950931524635592013-01-30T16:02:07.557+05:302013-01-30T16:02:07.557+05:30behad khoobsoorat nazmbehad khoobsoorat nazmvarshahttps://www.blogger.com/profile/03696490521458060753noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-10980871307280224782013-01-30T14:31:24.979+05:302013-01-30T14:31:24.979+05:30इमरोज़ अपने आप में सिर्फ अमृता हैं - कैनवस अमृता,प...इमरोज़ अपने आप में सिर्फ अमृता हैं - कैनवस अमृता,पेंसिल अमृता,रंग अमृता ----- अमृता से बढ़कर कोई उपहार नहीं इमरोज़ के लिए <br />इमरोज़ की एक आवाज़ हीर बना देती है ........ आप तो हीर हैं ही रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-2595491744645678832013-01-30T10:38:12.407+05:302013-01-30T10:38:12.407+05:30हीरजी आपकी रचनायें पढ़कर अक्सर नि:शब्द हो जाती हूँ...हीरजी आपकी रचनायें पढ़कर अक्सर नि:शब्द हो जाती हूँ.....बस केवल उन अहसासों को दिल की गहराई तक महसूस करती हूँ ...बोल कुछ नहीं पाती ...Sarashttps://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-61754933660958649242013-01-30T10:26:33.092+05:302013-01-30T10:26:33.092+05:30सलूजा साहब की टिप्पणी पर कुर्बान जाऊँ। सलूजा साहब की टिप्पणी पर कुर्बान जाऊँ। बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-33800818260145427692013-01-30T08:14:33.277+05:302013-01-30T08:14:33.277+05:30बेहद खूबसूरत भाव..बेहद खूबसूरत भाव..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-26785347296786806802013-01-30T07:14:36.748+05:302013-01-30T07:14:36.748+05:30पता नहीं क्यों इमरोज़
सोचती हूँ ...
यदि तुम एक बा...पता नहीं क्यों इमरोज़ <br />सोचती हूँ ...<br />यदि तुम एक बार <br />मेरी नज्मों की राख़ पर <br /> हाथ फेर देते तो शायद <br />उनके बीच की मरी हुई मुहब्बत <br />मुड़ ज़िंदा हो जाती <br />यकीन मानों <br />मैं तुम्हारे रंगों को <br />किसी तपती आग का स्पर्श नहीं दूंगी <br />बस इन सफेद और ठंडे हाथों से<br />इक बार उन्हें छूकर <br />हीर होना चाहती हूँ .<br /><br />गजब की कशिश लिए बंदगी है Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-76442612971485745962013-01-30T00:18:35.203+05:302013-01-30T00:18:35.203+05:30बहुत ही सुंदर नज़्म ......बहुत ही सुंदर नज़्म ...... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-61595358544511073652013-01-29T23:31:35.866+05:302013-01-29T23:31:35.866+05:30क्या खुशनसीबी है ऐसा तोहफा पाने वाले की...
बेहद खू...क्या खुशनसीबी है ऐसा तोहफा पाने वाले की...<br />बेहद खूबसूरत नज़्म...<br /><br />सादर<br />अनु ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-80747028173512248522013-01-29T23:11:05.642+05:302013-01-29T23:11:05.642+05:30हीर जी , दिल से कही..दिल को कही..दिल ने सुनी
इसमे...हीर जी , दिल से कही..दिल को कही..दिल ने सुनी <br />इसमें टिप्पणी का कोई काम नही ..???<br />शुभकामनायें!अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-28569349731912027012013-01-29T22:54:05.117+05:302013-01-29T22:54:05.117+05:30बेहद भावनात्मक नज्म.बेहद भावनात्मक नज्म.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-58269352062159766242013-01-29T22:29:10.903+05:302013-01-29T22:29:10.903+05:30सुन्दर भावनात्मक अभिव्यक्ति मानवाधिकार व् कानून ...सुन्दर भावनात्मक अभिव्यक्ति <a href="http://shalinikaushik2.blogspot.com" rel="nofollow">मानवाधिकार व् कानून :क्या अपराधियों के लिए ही बने हैं ? </a> आप भी जाने <a href="http://shalinikaushikadvocate.blogspot.com" rel="nofollow">इच्छा मृत्यु व् आत्महत्या :नियति व् मजबूरी </a>Shalini kaushikhttps://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.com