tag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post5082893966627718194..comments2023-12-14T13:04:08.227+05:30Comments on हरकीरत ' हीर': हरकीरत ' हीर'http://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comBlogger91125tag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-18058298785817120832010-09-15T23:13:59.510+05:302010-09-15T23:13:59.510+05:30हम तो अभी ब्लोग्स के दुनिया में नए है.बस आपनी भावन...हम तो अभी ब्लोग्स के दुनिया में नए है.बस आपनी भावनाए लिख देता हु .दिल में उठे भाव को ब्लोग्स से बात कर लेता हु. आपका बहुत बहुत धन्वादMY HEARThttps://www.blogger.com/profile/18243686994823855140noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-11102430991426628972010-07-16T22:15:46.365+05:302010-07-16T22:15:46.365+05:30apki ki kitab ki pratiya khatm ho gayee hain dsusr...apki ki kitab ki pratiya khatm ho gayee hain dsusre sankaran ki baat ker le<br /> jitendra jiotanshu<br />kolkatajitendra jitanshuhttps://www.blogger.com/profile/12306377679134483083noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-14616229645272331442010-07-04T22:21:25.967+05:302010-07-04T22:21:25.967+05:30सड़क के किनारे लगे
बैनर , पोस्टरों से
इशारे करता है...सड़क के किनारे लगे<br />बैनर , पोस्टरों से<br />इशारे करता है तेरा ख्याल<br />झिड़क देती हूँ तो<br />बड़ा मासूम सा .....<br />किसी लैम्प पोस्ट के नीचे<br />जा खड़ा होता है<br />तेरा ख्याल .......!<br />क्या बात है <br />क्या खूब परिकल्पना है / <br />मुरीद हो गया मै /प्रशांत भगतhttps://www.blogger.com/profile/06195158746966858000noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-80110361884983818492010-05-30T06:44:37.888+05:302010-05-30T06:44:37.888+05:30प्रेम .....
ऊंचाई से लुढ़क के
पेड़ों के झुरमुटे मे...प्रेम .....<br /><br />ऊंचाई से लुढ़क के<br />पेड़ों के झुरमुटे में<br />कहीं अटका पड़ा था प्रेम<br />मैंने उसे उठाकर खड़ा किया<br />धूल झाड़ी और कहा.....<br />अभी तुझे चलना है<br />मित्र ......!!<br /><br />VAH VAH<br />BAHUT ACHHA<br />BAHUT SUNDER<br />REALLY GREAT<br />THANXSHIVLOKhttps://www.blogger.com/profile/12479569336869773795noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-56777431730881092422010-05-21T21:00:41.502+05:302010-05-21T21:00:41.502+05:30हरकीरत जी,
सतश्रीअकाल!
आप जी दियां कवितावां दर्द ल...हरकीरत जी,<br />सतश्रीअकाल!<br />आप जी दियां कवितावां दर्द लपेटियां पर दूजेयां दा दर्द सांझा कर दियां हन।इन्नी राप गए वी होरुं पड़ण नूं मजबूर कर दियां हन।फेर बधाइयां।<br />*तुस्सी मेरे ब्लाग ते अपणा फोटो क्योँ नीँ लाया?ऐ ते नाराजगी आळी गल हो गई।ओम पुरोहित'कागद'https://www.blogger.com/profile/13038563076040511110noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-59833937809581493832010-05-20T10:39:39.793+05:302010-05-20T10:39:39.793+05:30as always very beautiful and picturesque compositi...as always very beautiful and picturesque compositions...<br />your poetry are seeds of imagination which blossom in many hearts and many lives....palaash ki talaashhttps://www.blogger.com/profile/16247274009477261571noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-18824431347659936752010-05-18T22:19:07.946+05:302010-05-18T22:19:07.946+05:30बहुत अच्छा लिख रहीं हैं आज कल ....छोटी-छोटी सभी कव...बहुत अच्छा लिख रहीं हैं आज कल ....छोटी-छोटी सभी कविताएँ बहुत बड़ी हैं.....अद्भुत.RAJESHWAR VASHISTHAhttps://www.blogger.com/profile/01683041193283259654noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-85962061639937598662010-05-18T15:57:54.812+05:302010-05-18T15:57:54.812+05:30in rachnaon me se amrita jiu ki khushbu aa rahi ha...in rachnaon me se amrita jiu ki khushbu aa rahi hai ... bahut khushbudar kshanikayen lageen ye mujhe.. :)स्वप्निल तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/17439788358212302769noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-24270299658617965732010-05-17T20:02:03.661+05:302010-05-17T20:02:03.661+05:30aap bahut achchha likhti hai aunty..aap bahut achchha likhti hai aunty..Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-47261091525470191012010-05-17T12:21:43.992+05:302010-05-17T12:21:43.992+05:30really nice...really nice...Sumit Pratap Singhhttps://www.blogger.com/profile/06852765514850701581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-44976000001044293192010-05-16T10:48:39.597+05:302010-05-16T10:48:39.597+05:30बहुत... लम्बे अरसे के बाद... यहाँ तक आने में सफल ह...बहुत... लम्बे अरसे के बाद... यहाँ तक आने में सफल हो सका.<br />कविता पर क्या कहूं? आपकी नज्में निः शब्द कर देती हैं. इस विद्या में आप माहिर हैं और माहिरों को इस अकिंचन की ओर से ----------- "क्या कहा जाए" जैसे सन्नाटे का सामना करना पड़ता है. फिर, ८२ कमेंट्स के बाद आने वाले पर निगाह भी पड़ेगी, शक है.सर्वत एम०https://www.blogger.com/profile/15168187397740783566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-50808034321561710172010-05-15T21:41:35.459+05:302010-05-15T21:41:35.459+05:30बहुत खूब..
देर से आने का भी मज़ा है...
प्रेम के सा...बहुत खूब..<br />देर से आने का भी मज़ा है...<br />प्रेम के सागर में गोते लगाओ और आशिकों की आहें सुनो, मेरा मतलब है पढ़ो..<br />बहुत खूब.देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-23989616461292014062010-05-15T21:32:45.848+05:302010-05-15T21:32:45.848+05:30बहुत बढ़िया लिखा आपने...पसंद आई आपकी तीनों रचना.
...बहुत बढ़िया लिखा आपने...पसंद आई आपकी तीनों रचना. <br /><br /><br />______________<br />पाखी की दुनिया में- 'जब अख़बार में हुई पाखी की चर्चा'Akshitaa (Pakhi)https://www.blogger.com/profile/06040970399010747427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-22689071607590343332010-05-15T18:18:26.981+05:302010-05-15T18:18:26.981+05:30मुहब्बत की शीरीं चाशनी मे पगी हुई क्षणिकाएँ..इस एक...मुहब्बत की शीरीं चाशनी मे पगी हुई क्षणिकाएँ..इस एक लफ़्ज के कई जुदा रंगों को मआनी देती हैं..<br />सबसे बेहतरीन क्षणिका दूसरी वाली लगी..कितने अनपढे लफ़्ज़, अनकहे अल्फ़ाज, अनलिखे हर्फ़, अनदेखे वर्क जिंदगी की किताबों मे छूट जाते हैं..एक अधूरापन रह जाता है..किसी इंतजार सा..<br />ज़िन्दगी यूँ ही तेरे<br />अनकहे शब्दों के<br />इंतजार में<br />कटती गयी ......!!<br /><br />मगर यही अधूरापन ही जिंदगी की इस कहानी को मुकम्मल भी बनाता है..!! <br />..वहीं पहली नज़्म प्रेम को एक सिक्के सा पैरहन देती है..कि लगातार चलने के बावजूद उसकी कीमत कम नही होती..और अहमियत भी!!अपूर्वhttps://www.blogger.com/profile/11519174512849236570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-44349578610452263942010-05-15T17:40:08.803+05:302010-05-15T17:40:08.803+05:30मेरी लिखी नज्मों में
ढूंढते रहे अपने लफ्ज़
मैं तेर...मेरी लिखी नज्मों में<br />ढूंढते रहे अपने लफ्ज़<br />मैं तेरी लिखी सतरों में<br />ढूंढती रही कुछ छूटे हर्फ़<br />ज़िन्दगी यूँ ही तेरे<br />अनकहे शब्दों के<br />इंतजार में<br />कटती गयी ......!!<br /><br /><br />कमाल की सतरें<br />आदाबR.Venukumarhttps://www.blogger.com/profile/17501996519970954554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-74205087584805275002010-05-14T13:04:53.451+05:302010-05-14T13:04:53.451+05:30आपकी शायरी से मोहब्बत हो गयी हैंआपकी शायरी से मोहब्बत हो गयी हैंYashwant Mehta "Yash"https://www.blogger.com/profile/02457881262571716972noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-89874941182031145942010-05-14T07:46:10.175+05:302010-05-14T07:46:10.175+05:30मोहतरमा.....
आपने तो नज्में लिख कर महफ़िल लूट ली.....मोहतरमा.....<br />आपने तो नज्में लिख कर महफ़िल लूट ली......कोई एक हो तो उसकी तारीफ करूँ सारी नज्में एक से बढ़ कर एक...... यह तो लाजवाब है......<br />जब-जब ....<br />मुहब्बत की ऊँगली में<br />इश्क़ ने अंगूठी पहनाई<br />उम्रों के पत्ते कट गए ...<br />रब्बा....!<br />ये मुहब्बत के रस्ते<br />मौत की कगार से<br />क्यूँ चलते हैं .....!<br />ऐसे ही लिखती रहें....हमारी दुयाएँ हैं.Pawan Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-40419230279099223592010-05-13T19:02:13.784+05:302010-05-13T19:02:13.784+05:30एक बात और जो मह्सूस की है
तुम आना ....
मैं आसमा...एक बात और जो मह्सूस की है <br /><br />तुम आना ....<br />मैं आसमां के सारे रंग<br />उड़ेल दूंगी तुम्हारे पैरों पर<br />तुम बस इक रंग मुहब्बत का<br />मेरे लबों पे सहेज जाना .....!!<br /> आप बारहा अम्रिता प्रीतम की याद दिला जाती हैँ<br /> सत्यSatya Vyashttps://www.blogger.com/profile/13617417566524777577noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-61555943951371663682010-05-12T23:58:12.748+05:302010-05-12T23:58:12.748+05:30कई बार पलटी हूँ
मुहब्बत के दर से खाली हाथ
इसलिए नह...कई बार पलटी हूँ<br />मुहब्बत के दर से खाली हाथ<br />इसलिए नहीं देती मैं<br />तेरी चाहत को<br />इश्क़ का नाम<br />तेरा ज़िक्र ....<br />उस पाक नाम से<br />कहीं ऊपर है ...<br />हरकीरत जी...कुछ कहते नहीं बन रहा है..<br />आपकी नज़्में ऐसी कैफ़ियत पैदा कर देती हैं...<br />लाजवाब अंदाज़....बेहतरीन शायरीशाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-9327880866065998972010-05-12T23:34:47.196+05:302010-05-12T23:34:47.196+05:30kl aapki sari post pdhi
kbr our njm ,kuchh our ap...kl aapki sari post pdhi <br />kbr our njm ,kuchh our apne trishul ki vo laene<br />''ekveriym me kaid mchhli ko vh roj dal jata hai roti ka ek tukda<br />our nikl pdta hai..............<br />....tkhti pr likha tha..prem niwas.''<br />wahhhh,kya likhti hai.kl mere chawl jla diye .aaj khana bna ke baithi hu. .RAJWANT RAJhttps://www.blogger.com/profile/15964389673143254011noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-17298989146818268832010-05-12T23:00:19.052+05:302010-05-12T23:00:19.052+05:30क्या बात है, सारी क्षणिकाएं। बहुत ही सुन्दर है।क्या बात है, सारी क्षणिकाएं। बहुत ही सुन्दर है।हर्षिताhttps://www.blogger.com/profile/04799029469213410208noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-84866854404903962562010-05-12T21:08:07.000+05:302010-05-12T21:08:07.000+05:30तुम .....
मेरी लिखी नज्मों में
ढूंढते रहे अपने लफ्...तुम .....<br />मेरी लिखी नज्मों में<br />ढूंढते रहे अपने लफ्ज़<br />मैं तेरी लिखी सतरों में<br />ढूंढती रही कुछ छूटे हर्फ़<br />ज़िन्दगी यूँ ही तेरे<br />अनकहे शब्दों के<br />इंतजार में<br />कअच्छा लिखा है आपने टती गयी ......!!kavi surendra dubehttps://www.blogger.com/profile/15681834766829853809noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-62784602978331372692010-05-12T21:08:04.394+05:302010-05-12T21:08:04.394+05:30तुम .....
मेरी लिखी नज्मों में
ढूंढते रहे अपने लफ्...तुम .....<br />मेरी लिखी नज्मों में<br />ढूंढते रहे अपने लफ्ज़<br />मैं तेरी लिखी सतरों में<br />ढूंढती रही कुछ छूटे हर्फ़<br />ज़िन्दगी यूँ ही तेरे<br />अनकहे शब्दों के<br />इंतजार में<br />कअच्छा लिखा है आपने टती गयी ......!!kavi surendra dubehttps://www.blogger.com/profile/15681834766829853809noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-24619935674551733892010-05-12T21:08:02.326+05:302010-05-12T21:08:02.326+05:30तुम .....
मेरी लिखी नज्मों में
ढूंढते रहे अपने लफ्...तुम .....<br />मेरी लिखी नज्मों में<br />ढूंढते रहे अपने लफ्ज़<br />मैं तेरी लिखी सतरों में<br />ढूंढती रही कुछ छूटे हर्फ़<br />ज़िन्दगी यूँ ही तेरे<br />अनकहे शब्दों के<br />इंतजार में<br />कअच्छा लिखा है आपने टती गयी ......!!kavi surendra dubehttps://www.blogger.com/profile/15681834766829853809noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-30541677986305316732010-05-12T19:08:51.948+05:302010-05-12T19:08:51.948+05:30"तुम .....
मेरी लिखी नज्मों में
ढूंढते रहे अप..."तुम .....<br />मेरी लिखी नज्मों में<br />ढूंढते रहे अपने लफ्ज़<br />मैं तेरी लिखी सतरों में<br />ढूंढती रही कुछ छूटे हर्फ़<br />ज़िन्दगी यूँ ही तेरे<br />अनकहे शब्दों के<br />इंतजार में<br />कटती गयी ......!!"<br /><br />हर अच्छे कवि के पीछे उसका तप होता है ....दर्द से गुजरना भी एक तप ही तो है .....और इस तप के बाद खुदा भी कुछ करीब आ जाता है ....ये शब्द उस खुदा की देन हैं .....!!<br />खुदा के दिए हुए इन शब्दों को शत शत नमन!Anonymousnoreply@blogger.com