tag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post3184137268011281673..comments2023-12-14T13:04:08.227+05:30Comments on हरकीरत ' हीर': मोहब्बत ...दर्द...और हँसी .......हरकीरत ' हीर'http://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comBlogger82125tag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-28369824798490934602010-10-02T17:33:07.463+05:302010-10-02T17:33:07.463+05:30ਹੀਰ ਜੀ,
ਨਮਸਤੇ!
ਦਰਦ ਦੇ ਵਾਰੇ ਏਹੀ ਕਹਨਾ ਚਾਹੰਦਾ ਹਾਂ ਕੇ ...ਹੀਰ ਜੀ,<br />ਨਮਸਤੇ!<br />ਦਰਦ ਦੇ ਵਾਰੇ ਏਹੀ ਕਹਨਾ ਚਾਹੰਦਾ ਹਾਂ ਕੇ ਮੈਨੂ ਦੇ ਦੋ, ਪੈਹੇ ਨੀ ਮਿਲਣਗੇ..... ਖੁਸ਼ਿਯਾਂ ਲੈ ਲੇਣਾ!<br />ਬੋਲੋ ਮੰਜੂਰ ਹੈ?<br />ਆਸ਼ੀਸ਼सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼https://www.blogger.com/profile/11282838704446252275noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-65556935379028697442010-09-28T22:11:02.812+05:302010-09-28T22:11:02.812+05:30खूबसूरत कवितायेंखूबसूरत कवितायेंशरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-57980399259280277572010-09-26T22:53:17.757+05:302010-09-26T22:53:17.757+05:30भाव के स्तर पर तो आपकी क्षणिकाएं लाजबाब होती ही है...भाव के स्तर पर तो आपकी क्षणिकाएं लाजबाब होती ही हैं, कुछ प्रयोगात्मक बिम्ब भी बेहद प्रभावित करते हैं।उमेश महादोषीhttps://www.blogger.com/profile/17022330427080722584noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-75269956277211854662010-09-26T00:03:42.612+05:302010-09-26T00:03:42.612+05:30हरकीरत हीर जी
आदाब !
सतश्रीअकाल !
अब तो आपसे म...<b><i> हरकीरत हीर जी </i></b> <br />आदाब !<br />सतश्रीअकाल !<br />अब तो आपसे मुंह चुराने वाली स्थिति बन गई है … <br /> आप तो हर बार ख़ूबसूरत अल्फ़ाज़ के साथ पुरअसर जज़्बात कविता में ढाल देंगी …<br />मोहतरमा , हम कहां से ता'रीफ़ के लिए रचनाओं के अनुरूप शब्द और भाव लाएं ?<br /> <br /><b>आपके हर जज़्बे हर लफ़्ज़ को सौ सौ सलाम ! <br /><br />आपकी अन्य रचनाओं की ही भांति आज की सब रचनाएं भी बहुत प्रभावशाली !</b> <br /> <br />यहां , <br /><b>कोरल जी</b> आपको भी शुक्रिया कहना ज़रूरी है , आपकी बदौलत <b> हीरजी </b> की एक और बेहद ख़ूबसूरत कविता से रूबरू होने का सुअवसर मिला । <br /> <br /><b>"हम यहाँ कुछ पाने आये हैं या खोने पता नहीं ………"<br /><br />हीर जी </b><br />आपसे ही तो सीखने को मिलता है कि खोने में ही पाने का सत्य है !<br /><br />बहुत बहुत शुभकामनाएं <br />- राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-23201518454591245622010-09-25T08:11:25.348+05:302010-09-25T08:11:25.348+05:30इस बदलते वक़्त में
हर चीज़ बिकती है
बहुत ही सुन्द...इस बदलते वक़्त में<br />हर चीज़ बिकती है<br /><br />बहुत ही सुन्दर लिखा है आपने<br />दर्द बिक जाये तो भी मन में टीस रहती हैVIJAY KUMAR VERMAhttps://www.blogger.com/profile/06898153601484427791noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-70268077973181652262010-09-24T18:12:02.868+05:302010-09-24T18:12:02.868+05:30panch ki pancho shandar , jandar .kya bat hai .panch ki pancho shandar , jandar .kya bat hai .RAJWANT RAJhttps://www.blogger.com/profile/15964389673143254011noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-38896368748300830922010-09-24T09:05:53.875+05:302010-09-24T09:05:53.875+05:30अति सुन्दर दिल को सुकूनो-दर्द देती रचनायें। हरकीरत...अति सुन्दर दिल को सुकूनो-दर्द देती रचनायें। हरकीरत हीर जी को मुबारक बाद।ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttps://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-66992564990780566362010-09-23T11:00:30.654+05:302010-09-23T11:00:30.654+05:30मै गौरव शर्मा "भारतीय" आपको सादर नमस्कार...मै गौरव शर्मा "भारतीय" आपको सादर नमस्कार प्रेषित करता हूँ !!<br />मुझ अकिंचन के ब्लॉग में आकर आपने मेरा हौसला बढाया इसके लिए मै आभारी हूँ, मेरा परिचय सर्वप्रथम तो "भारतीय" ही है, मै रायपुर छत्तीसगढ़ का निवासी हूँ और देशभक्ति की भावना से संचालित "अभियान भारतीय" सहित अपने विचारों को आम जन तक पहुँचाने के उद्देश्य को लेकर ब्लॉग लिखने का प्रयास कर रहा हूँ |<br /> बस यही मेरा परिचय है आपसे पुनः आग्रह करता हूँ की आप मेरे नवोदित ब्लॉग में आकर मेरा हौसला बढाकर ब्लॉग को सार्थक एवं "अभियान भारतीय" को सफल बनावें .......वन्दे मातरमभारतीय की कलम से....https://www.blogger.com/profile/05587414960225014580noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-8311657443461045252010-09-22T14:06:47.005+05:302010-09-22T14:06:47.005+05:30इन क्षणिकाओं की बयानी लाजवाब है.... जो जज्बात और स...इन क्षणिकाओं की बयानी लाजवाब है.... जो जज्बात और सच की कहानी है...लोकेन्द्र विक्रम सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08180984515356933377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-55844608284412856022010-09-22T12:09:35.101+05:302010-09-22T12:09:35.101+05:30वाह........बेहतरीन........आपको सुन्दर लेखनी के लिए...वाह........बेहतरीन........आपको सुन्दर लेखनी के लिए ढेर सारी बधाई प्रेषित है कृपया स्वीकार करें.........!!भारतीय की कलम से....https://www.blogger.com/profile/05587414960225014580noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-33562282438767029492010-09-21T20:09:16.576+05:302010-09-21T20:09:16.576+05:30This comment has been removed by the author.VIVEK VK JAINhttps://www.blogger.com/profile/15128320767768008022noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-18037722957180981142010-09-20T14:20:33.276+05:302010-09-20T14:20:33.276+05:30''क्या कहू लब नहीं खुलते मेरे
हैरान हूँ त...''क्या कहू लब नहीं खुलते मेरे<br />हैरान हूँ तेरी सज़्दा देख मैं ''<br /><br />हरकीरत मेम ,<br />आप कि नज़र मेरा इक मिश्रा .<br />बहुत खूब दिल को चुने वाली है नज्मे .<br />शुक्रिया !सुनील गज्जाणीhttps://www.blogger.com/profile/12512294322018610863noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-6572328193344260382010-09-20T10:20:15.356+05:302010-09-20T10:20:15.356+05:30यहाँ ...
कोई रात
जायका लिए नहीं आती
बस नमक के साथ
...यहाँ ...<br />कोई रात<br />जायका लिए नहीं आती<br />बस नमक के साथ<br />चख ली जाती है ...<br />उम्र की सारी<br />हंसी .....!<br />hirji, lajwab rachana!संदीप https://www.blogger.com/profile/07690339282686806810noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-71805113943881116792010-09-19T13:55:20.436+05:302010-09-19T13:55:20.436+05:30यहाँ ...
कोई रात
जायका लिए नहीं आती
बस नमक के साथ
...यहाँ ...<br />कोई रात<br />जायका लिए नहीं आती<br />बस नमक के साथ<br />चख ली जाती है ...<br />उम्र की सारी<br />हंसी .....!!<br /><br /><br />फिर कुछ सवाल<br />हवा में खड़े हैं<br />ज़ेवरात में सजी<br />उस दूसरी औरत की हँसी<br />जज़्बात के सीने पर<br />पैर रखे ......<br />खिलखिला रही है .....!!<br /><br />खूबसूरत अंदाज़, लाजवाब अदायगी।।आफरीं !!!Dr.R.Ramkumarhttps://www.blogger.com/profile/09073007677952921558noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-50619365720489541792010-09-18T19:23:25.884+05:302010-09-18T19:23:25.884+05:30Harqeerat Heer ji,
kahin majbooriyaan bhi hain
ka...Harqeerat Heer ji,<br />kahin majbooriyaan bhi hain <br />kahin kamjoriyaan bhi hain <br />kahin is zindagi men <br />jashna ki taiyaariyaan bhi hain <br />Garaz ye hai nigaahen is zamin par<br />dhoondhatin hain kya <br />bichhe shabanam ke moti bhi <br />dabin chinagariyaan bhi hain<br />Aapne zindagi ki haqiqat bayan bahuat sunder dhang se ki hai badhai. Aaj bahut dinon ke baad apko padha, badhaichandrabhan bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/09515769930349777559noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-88128365537206007932010-09-17T17:18:17.878+05:302010-09-17T17:18:17.878+05:30हरकीरत जी ...आपकी रचना तो बहुत सुन्दर है ...
आपका...हरकीरत जी ...आपकी रचना तो बहुत सुन्दर है ...<br /><br />आपका बहुत बहुत शुक्रिया !<br /><br />आप उसे अपने ब्लॉग पे दीजिए !<br />इतनी सुन्दर तरहसे आपने रात और सुबह का वर्णन करते हुए गहरी बात कही है ..<br />प्रकृति का यही निया<br />पाना-खोना और<br />इक नया जन्म .....<br /><br />अब मेरी request है आप उसे यहाँ दीजिए !Coralhttps://www.blogger.com/profile/18360367288330292186noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-49058364868852195302010-09-17T15:20:52.587+05:302010-09-17T15:20:52.587+05:30कोरल जी ,
लीजिये आपके अनुरोध पे पुरानी डायरी से ...कोरल जी ,<br /><br /><br />लीजिये आपके अनुरोध पे पुरानी डायरी से वो कविता . ढूढ़ लाई हूँ .....<br /><br />दिनकर...<br />छुप जाता है जब<br />संध्या के आगोश में<br />ओढा देती है रजनी<br />झिलमिल तारों का आँचल<br />सुनहरी सय्या पर<br />होता मिलन ..<br />कुछ पल के लिए<br />खो जाते दोनों ...<br />एक दुसरे में रत<br />भोर की लालिमा पड़ती<br />मुखमंडल पर<br />होते जुदा<br />इक नया संसार बसाने<br />जन्म होता ...<br />इक नए इतिहास का ....<br />है प्रकृति का यही नियम<br />पाना-खोना और<br />इक नया जन्म .....हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-74543354722452767632010-09-17T14:23:09.829+05:302010-09-17T14:23:09.829+05:30हरकीरत जी आपकी टिप्पणीके लिए शुक्रिया ....
....
है...हरकीरत जी आपकी टिप्पणीके लिए शुक्रिया ....<br />....<br />है प्रकृति का यही नियम<br />पाना , खोना और फिर<br />इक नया जन्म ... ..<br />आपकी पूरी कविता का इंतजार रहेगा ...Coralhttps://www.blogger.com/profile/18360367288330292186noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-24132641145621613742010-09-17T14:19:12.034+05:302010-09-17T14:19:12.034+05:30@हरकीरत जी
बहुत बहुत शुक्रिया आप का ... अन्यथा मे...@हरकीरत जी <br />बहुत बहुत शुक्रिया आप का ... अन्यथा मेरी कविता दोषमुक्त नहीं हो पाती ..मैंने अपने बड़ों से सुझाव लिया और पाया कि मैंने गलत लिखा है ...मैंने कविता मे आप के द्वारा निर्देशित बदलाव कर दिए हैं ...कभी कभी बड़ी पुरानी मान्यताएं बदल जाती हैं ... :) पुनः धन्यवादस्वप्निल तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/17439788358212302769noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-36091485222434578112010-09-17T12:02:58.402+05:302010-09-17T12:02:58.402+05:30sabhi kshanikaye laajavab hai..........bahut sunde...sabhi kshanikaye laajavab hai..........bahut sunder.Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-8908327352336780792010-09-16T21:54:30.977+05:302010-09-16T21:54:30.977+05:30जी हाँ स्वप्निल जी जेवरात और ज़ज्बात दोनों ही अपने...जी हाँ स्वप्निल जी जेवरात और ज़ज्बात दोनों ही अपने आप में बहुवचन हैं ....<br />पर अक्सर ऐसा लिख दिया जाता है ....<br />कुछ पढने में रवानगी भी नहीं आ रही थी ....<br />फिर भी किसी गुरुजन की सलाह से बदल दूंगी ....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-42083255043045681092010-09-16T19:47:49.836+05:302010-09-16T19:47:49.836+05:30यहाँ ...
कोई रात
जायका लिए नहीं आती
बस नमक के साथ
...यहाँ ...<br />कोई रात<br />जायका लिए नहीं आती<br />बस नमक के साथ<br />चख ली जाती है ...<br />उम्र की सारी<br />हंसी .....<br /><br />yahi to jaayka hai zindagi ka ... <br /><br />बस दर्द नहीं बिकता ......!!<br /><br />han sach kaha ...apna dard nahi bikta ...baaki doosron ka dard bechne me aaj kal dunia aage hai ....samvedna ka vyapar sabse safal hai <br /><br /><br />antim kshanika me ek shanka ho rahi hai mujhe ...<br />jazbaat ..jazbe ka<br />aur jevraat jevar ka ...apne aap me bahu vachan hai shayd .स्वप्निल तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/17439788358212302769noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-74629035850241144732010-09-16T10:37:42.531+05:302010-09-16T10:37:42.531+05:30उत्कृष्ट रचनाएँ,
यहाँ भी पधारें :-
अकेला कलम...उत्कृष्ट रचनाएँ,<br /><br />यहाँ भी पधारें :-<br /><a href="http://akelakalam.blogspot.com" rel="nofollow">अकेला कलम...</a>SATYAhttps://www.blogger.com/profile/17480899272176053407noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-75221652309524573742010-09-16T09:53:37.721+05:302010-09-16T09:53:37.721+05:30चाहे वह कोफ्त हो या दूसरी औरत की हँसी या मुहब्बत द...चाहे वह कोफ्त हो या दूसरी औरत की हँसी या मुहब्बत देती तो दर्द ही है ।<br />दर्द भी बिकता है हरकीर जी । टी वी सीरियल्स दर्द ही तो बेचते हैं जैसे मीनाकुमारी जी की फिल्में होती थीं ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-428364154866066678.post-2539194473745238992010-09-16T09:08:33.681+05:302010-09-16T09:08:33.681+05:30I appreciate your lovely post.I appreciate your lovely post.Jesson Balaoinghttps://www.blogger.com/profile/07889337555112256129noreply@blogger.com